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पीडीपी नेता ने की मोदी सरकार की तारीफ, कहा- जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद नहीं हुई एक भी व्यक्ति की मौत

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जम्मू-कश्मीर में 6 महीनों के बाद राजनीतिक गतिविधियां अब जोर पकड़ने लगी हैं। पिछले तीन हफ़्तों में पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के 17 बड़े नेताओं को भी रिहा कर दिया गया है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री और पीडीपी नेता सैय्यद अल्ताफ बुखारी का बयान आया है। बुखारी ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। इसका श्रेय उन्होंने मोदी सरकार और राज्य की जनता को दिया है। उन्होंने कहा कि मैं दोनों को बधाई देना चाहता हूँ।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान की हुई पुष्टि

अल्ताफ बुखारी का यह बयान 10 दिसंबर, 2019 को संसद में दिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान की पुष्टि करता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से कश्मीर में एक भी गोली नहीं चलाई गई है और न ही किसी की मौत की सूचना है। वहां हालात सामान्य है। शाह ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने चिंता जतायी थी कि खून-खराबा होगा। मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। कश्मीर शांति से विकास के रास्ते पर है। 

जम्मू-कश्मीर दौरे पर 36 केंद्रीय मंत्रियों का दल

शनिवार यानी 18 जनवरी, 2020 को 36 केंद्रीय मंत्रियों का दल 6 दिवसीय जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचा। सभी मंत्री जनता से सीधे संवाद स्थापित करेंगे और राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर अनुच्छेद 370 हटाने के फायदे भी बताएंगें। इस दौरान वे उनकी समस्याओं से भी रूबरू होंगे। अनुच्छेद 370 खत्म होने और जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद मोदी सरकार की यह पहली पहल है।

मौके पर ही समस्याओं के निस्तारण का निर्देश

सरकारी स्तर पर होने वाले इस कार्यक्रम के तहत केंद्रीय मंत्री मौके पर ही समस्याओं के निस्तारण के निर्देश जारी करेंगे। कश्मीर में श्रीनगर, बारामुला और सोपोर में मंत्रियों के कार्यक्रम होंगे। दौरे का उद्देश्य लोगों की समस्याओं का समाधान करने के साथ ही विकास कार्यों में तेजी लाना और पीएम विकास पैकेज के कार्यों को गति देना है।

जम्मू-कश्मीर जाने वाले मंत्रियों का कार्यक्रम

कार्यक्रम के मुताबिक गृह राज्यमंत्री रेड्डी खुद 22 जनवरी को गांदरबल और 23 जनवरी मनिगाम में रहेंगे। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद 24 जनवरी को बारामूला के सोपोर में रहेंगे। वहीं महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी 19 जनवरी के रियासी जिले के कटरा और पंथाल इलाके में रहेंगी। जनरल (रि) वीके सिंह का 20 जनवरी को उधमपुर के टिकरी जाने का कार्यक्रम है और अगले दिन किरेन रिजिजू जम्मू के सुचेतगढ़ की यात्रा करेंगे। आरके सिंह डोडा जिले के खेल्लानी जाएंगे तो श्रीपद नायक श्रीनगर के एसकेआईसीसी में एक बैठक करेंगे। इनके अलावा जिन मंत्रियों के वहां जाने का कार्यक्रम है उनमें अनुराग ठाकुर, गिरिराज सिंह, प्रह्लाद जोशी, रमेश पोखरियाल निशंक, रेणुका सिंह, जितेंद्र सिंह और पीयूष गोयल का नाम भी शामिल है, जो इस दौरान अलग-अलग जिलों में जाएंगे।

जम्मू डिवीजन में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल

वहीं शनिवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मोबाइल कंपिनयों को जम्मू डिवीजन के अब सभी 10 जिलों में 2-जी स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करने की स्वीकृति दे दी। यही नहीं कश्मीर संभाग में भी प्रीपेड मोबाइल सेवा पर लगी पाबंदी को हटा लिया गया है। वहां भी यह सेवा बहाल करने के आदेश दे दिए गए हैं। जल्द ही जम्मू व कश्मीर के लोग इन सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे। हालांकि जम्मू संभाग में शुरू होने वाली मोबाइल इंटरनेट सेवा का लाभ केवल पोस्टपेड उपभोक्ता ही उठा पाएंगे। जहां तक कश्मीर में शुरू होने वाले प्रीपेड मोबाइल से भी उपभोक्ता केवल कॉलिंग व एसएमएस ही कर पाएंगे।

बांडीपोरा और कुपवाड़ा में मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू

हालांकि घाटी में पोस्टपेड मोबाइल सेवा गत वर्ष 14 अक्टूबर से बहाल कर दी गई थी। अब सामान्य होते हालात को देखते हुए प्रशासन ने कश्मीर के बांडीपोरा और कुपवाड़ा इलाकों में पोस्टपेड उपभोक्ताओं के लिए भी 2-जी स्पीड के साथ मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू कर दी है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने की हालात की समीक्षा

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में स्थिति की समीक्षा करते हुए राज्य प्रशासन से मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू करने को कहा था। इस आदेश के बाद ही प्रशासन ने पहले चरण में मकर संक्रांति के दिन जम्मू के पांच जिलों में 2-जी स्पीड के साथ पोस्टपेड मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की थी। उपभोक्ता इस सेवा के जरिए केवल बैंकिग आदि सेवाओं का लाभ ही उठा पा रहे हैं।

मोबाइल कंपनियों को सख्त हिदायत

मोबाइल कंपनियों को यह सख्त हिदायत दी गई है कि सेवा शुरू होने पर जम्मू-कश्मीर के उपभोक्ता मोबाइल पर किसी भी तरह की सोशल मीडिया साइट्स न खोल पाएं। ऐसा होने पर फिर अफवाहों का बाजार गरम होगा और राज्य की शांति को नुकसान पहुंचेगा। यदि किसी तरह की भी सोशल साइट्स के जरिए राज्य में फिर से अशांति का माहौल पैदा होता है तो राज्य प्रशासन संबंधित मोबाइल कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।

राजनीतिक गतिविधियों में आई तेजी

कश्मीर घाटी ​की राजनीतिक परिस्थिति में उस समय बदलाव देखने को मिला, जब पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी सहित कई बड़े नेता राज्य के एल.जी मुर्मू से मिले और बाद में जम्मू कश्मीर के 2 दिनों के दौरे पर आये विदेशी डिप्लोमेटों से भी मिले। हालांकि इन बैठकों के बाद पीडीपी ने इन नेताओं को अपनी पार्टी से बर्खास्त किया था। गौरतलब है कि अनुछेद 370 हटने और राज्य के ​यूनियन टेरिटरी बनने के बाद कश्मीर में राजनीतिक गतविधियाँ थम गईं थीं। क्योंकि माहौल खराब होने से बचाने के लिए जम्मू-कश्मीर के कई बड़े नेताओं को या तो हिरासत में लिया गया था या फिर घरों में नज़रबंद कर दिया गया था। 

 

 

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