देश में कोरोना के केस एक बार फिर बढ़ने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल मीटिंग की। इसमें कोरोना महामारी ओर यूक्रेन-रूस जंग के कारण देश की आर्थिक स्थिति पर हुए असर को लेकर भी चर्चा हुई। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना अभी गया नहीं है, उसकी चुनौती टली नहीं है। इसकी गंभीर हालत हो सकती है। ये हम यूरोप और अन्य देशो में देख रहे हैं। जहां पिछले कुछ दिनों में कई केस सामने आए हैं। पिछले दो हफ्तों में केस बढ़ने से यह समझ आया है कि हमें अलर्ट रहना है। पीएम ने राज्यों से उनके हिस्से का टैक्स घटाने की अपील की है ताकि जनता पर महंगाई का बोझ कम किया जा सके।
दो साल में देश ने हेल्थ इंफ्रस्ट्रक्चर से लेकर ऑक्सीजन तक बेहतर काम किया
पीएम मोदी ने कहा कि सभी कोरोना वॉरियर्स का काम प्रशंसनीय है। कुछ राज्यों में कोरोना के केस बढ़ते रहे हैं। हमें ध्यान रखना है कि हमारे पास कुछ महीने पहले जो लहर आई, उससे हमने बहुत कुछ सीखा। सभी ओमिक्रॉन से सफलता से निपटे, मुकाबला किया। दो साल के भीतर देश ने हेल्थ इंफ्रस्ट्रक्चर से लेकर ऑक्सीजन तक काम किया। इस बैठक में पीएम मोदी ने कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन को सबसे बड़ा हथियार बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों को टीकाकरण के लिए स्कूलों में अभियान चलाना होगा।
जन-जन तक कवच बनकर पहुंची वैक्सीन ने ही तीसरी लहर में बचाया
तीसरी लहर में भारत में हालात नहीं बिगड़े। क्योंकि देश में दुनिया में सबसे तेज गति से वैक्सीनेशन हुआ है। 187 करोड़ से ज्यादा वैक्सीनशन हो जाने के कोरोना से लड़ाई में मदद मिली। हर राज्य में वैक्सीन जन-जन तक पहुंची। हर भारतीय के लिए गौरव की बात है आज कि 96प्रतिशत आबादी को पहली डोज, 15 साल से ऊपर 85 प्रतिशत को दूसरी डोज लग चुकी है। आप समझते हैं कि वैक्सीन ही सबसे बड़ा कवच है। देश में लंबे समय बाद स्कूल खुले हैं ऐसे में केस बढ़ने से चिंता बढ़ रही है।
तीसरी लहर से सबक सीखा, इन्फेक्शंस को शुरुआत में ही रोकना है
पीएम मोदी ने कहा कि मार्च में हमने 12 से 14 के लिए, कल 6 से 12 के लिए कोवैक्सिन की परमीशन मिल गई है। सभी एलिजेबल बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण हमारी प्राथमिकता है। पहले की तरह स्कूलों में विशेष अभियान चालने की जरूरत होगी। टीचर्स-पेरेंट्स और बाकी एलिजेबल लोग भी प्रिकॉशन डोज ले सकते हैं। उन्हें हमें जागरूक करते रहना होगा। तीसरी लहर के दौरान हमने हर दिन तीन लाख से ज्यादा केस देखे। हमने इसे हैंडल किया। यही बैलेंस हमारी आगे की स्ट्रैटेजी का हिस्सा होना चाहिए। इन्फेक्शंस को शुरुआत में ही रोकना है। हमारी प्राथमिकता पहले भी यही थी और अभी भी यही है।
कोरोना की चौथी लहर को रोकने के लिए केंद्र और राज्य मिलकर काम करते रहें
अस्पतालों में भर्ती मरीजों में जो गंभीर एंफ्लूएंजा के मरीज हैं, उनका शत-प्रतिशत आरटीपीसीआर टेस्ट हों। पॉजिटिव आने पर उसके सैम्पल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजिए। यह भी सुनिश्चित करें कि पब्लिक में पैनिक न फैले। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के अपडेट का काम तेजी से चलते रहना चाहिए। सभी सुविधाएं फंग्शनल रहें यह भी तय करना होगा। जिम्मेदारियां तय की जाएं, ताकि जरूरत पड़ने पर संकट न आए। केंद राज्यों के साझा प्रयास से ही देश में बड़े स्तर पर हेल्थ सेक्टर में सुधार हो पाया है।