प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति की प्राथमिकता बदल गई है। भारत शक्तिशाली देशों के बीच बैलेंसिंग पावर के रूप नहीं, बल्कि दुनिया की बड़ी ताकत के रूप में खुद को पेश कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की स्वतंत्र और दृढ़ विदेश नीति और उनके नेतृत्व की आज पूरी दुनिया कायल हो गई है। इसकी झलक संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के चालू सत्र में देखने को मिली, जब विकसित और विकासशील देश अंतर्राष्ट्रीय मंच से भारत की आर्थिक और विदेश नीति की कसीदें पढ़ रहे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समेत अधिकाश देशों के प्रमुखों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ की और भारत को सकारात्मक संदर्भ में लिया।
Day 6
Delivered India’s statement at #UNGA.
Witnessed ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? speak about us at India@75 event.
Met ?? officials and Foreign Ministers from ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ?? ??. pic.twitter.com/2LdAi5fdLf
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 25, 2022
‘इंडिया@75’ कार्यक्रम के लिए यूएन प्रमुख का संदेश
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरस ने भी वैश्विक स्तर पर भारत की अहम भूमिका को स्वीकार किया। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस ने ‘इंडिया-यूएन पार्टनरशिप इन एक्शन’ की प्रदर्शनी पर एक विशेष ‘इंडिया@75’ कार्यक्रम के लिए अपने संदेश में रेखांकित किया कि इतिहास में सबसे बड़ी युवा पीढ़ी के घर के रूप में, भारत सतत विकास लक्ष्य की सफलता में निर्णायक होगा। गुटेरेस ने कहा ‘भविष्य में भारत इतिहास में सबसे बड़ी युवा पीढ़ी का घर होगा और सतत विकास लक्ष्यों की सफलता में निर्णायक होगा।’
An extensive discussion on pressing global challenges with UN Secretary General @antonioguterres.
Agenda included the Ukraine conflict, UN reform, G20, climate action, food security and data for development. #UNGA pic.twitter.com/mBbgfWbhD4
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 24, 2022
रूस ने किया स्थायी सदस्यता का समर्थन
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान भारत का यूएन में स्थायी सीट के लिए “स्पष्ट रूप से” समर्थन किया। यूएनजीए सत्र को संबोधित करते हुए, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि उनका देश भारत को ‘प्रमुख वैश्विक साझीदार’ के रूप में देखता है और एक परिषद के भीतर स्थायी सदस्यता के लिए योग्य उम्मीदवार मानता है।’
A wide-ranging conversation with FM Sergey Lavrov at #UNGA 77.
Discussed our bilateral cooperation. Exchanged views on Ukraine, G-20 and UN reforms. pic.twitter.com/Iv4wIJDsNN
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 24, 2022
भारत के विकास पथ से हुआ अत्यधिक लाभ- गुयाना
संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए गुयाना के विदेश मंत्री ह्यूग हिल्टन टॉड ने भारत की सराहना करते हुए कहा, ‘गुयाना जैसे छोटे देशों को भारत के विकास पथ से अत्यधिक लाभ हुआ, क्योंकि यह हमेशा एक ऐसी अर्थव्यवस्था रही है जो मानव विकास पर ध्यान केंद्रित करती है, मनुष्य को विकास के किसी भी अन्य रूप से आगे रखती है।’
Some reflections by fellow colleague Foreign Ministers at the India-UN Partnership event.
India will always solidly stand for the cause Global South. pic.twitter.com/0loAPZk3tE
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 26, 2022
जमैका की विदेश मंत्री ने भारत के प्रति जताया आभार
जमैका की विदेश मंत्री कामिना जे स्मिथ ने कहा कि किंग्स्टन COVID-19 महामारी के दौरान टीकों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार और उसके लोगों का आभारी है। स्मिथ ने कहा, ‘शुरू से ही, भारत एक विश्वसनीय भागीदार था जिसकी सहायता महामारी से निपटने के लिए महत्वपूर्ण थी। भारत ने अन्य देशों को वैक्सीन देने वाली कूटनीति रणनीति को अपनाया। जमैका भारत से अपनी पहली जीवन रक्षक टीके हासिल करने में सक्षम हुआ था।”
At #UNGA, India normally speaks to the world. This morning, at India@75 event, the world spoke about India.
Thank @un_pga,@AminaJMohammed and colleague FM of Armenia, Antigua &Barbuda, Guyana, Jamaica, Tanzania, Maldives, Gambia, Timor-Leste, Cyprus and Yemen for participating. pic.twitter.com/SMZYmMU77v
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 24, 2022
पुर्तगाल ने किया स्थायी सदस्यता का समर्थन
पुर्तगाली प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने भी यूएनजीए में भारत की सराहना की। गुरुवार को पुर्तगाली प्रधानमंत्री कोस्टा ने यूएनएससी सुधार का आह्वान किया जिसमें कहा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत, ब्राजील और अफ्रीका महाद्वीप का प्रतिनिधित्व शामिल होना चाहिए। महासभा को संबोधित करते हुए, कोस्टा ने एक सुरक्षा परिषद की वकालत करते हुए कहा कि जिसमें सुरक्षा का व्यापक दृष्टिकोण शामिल हो और छोटे देशों को उचित प्रतिनिधित्व मिले।
पीएम मोदी के शांति पाठ के मुरीद हुए फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों
इससे पहले 21 सितंबर को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक सत्र में समरकंद में एससीओ की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन की बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, ‘भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सही कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है। यह पश्चिम से बदला लेने या पूर्व के खिलाफ पश्चिम का विरोध करने के लिए नहीं है। यह हमारे समान संप्रभु राज्यों के लिए सामूहिकता का समय है। चुनौतियों का सामना करने के लिए हम बैठे हैं।’
Thank President @EmmanuelMacron of France for hosting a high level cross-regional grouping today in New York.
Discussions focused on the conflict in Ukraine and its implications for the Global South.
Conversations also covered the salience of G-20 in these challenging times. pic.twitter.com/2LixQdhhyu
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 21, 2022
जर्मनी ने किया पुतिन को दी गई सलाह का समर्थन
जर्मनी ने सोमवार (26 सितंबर, 2022) को यूक्रेन संकट पर प्रधानमंत्री मोदी की रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को दी गई सलाह का समर्थन किया। भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा, पुतिन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना कि यह युग युद्ध का नहीं है, बिलकुल सटीक है।