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ममता बनर्जी ने राकेश टिकैत को दिखाई औकात, बिना मिले लौटी बंगाल, यूपी गेट पर इंतजार करते रह गए टिकैत

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछले पांच दिनों से दिल्ली दौरे पर थीं और विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर बीजेपी के खिलाफ मोर्चाबंदी की तैयारी में जुटी थीं। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत कार्यकर्ताओं के साथ ममता बनर्जी के आने का इंतजार कर रहे थे। उन्हें उम्मीद थी कि ममता बनर्जी धरना स्थल पर उनसे मुलाकात करेंगी, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। ममता बनर्जी दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों से मिले बिना ही पश्चिम बंगाल रवाना हो गईं।

आंदोलन स्थल पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पहुंचने की सूचना पर पुलिस के अधिकारी सुबह से ही सतर्क रहे। ममता के आने से पहले ही धरनास्थल पर सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई। बंगाल की मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए पुलिस ने धरना स्थल के आसपास गहनता से जांच की। वहीं बम निरोधक दस्ता व खुफिया विभाग भी अलर्ट पर रहा। लोकल इंटेलिजेंस यूनिट की टीम आंदोलन स्थल पर निगरानी बनाए रखी। लेकिन ममता बनर्जी देर शाम तक भी यूपी गेट नहीं पहुंची और बंगाल चली गई।

जब राकेश टिकैत से ममता बनर्जी के नहीं आने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बहाना बनाते हुए कहा कि उन्हें ममता बनर्जी के आने की कोई जानकारी नहीं थी। अपना बचाव करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि  उन्हें मीडियाकर्मियों से उनके यहां आने की सूचना मिली थी। उन्होंने ममता को यहां आने का न्योता नहीं दिया था। सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी किसान नेताओं से मिलने की इच्छुक नहीं थीं और ना ही उनके कार्यक्रम में ऐसा कोई प्लान था। लेकिन चर्चा थी कि शुक्रवार (30 जुलाई, 2021) को ममता यूपी गेट पहुंंचकर बीकेयू नेता राकेश टिकैत से मुलाकात कर सकती हैं।

जिस तरह से ममता बनर्जी ने किसान नेताओं की अनदेखी की है, उससे लगता है कि ममता बनर्जी को किसान आंदोलन की सच्चाई पता है। यह आंदोलन सिर्फ पंजाब और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को देखते हुए जारी रखा गया है। इसके बाद इसका कोई अस्तित्व नहीं है। पश्चिम बंगाल में चुनाव खत्म हो चुका है और 2024 के आम चुनाव में काफी वक्त है। ऐसे में ममता बनर्जी ने राकेश टिकैत और अन्य किसान नेताओं को ज्यादा भाव देना उचित नहीं समझा। हालांकि मीडिया के जरिए किसानों से मिलने की खबर फैलाकर राजनीतिक संदेश देने में कामयाब रही, लेकिन राकेश टिकैत इंतजार करते रह गए। 

गौरतलब है कि ममता बनर्जी की जीत के बाद राकेश टिकैत और कई किसान नेता बंगाल जाकर उनसे मुलाकात कर चुके हैं। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल चुनाव में राकेश टिकैत सहित कई किसान नेताओं ने ममता बनर्जी के पक्ष में प्रचार भी किया था। अयोध्या में उन्होंने कहा था, “हम भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार करेंगे। हम पश्चिम बंगाल के लोगों से भाजपा को छोड़कर किसी भी राजनीतिक दल को वोट देने का अनुरोध करेंगे, क्योंकि यह झूठे वादों पर चुनाव जीतते हैं।” उधर ममता बनर्जी भी समय-समय पर किसान नेताओं से फोन पर बात करती रहती हैं। लेकिन जीत के बाद दिल्ली आने और पांच दिन तक रहने के बावजूद किसान नेताओं से नहीं मिलने पर कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी ने किसान नेताओं को उनकी औकात बता दी है।

 

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