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पीएम मोदी ने देश और विदेश में पहुंचाया भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर का संदेश

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर को अपना आदर्श मानते हैं । बाबासाहेब को जितना सम्मान मोदी सरकार ने दिया है, उतना किसी और सरकार ने कभी नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘पंचतीर्थ’ की स्थापना कर जहां बाबासाहेब के योगदान, आदर्श और उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाया है, वहीं उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले उनके जीवन से जुड़े पांच स्थलों के विकास का फैसला किया, ताकि लोग उनके संघर्ष और शोषितों व वंचितों के लिए किए गए उनके प्रयासों से परिचित हो सके।

राष्ट्रीय स्मारक 

प्रधानमंत्री मोदी ने 13 अप्रैल, 2018 को दिल्ली स्थित बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर का राष्ट्रीय स्मारक देश को समर्पित किया। डॉ. अम्बेडकर 1951 में मंत्रिपरिषद से इस्‍तीफा देने के बाद अपनी अंतिम सांस तक दिल्ली के अलीपुर रोड स्थित आवास में रहे। यह स्मारक युवाओं को बाबासाहेब के आदर्श, समर्पण और योगदान का स्मरण कराता है।

स्मारक के बारे में –

  • प्रधानमंत्री मोदी ने 21 मार्च, 2016 को इसकी आधारशिला रखी थी।
  • इस इमारत में एक प्रदर्शनी स्‍थल, स्‍मारक, बुद्ध की प्रतिमा के साथ ध्‍यान केन्‍द्र, डॉ. अंबेडकर की 12 फुट की कांस्‍य प्रतिमा है।
  • इसके प्रवेश द्वार पर अशोक स्‍तम्‍भ (11 मीटर) और पीछे की तरफ ध्‍यान केन्‍द्र बनाया गया है।
  • इसमें सीवेज शोधन संयंत्र (30 केएलडी), वर्षा जल सिंचाई प्रणाली और नेट मीटरिंग के साथ छत पर सौर ऊर्जा (50 किलोवाट) संयंत्र स्‍थापित किया गया है।
  • इमारत 7374 वर्ग मीटर क्षेत्र में खड़ी की गई है और इसका कुल निर्मित क्षेत्र 6758 वर्ग मीटर है।
  • यह सिरोही के महाराजा का घर था, जिसे अब स्मारक में बदल दिया गया।

अंतरराष्ट्रीय स्मारक

प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर लंदन में डॉ. अम्बेडकर के बंगले का अधिग्रहण किया गया। बाबासाहेब 1920 के दशक में एक छात्र के तौर पर इस बंगले में ही रहे थे। 2050 वर्ग के इस मकान को एक अंतरराष्ट्रीय स्मारक में बदल दिया गया है। इस स्मारक को शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया गया है।

125वीं जयंती पर UN में विशेष कार्यक्रम

प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर यूएन मुख्यालय में बाबासाहेब अम्बेडकर की 125वीं जयंती मनाई गई। इसके अलावा विश्व के 186 देशों में उनसे संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए गए। यहां तक कि विदेश स्थित भारतीय मिशन और केंद्रों में डॉ. अम्बेडकर की 125वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया।

 

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