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मोदी सरकार ने लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधे पैसे भेजकर 1.78 लाख करोड़ रुपये बचाया, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर फर्जी लाभार्थियों पर कसा शिकंजा

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देश की बागड़ोर संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शासन संचालन और जनसेवा के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर जोर दिया। इसी का नतीजा है कि नई-नई टेक्नोलॉजी का विकास और देश का तेजी से डिजिटलीकरण हो रहा है। इससे सरकार की विभिन्न योजनाएं जमीनी स्तर पर बेहतर तरीके से लागू हो रही है। इसका सबसे अधिक फायदा देश के गरीब, पिछड़े और वंचित समुदायों को मिल रहा है। रसोई गैस सब्सिडी, राशन के पैसे और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का पैसा डीबीटी के जरिये सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचाकर मोदी सरकार अब तक 1.78 लाख करोड़ रुपये बचा चुकी है। इसके साथ ही फर्जी लाभार्थियों को बाहर कर चोरी रोकने में कामयाबी हासिल की है।

मोदी सरकार ने पहली बार फसलों की एमएसपी पर होने वाली खरीद का भुगतान सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर करने का फैसला किया। इसी तरह देश में विकसित आरोग्य सेतु एप और कोविन पोर्टल का इस्तेमाल कोरोना से बचाव और टीकाकरण के लिए किया जा रह है। इसने दुनिया के कई देशों का ध्यान भारत की ओर खींचा और भारत इसे दुनिया के साथ साझा भी कर रहा है।

डीबीटी से करीब 90 करोड़ लोगों को फायदा

आज 54  मंत्रालयों की 314 योजनाओं का लाभ डीबीटी के माध्यम से दिया जा रहा है। करीब 90 करोड़ लोगों को इसका फायदा मिल रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 1.35 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंचाए गए। एमएसपी पर खरीदे गए गेहूं का लगभग 85 हजार करोड़ रुपये सीधा किसानों के बैंक खातों में भेजे गए।

                       मोदी राज में फर्जी लाभार्थियों पर कार्रवाई

               योजनाएं                    फर्जी लाभार्थी बाहर
             एनएसएपी                     7.57 लाख
             ‘पहल’ योजना                    4.49 करोड़
             पीडीएस                    2.98 करोड़
             छात्रवृत्ति योजनाएं                       14.77 लाख

मार्च 2020 तक के आंकड़े

 

 

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