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मोदी सरकार ने नए कृषि कानूनों के बारे में करीब 93 लाख किसानों को दी जानकारी, 1.4 लाख प्रशिक्षण और वेबिनार सत्र का किया आयोजन

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मोदी सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि नए कृषि कानूनों के बारे में किसानों को न तो जानकारी दी गई और न ही उनसे गहन परामर्श कर उनको भरोसे में लिया गया। उधर मोदी सरकार ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। शुक्रवार को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि मोदी सरकार ने पिछले छह महीने में करीब 1.4 लाख प्रशिक्षण और वेबिनार सत्र के जरिए करीब 93 लाख किसानों से संपर्क स्थापित किया और उन्हें नए कृषि सुधार कानूनों के बारे में जानकारी दी।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, “एक मनगढ़ंत धारणा है कि नए कृषि कानूनों के विरोध के मामले में केंद्र सरकार ने किसानों और उनके प्रतिनिधियों के साथ व्यापक संपर्क और परामर्श नहीं किया है।” उन्होंने कहा कि बिलों के बारे में बड़ी संख्या में किसानों को सूचित करने के लिए ग्रामीण स्तर पर हजारों छोटी सभाओं के साथ एक व्यापक जागरूकता और जनसंपर्क अभियान चलाया गया।

नए कानूनों के बारे में किसानों को जानकारी देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें प्रशिक्षण और वेबिनार सत्र आयोजित करना शामिल है। अधिकारी ने कहा कि जून 2020 में 708 प्रशिक्षण और वेबिनार आयोजित किए गए थे, जिनमें 21823 किसानों ने हिस्सा लिया। जुलाई में 873 प्रशिक्षण और वेबिनार आयोजित किए गए, जिनमें 26,196 किसानों ने हिस्सा लिया। इसके बाद अगस्त में 852 और सितंबर में 840 प्रशिक्षण और वेबिनार सत्र आयोजित किए गए, जिनमें 25,569 किसान शामिल हुए।

इसी तरह अक्टूबर में भी 36,102 प्रशिक्षण और वेबिनार सत्रों के जरिए 27 लाख से अधिक किसानों तक पहुंचा गया। जबकि नवंबर में 64,679 सत्रों में सबसे अधिक 64 लाख किसानों को कवर किया गया। इन आंकड़ों के बारे में जानकारी देते हुए अधिकारी ने कहा कि अक्टूबर महीने के दौरान किसानों को 2.23 करोड़ एसएमएस संदेश भेजे गए।

अधिकारी ने कहा कि किसानों को जानकारी देने के मामले में खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहल की। उन्होंने विभिन्न मंचों से जागरुकता पैदा करने का काम किया। उन्होंने हफ्ते में कम-से-कम एक बार लोगों को संबोधित किया। इन सुधारों पर 25 बार बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से सुधारों के बारे में बात की।

अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार चुनावों के दौरान भी कई चुनावी रैलियों में नए कृषि कानूनों के बारे में बातें कीं और एनडीए को जीत मिली। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में नए कृषि कानून का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न प्रगतिशील किसानों के उदाहरणों का हवाला दिया, जिन्हें कानून के नए प्रावधानों का लाभ मिला था। प्रधानमंत्री ने किसानों की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की।

अधिकारी ने यह भी बताया कि कानूनों को तैयार करते समय कृषि मंत्रालय ने विभिन्न विशेषज्ञों, पूर्व अधिकारियों, विभिन्न राज्यों के कृषि विभागों और कुछ प्रगतिशील किसानों और मंडी अधिकारियों से परामर्श किया था। अधिकारी ने कहा, “मंत्रालय ने एक प्रमुख किसान संघ से भी परामर्श किया और उसके सुझाव पर अध्यादेश में बदलाव भी किया।” अधिकारी ने कहा कि सुधारों की घोषणा होने के बाद कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राज्य के कृषि मंत्रियों, किसान यूनियनों, राजनीतिक दलों, आढ़तियों और उद्योग समूहों से मुलाकात की।”

अधिकारी के मुताबिक बिलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद सरकार ने किसान यूनियनों के साथ पांच बैठकें कीं। अक्टूबर में केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल के साथ पंजाब के 29 किसान यूनियनों की बैठक हुई। इसके बाद 13 नवंबर, 2 दिसंबर, 3 दिसंबर और 5 दिसंबर को तीन केंद्रीय मंत्रियों नरेन्द्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश ने पंजाब के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कीं और उनकी मांगों पर चर्चा की।

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