अयोध्या में राम मंदिर शिलान्यास को लेकर देश के साथ साथ विदेश में भी खुशी की लहर हैं वहीं दूसरी ओर मीडिया गिरोह, तथाकथित सेक्लुयर लोगों और कट्टरपंथियों में मातम पसरा हुआ है और यही कारण है कि ये लोग राममंदिर शिलान्यास कार्यक्रम की निंदा और अफवाह फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। आइए, एक-एक देखते हैं कि ये कौन लोग हैं जो करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ रहे हैं और उन्हें आहत पहुंचा रहे हैं।
सबसे पहले बात करते हैं कि बीबीसी की। बीबीसी ने कार्टून बनाकर राममंदिर शिलान्यास का माखौल उड़ाय है। बीबीसी ने लिखा है कि आयोजन पूर्ण हुआ, श्रद्धा, भक्ति और टीआरपी का अद्भूत संगम था प्रभु। बीबीसी से सवाल है कि क्या क्रिश्चिन और पोप के बारे में कभी ऐसा कार्टून बनाने की हिमाकत कर सकता है।
आज का कार्टून: अयोध्या, श्रद्धा, भक्ति और… #AyodhyaBhoomipoojan pic.twitter.com/H26TTKkVgR
— BBC News Hindi (@BBCHindi) August 5, 2020
ऑल इंडिया मुस्लिम बोर्ड तो अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके धमकियाने अंदाज में बोल ही चुका है कि बाबरी मस्जिद थी और हमेशा मस्जिद ही रहेगी। हागिया सोफिया इसका एक बड़ा उदाहरण है। अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण निर्णय द्वारा जमीन पर पुनर्निमाण इसे बदल नहीं सकता है। दुखी होने की जरूरत नहीं है। कोई स्थिति हमेशा के लिए नहीं रहती है।
#BabriMasjid was and will always be a Masjid. #HagiaSophia is a great example for us. Usurpation of the land by an unjust, oppressive, shameful and majority appeasing judgment can't change it's status. No need to be heartbroken. Situations don't last forever.#ItsPolitics pic.twitter.com/nTOig7Mjx6
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) August 4, 2020
इसी तरह जनसत्ता अखबार ने करोड़ों लोगों की भावना के साथ खिलवाड़ करते हुए पूछा कि कोरोना काल में मंदिर पहले बने या अस्पताल?
वहीं तथाकथित सेक्युलर और मीडिया गिरोह की सक्रिय सदस्य राणा अय्यूब लिखा है कि 5 अगस्त को भारत में मुसलमानों के लिए एक और कुख्यात तारीख बन जाएगी – कश्मीर में बढ़े दमन का एक दिन, अयोध्या शहर में एक भव्य समारोह के अतिरिक्त अपमान के साथ, जहां बाबरी मस्जिद के विनाश ने 1992 में मुसलमानों पर देशव्यापी हमला किया।
Aug. 5 will become another infamous date for Muslims in India — a day of increased repression in Kashmir, with the added insult of a grand function in the city of Ayodhya, where the Babri mosque’s destruction led to a nationwide attack on Muslims in 1992.https://t.co/bwguldl8Y5
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) August 5, 2020
इसी तरह आरफा खान्नम शेरवानी लिखती हैं कि ये क्या वही देश है, जिसके लिए मेरे पूर्वजों ने लड़ाई लड़ी। मैं अब अपने देश को नहीं पहचान पा रही।
Is this the country my ancestors fought for ?
Just can’t recognise my country anymore. #5thAugust— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) August 4, 2020
पूर्व सांसद व नई दुनिया के मैनेजिंग एडिटर शाहिद सिद्दकी ने ट्वीट कर लिखा है कि आज महात्मा गांधी की विचारधारा की फिर से हत्या की जा रही है।
“Hai Ram “
The last words on lips of Mahatma Gandhi as he was assassinated by Hindutva icon Godse.
Today Mahatma’s ideology being assainated again.
Hai Ram— shahid siddiqui (@shahid_siddiqui) August 5, 2020