कांग्रेस राज में दरबारी पत्रकारों का खूब बोलबाला था। उन्होंने सत्ता का महिमामंडन करने में पत्रकारिता के सारे वासूलों की तिलांजलि दे दी थी। उनके लिए खबरों से न्याय से ज्यादा अपने लिए सुविधाएं हासिल करना और अपने राजनीतिक संरक्षकों को खुश करना महत्वपूर्ण था। वहीं गांधी परिवार की कठपुतली केंद्र और राज्यों की सरकारों ने भी देश में ही उन्हें हर तरह की सुविधाएं प्रदान करने का मामले हो या विदेश यात्रा हो, उनका पूरा ख्याल रखा। आज वहीं पत्रकार नमक का हक अदा कर रहे हैं। मोदी राज में हाशिये पर पड़े ये पत्रकार पत्रकारिता की आड़ में कांग्रेस की डूबती नैया को अपने कंध पर लेकर पार लगाने की कोशिश कर रहे हैं। आइए देखते हैं किस तरह ये कांग्रेस का पक्षकार बनकर मोदी सरकार के विरोध में एजेंडा चला रहे हैं।
उदयपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर लगा है। इसमें चर्चा के लिए प्रस्ताव रखा गया कि ‘एक परिवार, एक टिकट’ की व्यवस्था की जाए और परिवार के दूसरे सदस्य को टिकट तभी मिले जब वह संगठन में कम से कम पांच साल काम करे। लेकिन शुक्रवार को (13 मई,2022) एनडीटीवी के एक विवादास्पद ट्वीट ने खबर को और दिलचस्प बना दिया। उसने अपने पोस्ट में लिखा कि 2024 के आम चुनावों से पहले खुद को फिर से लॉन्च करने के प्रयास में, कांग्रेस पार्टी अपने बहुप्रचारित “एक परिवार, एक टिकट” मानदंड पर सहमत हो गई है, लेकिन इससे गांधी परिवार को छूट दी गई है।
#Congress pic.twitter.com/GiY5MnVRHR
— NDTV (@ndtv) May 13, 2022
एनडीटीवी के इस ट्वीट के बाद कांग्रेस से ज्यादा उसके वफादार पत्रकारों ने ट्विटर पर मोर्चा संभाल लिया। कांग्रेस के प्रति वफादार रहे एनडीटीवी पर ही फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगा दिया। यहां तक कि कांग्रेस का पक्ष रखने के खुद मैदान में कूद पड़े। उनमें कांग्रेस का पक्ष रखने और स्थिति स्पष्ट करने के लिए कांग्रेस नेताओं से ज्यादा बेचैनी देखी गई। कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी दिखाने की दौड़ में खुद को वरिष्ठ और निष्पक्ष पत्रकार बताने वाले विनोद कापड़ी भी पीछे नहीं रहे।
एक परिवार , एक टिकट पर कांग्रेस का सही बयान ये है ?pic.twitter.com/vuDu3gfJy0
— Vinod Kapri (@vinodkapri) May 13, 2022
मुझे कई मित्रों ने बताया है कि NDTV ने ग़लत और भ्रामक ख़बर दी है। ऐसा क्यों @ndtv ? https://t.co/IRh3cw5JDA pic.twitter.com/IKyOpuZtOK
— Vinod Kapri (@vinodkapri) May 13, 2022
अंधभक्तों और मूर्खों को असली इतिहास जो @urvish2020 ने बताया है –
“मुग़ल ही मुग़ल नहीं थे। बाबर का असली नाम बाबूभाई मोदी था। हुमायूँ का असली नाम हिम्मत भाई मोदी और अकबर का असली नाम अक्षय भाई मोदी था” https://t.co/D3rwgnS9S6— Vinod Kapri (@vinodkapri) May 13, 2022
ज्ञानवापी अचानक नहीं हुआ है। ये साफ़ साफ़ नरेंद्र मोदी की 2024 की तैयारी है। मोदी को पता है कि ग़रीबी, भुखमरी, महंगाई, मंदी , बेरोज़गारी जैसी समस्याओं से मुक्ति के लिए 90% भीड़ को बार बार एक ही अफ़ीम सुँघाई जा सकती है।
— Vinod Kapri (@vinodkapri) May 12, 2022
उमाशंकर सिंह एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने कांग्रेस के ‘एक परिवार, एक टिकट’ के मुद्दे पर एनडीटीवी के ट्वीट से हुई किरकिरी से बचने की कोशिश की है। हालांकि गांधी परिवार को मिली छूट वाली खबर उन्होंने रीट्वीट किया है। उमाशंकर सिंह कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर का कवरेज करने के लिए राजस्थान के उदयपुर में है। हो सकता है कि ये खबर उन्हीं के द्वारा दी गई हो। लेकिन उन्होंने अपने ट्वीट ‘ये पार्टी का क़र्ज़ उतारने का समय है’ के माध्यम से कांग्रेस को खुश करने की कोशिश की है।
ये पार्टी का क़र्ज़ उतारने का समय है : सोनिया गांधी pic.twitter.com/IrOgxYn54a
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) May 13, 2022
अबकी बार पानी की बौछार की मार
महँगाई, पेपर लीक, व्यापम भर्ती घोटाले, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर @IYC के कार्यकर्ताओं ने अपने अध्यक्ष @srinivasiyc के नेतृत्व में भोपाल में एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान के घर के बाहर प्रदर्शन किया और वाटर केनन की बौछार का डट कर सामना किया। pic.twitter.com/uxPpMVphtK
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) May 12, 2022
ओम थानवी कहने को वरिष्ठ पत्रकार हैं। लेकिन वे भी अपने कांग्रेस प्रेम को छुपा नहीं पाते हैं। दिन-रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार को कोसने से थोड़ा वक्त मिल जाता है, तो कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी को जताने का मौका नहीं चुकते हैं। उन्होंने 11 मई, 2022 को ट्वीट किया, “यह भाजपा नेताओं के इतिहास-बोध का नहीं, एक-झूठ-सौ-बार वाला मामला है कि पोकरण-II परमाणु परीक्षण को तो ट्वीट-दर-ट्वीट याद कर रहे हैं, जो वाजपेयी जी के कार्यकाल में हुआ। लेकिन श्रीमती गांधी के Smiling Buddha परीक्षण को छिपा रहे हैं जिसने भारत को आणविक पहचान दी।”
यह भाजपा नेताओं के इतिहास-बोध का नहीं, एक-झूठ-सौ-बार वाला मामला है कि पोकरण-II परमाणु परीक्षण को तो ट्वीट-दर-ट्वीट याद कर रहे हैं, जो वाजपेयीजी के कार्यकाल में हुआ। लेकिन श्रीमती गांधी के Smiling Buddha परीक्षण को छिपा रहे हैं जिसने भारत को आणविक पहचान दी।
#NationalTechnologyDay pic.twitter.com/ZmsVLE4cf5— Om Thanvi (@omthanvi) May 11, 2022
एक बार दिल्ली में @ashokgehlot51 फ़िक्रमंद हुए कि पत्रकारिता में राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान की मौजूदगी मुखर क्यों नहीं है। राज्य में भी स्तर उठना चाहिए। उन्होंने पत्रकारिता का विवि खोल दिया। भाजपा ने बंद कर दिया। निज़ाम बदल सकती थी। गहलोत सत्ता में लौटे तो फिर @HJUjaipur खोला। /1 https://t.co/fqIEJ0m6vP
— Om Thanvi (@omthanvi) May 7, 2022
सरस्वती खत्री, नेपाल से गायन का एक स्वर। काठमांडू में नेपाली कूटनीतिज्ञ भीम उदास की पत्रकार बेटी सुमनिमा के विवाह की संगीत पार्टी में सरस्वती ने राहुल गांधी की उपस्थिति में गाया। इससे पहले की घड़ी के एक फोटो में ट्रोलियों ने इन्हीं सरस्वती को चीनी राजदूत व न जाने क्या-क्या बताया। https://t.co/7vt4hGjiFt
— Om Thanvi (@omthanvi) May 4, 2022
सही कहा, अविनाशजी। भाजपा सरकार की इतनी छिछली हरकत के बावजूद ऐसा संयम बरतते हुए @jigneshmevani80 का तार्किक और संजीदा बने रहना बताता है कि वे किस मिट्टी के बने हैं। https://t.co/wf0wcaoIJh
— Om Thanvi (@omthanvi) May 2, 2022
अजीत अंजुम वरिष्ठ पत्रकार और लेखक हैं। अब न्यूज चैनल के स्टूडियो से सड़क पर आ गए हैं। सड़क पर आने से इनकी पत्रकारिता सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई है। यूट्यूब चैनल के माध्यम से अपनी मोदी विरोधी पत्रकारिता को आगे बढ़ा रहे हैं। आजकल सुबह से लेकर शाम तक प्रधानमंत्री मोदी को कोसने के लिए गड़े मुर्दे उखाड़ने में अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। लेकिन पिछले 70 सालों में कांग्रेस ने जो मुर्दे गाड़े हैं, वो इनको नजर नहीं आ रहा है। उसके नेताओं के सुझाव ऐसे लग रहे हैं, मानो पिछले आठ सालों में उनके 70 साल के पाप धुल गए हैं।
सही सुझाव है https://t.co/n0aJT23Kz4
— Ajit Anjum (@ajitanjum) May 9, 2022