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एनआईए ने बिहार में पीएफआई आतंकी मॉड्यूल की जांच के लिए 32 ठिकानों पर की छापेमारी, कई ठिकानों से मिले अहम दस्तावेज

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बिहार में पीएफआई के बढ़ते नेटवर्क को तोड़ने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मुहिम तेज कर दी है। एनआईए ने गुरुवार (08 सितंबर, 2022) को बिहार में 32 जगहों पर छापेमारी की। सुबह-सुबह एनआईए की टीम सबसे पहले अररिया के जोकीहाट पहुंची जहां एहसान परवेज के घर पर धावा बोला और तलाशी ली। वहीं इसके बाद टीम दरभंगा पहुंची जहां नुरुद्दीन जंगी के घर के पास छापेमारी की। राजधानी पटना के साथ ही छपरा, वैशाली, नालंदा, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, कटिहार और अररिया जिले में मारे गये छापे में कई जगहों से लैपटॉप, मोबाइल, किताबें, दस्तावेज आदि सामग्री जब्त की गयी।

सूत्रों के मुताबिक, एनआईए की टीम ने बिहारशरीफ में एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष शमीम अख्तर के सोहसराय थाना क्षेत्र के खासगंज मोहल्ला स्थित घर पर छापेमारी की। तीन घंटे तक तलाशी के बाद टीम कई दस्तावेज अपने साथ ले गयी। वहीं, कटिहार जिले में हसनगंज के मुजफ्फर टोले में पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष महबूब आलम के घर की तलाशी ली गयी।

पटना के फुलवारीशरीफ में मिल्लत कॉलोनी निवासी इम्तियाज दाउदी के घर करीब पांच से छह घंटे जांच चली। फुलवारीशरीफ के ही गोनपुरा में बीएन कॉलेज के क्लर्क मो अमीन एवं जमीन कारोबारी मो खालीकुर्रजमा के घर पर जांच हुई। छपरा के जलालपुर की माधवपुर पंचायत के रुदलपुर गांव निवासी और सरकारी शिक्षक परवेज आलम के घर पर जांच टीम ने छापेमारी की। फुलवारीशरीफ थाना में दर्जप्राथमिकी में परवेज आलम का नाम 26वें नंबर पर है।

गौरतलब है कि 11 जुलाई,2022 को फुलवारीशरीफ के नया टोला से पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े लोगों के अड्डों पर पटना पुलिस ने छापेमारी की थी। इस मामले में सिमी से जुड़े अतहर परवेज झारखंड से रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर मोहम्मद जलालुद्दीन खां, अरमान मलिक समेत अन्य मामलों से जुड़े गजवा ए हिंद के व्हाट्सएप ग्रुप चलाने वाले मोहम्मद दानिश को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इस पूरे मामले के खुलासे में यह बात सामने आयी थी कि नया टोला के रहने वाले रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर मोहम्मद जलालद्दीन खान के मकान में ही पीएफआई व एसडीपीआई का ट्रेनिंग कैंप चलाया जा रहा था।

आइए जानते हैं कि पीएफआई किस तरह हिन्दुओं को तोड़ने और भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए खतरनाक साजिश कर रहा है…

पीएफआई का ‘मिशन 2047’ जानकर उड़ जाएंगे होश

पटना पुलिस ने जुलाई 2022 में आतंकी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक बड़ी साजिश का खुलासा किया, जो भारत खासकर हिन्दुओं का होश उड़ाने वाला है। पीएफआई भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए ‘मिशन 2047’ पर काम कर रहा है और इसके लिए उन्होंने अपना ठिकाना बिहार के पटना को बनाया है। पटना के फुलवारी सरिफ से गिरफ्तार दो आतंकियों के पास से आठ पेज का विजन पेपर भी मिला, जिसमें वर्ष 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की बात कही गई है। दोनों से पूछताछ में और उनके पास से बरामद दस्तावेज से खुलासा हुआ कि पीएफआई देश तोड़ने और मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए मुस्लिम युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहा है। 

पीएफआई का ‘India vision 2047’

पटना पुलिस ने पकड़े गए दो आतंकियों के घर से PFI और SDPI के पोस्टर समेत अन्य आपत्तिजनक दस्तावजे बरामद की। दस्तावेजों से पता चलता है कि आतंकियों ने एक विजन पेपर तैयार किया था जिसका नाम ‘India vision 2047’ रखा था। इनके ठिकानों से कई आपत्तिजनक बैनर पंफलेट, वीडियो समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए। इनके पास से प्राप्त आठ पेज के विजन पेपर में बताया गया है कि अगर मुसलमानों का केवल 10 प्रतिशत हिस्सा भी लामबंद होकर खड़ा हो जाए तो वह बहुसंख्यक कायर समुदाय को घुटनों पर ला देगा। ये इसी सोच के सहारे भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते थे।

आजादी के 100 वर्ष होने पर भारत इस्लामिक राष्ट्र में बदल जाएगा

पीएफआई का साफ़ कहना है कि 75 साल पहले एक इस्लामिक मुल्क भारत से अलग हुआ और जब 2047 में भारत आजादी के 100 वर्ष मनायेगा, तब तक भारत इस्लामिक राष्ट्र में बदल जाएगा। पीएफआई ने बाकायदा अपने मिशन को कामयाब करने के लिए चार स्टेज प्लान तैयार किया है, जिसमें पीएफआई से अधिक संख्या में मुस्लिमों को जोड़ना और देश के खिलाफ जंग करने जैसी बातें भी शामिल है। दस्तावेज में लिखा है कि मुसलमानों को एक करना है और हिन्दुओं में फूट डालनी है। एक स्टेज आने पर पीएफआई मुसलमानों को मार्शल के रूप में तैयार करेगी और फिर यह लोग मुसलमानों की मुखालफत करने वाले लोगों पर अटैक करेंगे।

 

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