सिख फॉर जस्टिस (एसजेएफ) ही अकेला ऐसा संगठन नहीं है, जो खालिस्तान के मुद्दे पर लोगों को भड़काने का काम कर रहा है। भारत में और भारत के बाहर अमेरिका-कनाडा और आस्ट्रेलिया आदि में ऐसे और भी संगठन कुकुरमुत्तों की तरह पैदा हो रहे हैं, जो खालिस्तान समर्थन को हवा दे रहे हैं। खासकर अमेरिका में ऐसे कई संगठन तेजी से सक्रिय होकर खालिस्तान का झंडा उठाए घूम रहे हैं। वर्ल्ड सिख पार्लियामेंट (डब्ल्यूएसपी) खालिस्तान समर्थक संगठन हैं जिसने न्यूयॉर्क में अपनी 5वीं आम सभा में अलग पंजाब की मांग को समर्थन की घोषणा की है। सिख यूथ फॉर अमेरिका भी एक नया संगठन है जो खालिस्तान को समर्थन करता है। इसके 200 से ज्यादा मेंबर हैं। एसजेएफ ने पंजाब को भारत से अलग देश बनाने के लिए 28 जनवरी को कैलिफोर्निया के सेन फ्रांसिस्को में खालिस्तान रेफरेंडम कराने का ऐलान किया है। भारत के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे खालिस्तानियों को अमेरिका भी नहीं रोक रहा है।कई गुरुद्वारों प्रबंधन समितियों पर खालिस्तानियों का नियंत्रण
सबसे खतरनाक बात तो यह है कि धार्मिक स्थल गुरुद्वारों में खालिस्तानी समर्थक अपनी पैठ बनाने में लगे हैं। यहां तक कि कई गुरुद्वारों की प्रबंधन कमेटियों तक में इन्होंने सदस्यता हासिल कर ली है। कैलिफोर्निया की बात करें तो यहां पर करीब ढाई लाख सिख रहते हैं। यहां सेन जोंस गुरुद्वारा, गुरुद्वारा फ्रेमोंट, अल सोब्रेंट, रोसविले और युवा सिटी जैसे कई गुरुद्वारे हैं। गुरुद्वारा फ्रेमोंट सबसे बड़ा है। कई गुरुद्वारों की प्रबंधन समितियों पर खालिस्तानी समर्थकों का कब्जा है। गुरुद्वारा फ्रेमोंट साहिब पर खालिस्तान के समर्थक सिख फॉर जस्टिस की मदद का आरोप है। एसजेएफ न्यूयॉर्क, लोस एजिलिस, मियामी और वॉशिंगटन के कई गुरुद्वारों के प्रबंधन को भी गुरुद्वारा फ्रेमोंट की तरह हथियाने की कोशिश में लगा हुआ है।पंजाब को अलग देश बनाने के लिए 28 को सेन फ्रांसिस्को में रेफरेंडम
अमेरिका में भारत विरोधी अभियान की कमान सिख फॉर जस्टिस (एसजेएफ) ने संभाल रखी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एसजेएफ ने पंजाब को भारत से अलग देश बनाने के लिए 28 जनवरी को कैलिफोर्निया के सेन फ्रांसिस्को में खालिस्तान रेफरेंडम कराने का ऐलान किया है। भारत के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे खालिस्तानियों को अमेरिका भी नहीं रोक रहा है। अमेरिका के द्वारा भारत पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों को लेकर पहले ही दोनों देशों के रिश्तों में तनाव है, इसी बीच, कैलिफोर्निया में हो रहे कथित रेफरेंडम को लेकर संबंध प्रभावित होने की आशंका है, क्योंकि भारत ने 2019 में अलगाववाद का समर्थन करने के लिए सिख फॉर जस्टिस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
खालिस्तानी समर्थकों की पूरी गंभीरता से जांच करें अमेरिकाः थिंक टैंक
अमेरिकी थिंक टैंक हडसन इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट ‘पाकिस्तान डिस्टेबलाइज प्लेबुकः खालिस्तान सेपरेटिस्ट एक्टिविज्म विदिन अमेरिका’ में कहा है कि अमेरिका में कई गुरुद्वारे अब चरमपंथ, उग्रवाद और हिंसा की जन्म स्थली बन गए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत कई बार खालिस्तानी समर्थकों पर कार्रवाई की मांग कर चुका है। चरमरंथी संगठन पूरी दुनिया के लिए खतरा है इसलिए खालिस्तान से जुड़े संगठनों और उनके समर्थकों की सभी गतिविधियों की जांच होनी चाहिए। एसजेएफ के प्रवक्ता का कहना है कि 28 जनवरी को सैन फ्रांसिस्को में वोटिंग होनी है। इससे पहले, लंदन, जिनेवा और स्विडजरलैंड में 2021, इटली में 2022 में, टोरंटो और ब्रेम्पटन में 2022 में व ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में 2023 में खालिस्तान के लिए रेफरेंडम आयोजित किया गया था।
अमेरिका में खालिस्तान समर्थकों ने फिर हिंदू मंदिर को बनाया निशाना
अमेरिका में एक बार फिर हिंदू मंदिर को निशाना बनाया गया है। खालिस्तान समर्थकों ने हिंदू मंदिर पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे हैं। खालिस्तानियों ने 14 दिन में दूसरी बार हिंदू मंदिर को निशाना बनाकर भारत विरोधी नारे लिखे हैं। कैलिफोर्निया स्थित हिंदू मंदिर पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए हैं। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने जानकारी दी है कि हाल ही में कैलिफोर्निया के स्वामी नारायण मंदिर पर भी हमला हुआ था और उस दौरान भी मंदिर पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए थे। कनाडा में भी हाल के समय में कई हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया है।
#Breaking: Another Bay Area Hindu temple attacked with pro-#Khalistan graffiti.
The Vijay’s Sherawali Temple in Hayward, CA sustained a copycat defacement just two weeks after the Swaminarayan Mandir attack and one week after a theft at the Shiv Durga temple in the same area.… pic.twitter.com/wPFMNcPKJJ
— Hindu American Foundation (@HinduAmerican) January 5, 2024
कैलिफोर्निया में कई हिंदू मंदिरों को बनाया जा रहा है निशाना
कैलिफोर्निया के ताजा मामले में बे एरिया में स्थित हिंदू मंदिर ‘शेरावाली मंदिर’ पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए हैं। कुछ ही दिन पहले कैलिफोर्निया के शिव दुर्गा मंदिर में चोरी की घटना हुई थी। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन भी मंदिर समिति से जुड़े लोगों के संपर्क में है। घटना की पुलिस में शिकायत की गई है। कैलिफोर्निया के स्वामी नारायण मंदिर पर हमले की अमेरिका के विदेश विभाग ने निंदा की थी। बयान में कहा गया था कि ‘हम कैलिफोर्निया में हिंदू मंदिर श्री स्वामीनारायण मंदिर पर हमले की निंदा करते हैं। साथ ही हम नेवार्क पुलिस विभाग द्वारा दोषियों को जवाबदेह ठहराने की कोशिशों की भी तारीफ करते हैं।’
अमेरिकी मंदिरों पर हुए हमले के पीछे खालिस्तान समर्थकों का हाथ
कैलिफोर्निया में दोनों मंदिरों पर हुए हमले के पीछे खालिस्तान समर्थकों का हाथ माना जा रहा है। भारत ने भी विदेशों में हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों की निंदा की। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में हिंदू मंदिरों पर हमलों और भारत विरोधी नारे लिखने की घटनाओं पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि कट्टरपंथी और भारत विरोधी तत्वों को भारत से बाहर छूट नहीं मिलनी चाहिए। भारत के अमेरिका में राजदूत ने भी इन घटनाओं को लेकर अमेरिका सरकार के सामने शिकायत दर्ज कराई है। फिलहाल अभी तक दोनों मामलों में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि हाल के समय में भारत के बाहर हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने का चलन बढ़ा है।
We are once again encouraging all temple leaders to download the @HinduAmerican temple safety guide https://t.co/zJnU1pdIl4
The guide specifically discusses that temple graffiti qualifies as a hate crime and also the importance of installing working security cameras and alarm… pic.twitter.com/IbJ16Y0t3o
— Hindu American Foundation (@HinduAmerican) January 5, 2024
स्वामी नारायण मंदिर को नुकसान, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी की निंदा
इससे पहले दिसंबर में खालिस्तान समर्थकों ने कैलिफोर्निया के नेवार्क में स्वामीनारायण मंदिर को नुकसान पहुंचाया था। हिंदू मंदिर की बाहरी दीवार को भारत विरोधी नारों से विकृत कर दिया गया था। नेवार्क पुलिस बर्बरता की जांच कर रही है। इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने कैलिफोर्निया में श्री स्वामीनारायण मंदिर में हुई तोड़फोड़ की निंदा की थी। विभाग ने नेवार्क पुलिस विभाग के कार्यों को सराहा था और जिम्मेदार लोगों पर तेजी से कार्रवाई की बात कही। अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक्स पर साझा की गई एक पोस्ट में कहा, “हम कैलिफोर्निया में श्री स्वामीनारायण मंदिर हिंदू मंदिर की बर्बरता की निंदा करते हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए नेवार्क पुलिस विभाग के प्रयासों का स्वागत करते हैं कि जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।’
कट्टरपंथी और अलगाववादी ताकतों के लिए कोई जगह नहीं- जयशंकर प्रसाद
विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका में हिंदू विरोधी घटनाओं पर कहा है कि कट्टरपंथी, अलगाववादी और ऐसी किसी भी ताकत को बिल्कुल भी जगह नहीं दी जानी चाहिए। अमेरिका में हमारे वाणिज्य दूतावास ने इस मामले पर सरकार से शिकायत की है। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।” बताया गया है कि जिस मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया है, वह वॉशिंगटन डीसी से 100 किमी दूर स्थित है। हिंदू अमेरिकी फाउंडेशन की तरफ से सोशल मीडिया पर साझा तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि इस मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे हैं। इतना ही नहीं मंदिर के बोर्ड पर भी भारत-विरोधी चित्रकारी की गई है। हिंदू-अमेरिकी संस्थान ने इस घटना की हेट क्राइम (नफरती अपराध) के तौर पर जांच की मांग की है।
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में भी खालिस्तानियों के निशाने पर हैं हिंदू मंदिर
कनाडा में भी कई हिंदू मंदिरों को ऐसे ही निशाना बनाया गया है। गौरतलब है कि उत्तरी अमेरिका और कनाडा में सक्रिय कुछ खालिस्तान समर्थक संगठन लगातार हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। खासकर कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में इसी साल अगस्त में स्वामीनारायण मंदिर को निशाना बनाया गया था। मंदिर के गेट पर खालिस्तान जनमत संग्रह के पोस्टर लगा दिए गए, जिन पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की भी तस्वीर लगी है। पोस्टर में लिखा गया था कि ‘कनाडा 18 जून की हत्या की घटना में भारत की भूमिका की जांच कर रहा है।’ मंदिर में हुई घटना को लेकर सैन फ्रैंसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने बयान जारी किया। इसमें घटना की कड़ी निंदा की गई। दूतावास ने कहा कि इस तरह की घटनाएं भारतीय समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाली हैं। हमने मामले में जल्द से जल्द जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।