Home समाचार सेकुलर केजरीवाल ने श्रीमद् भागवत गीता छूने से भी किया इनकार

सेकुलर केजरीवाल ने श्रीमद् भागवत गीता छूने से भी किया इनकार

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ श्रीमद् भागवत गीता को छूने से भी इनकार कर दिया है। सेकुलर होने का दावा करने वाले लोग तो हर धर्म का सम्मान करते हैं लेकिन केजरीवाल ने तो गीता भेंट करने आए लोगों से इसे लेने की बात तो दूर छूने तक से इनकार कर दिया।

असल में अमेरिका में आम आदमी पार्टी की एनआरआई सेल के सह संयोजक और चंदा बंद सत्याग्रह शुरू करने वाले पार्टी से निलंबित डॉ मुनीश रायजादा के नेतृत्व में संगठन के सदस्य केजरीवाल से मिलने पहुंचे। ये सभी लोग दिल्ली के मुख्यमंत्री को श्रीमद् भागवत गीता भेंट करने गए थे। इन लोगों का कहना था कि केजरीवाल गीता के सबसे महत्वपूर्ण संदेश ‘जैसा कर्म वैसा फल’ को भूल चुके हैं, इसीलिए यह जरूरी है कि उनको इस संदेश से फिर से अवगत कराया जाए। लेकिन रविवार को घर पर होने के बाद भी केजरीवाल ने इन लोगों को लंबा इंतजार करवाया और जब मिले भी तो गीता लेने से साफ मना कर दिया।

चंदा बंद सत्याग्रह (नो लिस्ट, नो डोनेशन) शुरू करने वाले मुनीश रायजादा के साथ लंदन से आए जयनाथ मिश्र और माधव झा सहित 25 सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल था। रायजादा के साथ उनके दो लोगों को ही सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री निवास में जाने की अनुमति दी गई। बाकी लोगों को सड़क किनारे फुटपाथ पर बैठने को मजबूर किया गया।

रायजादा का आरोप है कि पार्टी अपने मूल सिद्धांत से भटक गई है। उनका कहना है कि वे लोग केजरीवाल से कहने गए थे कि वे सच्चाई के रास्ते पर चलें। चंदा चोर गैंग की तरह काम न करें। अच्छा कर्म करें और उस पर भरोसा रखें।

चंदा बंद सत्याग्रह के सदस्यों का कहना है कि आम लोग पार्टी को तब तक चंदा ना दें, जब तक पार्टी अपने दानकर्ताओं की लिस्ट को सार्वजनिक नहीं कर देती। उन्होंने 4 फरवरी को पंजाब में संपन्न हुए चुनाव में आप पर 21 आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाने का भी आरोप लगाया है। जिनमें से नौ पर गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

मुनीश रायजादा का कहना है कि आम आदमी पार्टी दो मुख्य वादों के साथ राजनीति में आयी थी। पहला राजनीतिक दान में पारदर्शिता, और दूसरा भ्रष्ट एवं आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को पार्टी से दूर रखने का। लेकिन हाल के फैसलों और आचरण से लगता है कि पार्टी ने खुद को अपने उसूल और आदर्शों से कहीं दूर खड़ा कर लिया है।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी लोगों को आदर्शों और नीतियों के नाम पर बेवकूफ बना रही है, जिसका पालन वह खुद नहीं करती। हम केजरीवाल को यह समझाना चाहते थे कि कर्म के न्याय का अपना तरीका है और यह देर सबेर हो ही जाता है।

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