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अयोध्या में रचा गया इतिहास: प्रधानमंत्री मोदी ने भूमि पूजन कर रखी भव्य श्रीराम मंदिर की नींव

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 5 अगस्त को विधि-विधान के साथ अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर की नींव रखी। प्रधानमंत्री मोदी ने भूमि पूजन के बाद अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम मंदिर का शिलान्यास किया। इसके साथ ही अब मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा।

काशी के प्रकांड विद्धानों ने भूमि पूजन का अनुष्ठान कराया। प्रधानमंत्री मोदी को यजमान के तौर पर संकल्प दिलाया गया। इसके बाद गणेश पूजन के साथ भूमि पूजन का कार्यक्रम शुरू हुआ। भूमि पूजन में बैठे प्रधानमंत्री मोदी पूरी तरह से लीन हो कर मंत्रोच्चार दोहराते हुए आराधना में डूबे थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने जय श्रीराम और हर-हर महादेव की गूंज के बीच ठीक 12 बजकर 44 मिनट के मुहूर्त पर श्रीराम मंदिर की शिला रखी। भूमि पूजन में उन्होंने चांदी की 9 शिलाओं का पूजन किया। इन्हीं शिलाओं के ऊपर रामलला विराजमान होंगे।

मंत्रोच्चर के बीच भूमि पूजन का पूरा कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। भूमि पूजन कार्यक्रम करीब 48 मिनट चला। भूमि पूजन और शिला पूजन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने साक्षात दंडवत कर देश की तरक्की और कोरोना के नाश का वरदान प्रभु श्रीराम से मांगा।

प्रधानमंत्री मोदी पारंपरिक हल्के पीले रंग का कुर्ता, सफेद धोती और भगवा रंग के गमझे में थे। प्रधानमंत्री मोदी के साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत करीब 175 लोग इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बने।

कोरोना महामारी के कारण यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया। भूमि पूजन के पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर परिसर में पारिजात का पौधा भी लगाया।

प्रधानमंत्री मोदी के इस ऐतिहासिक दौरे की शुरूआत हनुमानगढ़ी के दर्शन कर की। यहां मंदिर के मुख्य पुजारी ने उन्हें चांदी की मुकुट और वस्त्र भेंट किए। इसके बाद उन्होने श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के दर्शन किए और आरती उतारी। यहां उन्होंने साष्टांग दंडवत होकर रामलला के दर्शन किए।

नरेन्द्र मोदी श्रीरामजन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला के दर्शन करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री है। वैसे उनसे पहले इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री रहते अयोध्या पहुंचे थे, लेकिन कोई भी भूमि विवाद की वजह से इस जगह पर नहीं गया।

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