केरल हाई कोर्ट ने मलयालम न्यूज चैनल ‘मीडिया वन’ के प्रसारण पर रोक लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराया है। हाई कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली चैनल की याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति एन नागरेश की पीठ ने गृह मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत किए फाइलों का अध्ययन करने के बाद अपील को खारिज कर दिया। गृह मंत्रालय की सिफारिश के बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने चैनल को बंद करने का आदेश दिया था।
जमात-ए-इस्लामी के एक प्रमुख सदस्य से जुड़े मलयालम चैनल ‘मीडिया वन’ के प्रसारण संबंधी लाइसेंस रद्द करने के मामले में हाई कोर्ट ने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए तथ्यों के आधार पर चैनल के नवीनीकरण को इनकार किए जाने का पर्याप्त आधार है। 2020 में दिल्ली दंगा पर गलत रिपोर्टिंग के कारण 48 घंटे का बैन लगाया गया था।
केरल के सांसदों ने सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय को मीडिया वन न्यूज के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग लाइसेंस रद्द करने के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। ये सांसद राष्ट्रीय सुरक्षा की अनदेखी कर इस चैनल के लिए वकालत कर रहे हैं। सांसदों ने कहा कि सरकार यह नहीं बता रही है कि वे चिंताएं क्या हैं, जिसके कारण सुरक्षा मंजूरी नहीं मिल सकी।
Kerala HC dismisses Media One’s plea and said there are sufficient grounds for Home Ministry denying renewal of licence. All the 19 Kerala MPs( pappu was unaware) who batted for #MediaOne overlooking national security must apologize to the nation. @INCKerala @CPIMKerala pic.twitter.com/wtExhixzRt
— JOTHISH NAIR (@jothishnair1010) February 8, 2022
गौरतलब है कि मार्च 2020 में सूचना प्रसारण मंत्रालय ने मलयालम चैनल्स ‘एशियानेट’ और ‘मीडिया वन’ के प्रसारण पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया था। केंद्र सरकार के आदेश में कहा गया था कि दिल्ली हिंसा पर चैनल की रिपोर्टिंग सीएए समर्थकों की तोड़फोड़ पर केंद्रित होने की वजह से पक्षपातपूर्ण लगती है और एक समुदाय का पक्ष ज़्यादा दिखाया जा रहा है।