राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और कुछ राजनीतिक नियुक्तियां अटकी पड़ी हैं। इसे लेकर पायलट खेमे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अल्टीमेटम दिया है। सचिन पायलट पिछले दो दिनों से दिल्ली में डटे हुए हैं और उन्होंने माकन समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की है। इसी बीच अटकलें लगायी जा रही हैं कि पायलट की नाराजगी दूर करने के लिए अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है। माना जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार के सहारे पार्टी के भीतर एक साल के भीतर दूसरी बार उठे बागी सुरों को कांग्रेस शांत करना चाहती है। उधर मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए पायलट खेमे और गहलोत खेमे में होड़ मच गई है।
बताया जा रहा है कि गहलोत मंत्रिमडल में 9 पद खाली हैं। सचिन पायलट का खेमा अकेले इनमें से 6-7 मंत्रीपद चाहता है। जबकि मीडिया रिपोर्ट की मानें तो राजस्थान में मुख्यमंत्री गहलोत की कैबिनेट के लिए लगभग 35 नाम चर्चा में हैं। इनमें से वो 10 निर्दलीय विधायक भी हैं, जो अशोक गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे हैं। बीएसपी वाले वो 6 विधायक भी हैं, जो अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। पायलट खेमे से अलग खुद कांग्रेस के लगभग 10 वरिष्ठ विधायक भी इस ताक में लगे हैं।
राजस्थान कांग्रेस में बगावत के संकेत और विधायकों में मंत्री पद के लिए मची होड़ के बीच गहलोत सरकार पर एक बार फिर से फोन टैपिंग के गंभीर आरोप लगे हैं। इस बार सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि वह अपने ही पार्टी के विधायकों के फोन टैप करा रही है। शनिवार (12 जून, 2021) को पायलट खेमे के एक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने भी गहलोत सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया था। सोलंकी ने कहा था कि राजस्थान में विधायकों की फोन टैपिंग कराई जा रही है। हालांकि, उनकी फोन टैपिंग हो रही है या नहीं, इस बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
Rajasthan | I don’t know whether my phone is being tapped or not. But some MLAs said that their phones are being tapped. 2-3 MLAs informed CM about this yesterday. I didn’t have any interaction with Sachin Pilot in this regard: Congress MLA Ved Prakash Solanki pic.twitter.com/XFXy4qlMK3
— ANI (@ANI) June 12, 2021
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा, ”ये निराधार आरोप हैं। एक विधायक जैसे जिम्मेदार व्यक्ति को सबूतों के आधार पर चीजों की पुष्टि करने के बाद ही सार्वजनिक बयान देना चाहिए।”
राजस्थान कांग्रेस में मचे घमासान पर बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने रविवार (13 जून 2021) को कहा, ”सीएम गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान में चल रही जासूसी की साजिश इससे पहले भी हो चुकी है। उन्होंने विधानसभा में स्वीकार किया कि वास्तव में फोन टैपिंग हुई थी। राजस्थान बेहद बुरे दौर से गुजर रहा है… यह कांग्रेस में चल रहे अंतर्कलह व असंतोष को दिखाता है।”
Conspiracy of spying going on in Rajasthan under CM Gehlot’s leadership. This happened earlier too & he admitted in Assembly that phone tapping indeed took place. Rajasthan is going through an extremely bad phase…There’s conflict in Congress: Arun Singh, Rajasthan BJP incharge pic.twitter.com/j3bHjJMpXE
— ANI (@ANI) June 13, 2021
इस मामले को लेकर राजस्थान बीजेपी प्रमुख सतीश पूनिया ने कहा था, “एक साल पहले भी ऐसा ही हाल था। आज फिर से कांग्रेस के एक विधायक कह रहे हैं कि उनके फोन टेप हो रहे हैं, जासूसी हो रही है। कांग्रेस बताए कि ये विधायक कौन हैं? कांग्रेस पार्टी सो जा नहीं तो गब्बर आ जाएगा कि तर्ज पर अपने ही विधायकों को डरा रही है।”