मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बीच जमकर प्रतिस्पर्धा चल रही है। पहले कांग्रेस ने मुस्लिमों को खुश करने के लिए देश के संसाधनों पर पहला अधिकार बताया था। वक्फ बोर्डों को जहां मन हो, वहां किसी भी जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित करने की असीमित शक्तियां दीं। वक्फ बोर्ड ने इस शक्ति का पूरा उपयोग करते हुए खाली पड़ी और बंजर जमीन पर दावा शुरू कर दिया और बेहिसाब जमीन पर कब्जा किया। अब केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण में कांग्रेस से एक कदम आगे निकलते हुए नजर आ रहे हैं। यहां तक कि तथाकथित वक्फ जमीनों पर से हिन्दुओं को बेदखल करने और उनके मकानों को तोड़ने की बात कर रहे हैं।
वक्फ बोर्ड के प्रति तन, मन, धन से समर्पित केजरीवाल
दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें केजरीवाल मुस्लिमों की एक सभा को संबोधित करते नजर आ रहे हैं। इस दौरान उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, “कभी भी जरूरत पड़े आपको… तन, मन, धन से केजरीवाल और दिल्ली सरकार पूरी तरह से वक्फ बोर्ड के साथ है। बंबई के अंदर इस देश का जो सबसे अमीर आदमी है, बताते हैं उसका घर वक्फ बोर्ड की प्रोपर्टी पर बना हुआ है। मैं गलत तो नहीं कह रहा?” केजरीवाल इतने पर नहीं रूके। उन्होंने आगे कहा, “वहां की सरकार की हिम्मत नहीं है, जो उसको कुछ कर दे। हमारी सरकार अगर वहां होती, तो उसकी प्रोपर्टी तुड़वा देती। वक्फ बोर्ड को जब भी किसी चीज की जरूरत होगी। दिल्ली सरकार वक्फ बोर्ड के साथ है।”
अम्बानी का घर भी वक़्फ़ बोर्ड की प्रॉपर्टी हैं , हमारी सरकार होती अम्बानी का घर तुड़वा देती । pic.twitter.com/BO3sWVnZ4C
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) September 27, 2022
वक्फ बोर्ड और मौलानाओं पर मेहरबान हुए केजरीवाल
गौरतलब है कि वायरल हो रहा यह वीडियो 3 साल पुराना है। इस वीडियो को तीन साल पहले 24 जनवरी, 2019 को आम आदमी पार्टी के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था। दिल्ली के एवान ए गालिब ऑडिटोरियम में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें केजरीवाल ने वक्फ बोर्ड अध्यक्ष अमानतुल्ला खान की जमकर तारीफ की और उन्हें अपना छोटा भाई व शेर बताया। दूसरी तरफ, अमानतुल्ला खान ने मौलाना और मुअज्जिन का वेतन बढ़ाने का एलान किया। मौलाना की सैलरी दस हजार से बढ़ाकर 18000 और मुअज्जिन की सैलरी 9000 से बढ़ाकर 16 हजार कर दी।
Top story: Arvind Kejriwal attended Meeting organised by Delhi Wakf Board at Aiwan E Ghalib Auditorium https://t.co/DkZY79R0Ty, see more https://t.co/yTstu0tP24
— Deep Haze (@dee__jay) September 18, 2022
क्या केजरीवाल ने कभी मंदिरों पर कब्जे के खिलाफ आवाज उठाई ?
केजरीवाल ने एवान ए गालिब ऑडिटोरियम में दिल्ली वक्फ बोर्ड और मुस्लिमों को खुश करने के लिए प्रोपर्टी तुड़वाने की बात कही। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या केजरीवाल ने हिन्दू मंदिरों पर कब्जा जमाये बैठे मुस्लिमों के खिलाफ कभी आवाज उठाई है। अभी ज्ञानवापी मस्जिद में शिव लिंग मिलने पर भी केजरीवाल ने चुप्पी साध रखी है। इससे पहले केजरीवाल ने अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने एक रैली में नानी की बात सुनाते हुए कहा था, “जब बाबरी मंदिर का ध्वंस हुआ तब मैंने अपनी नानी से पूछा कि नानी आप तो अब बहुत खुश होंगी? अब तो आपके भगवान राम का मंदिर बनेगा। नानी ने जवाब दिया – ना बेटा, मेरा राम किसी की मस्जिद तोड़ कर ऐसे मंदिर में नहीं बस सकता।” केजरीवाल ने मार्च 2014 में ये बयान दिया था।
आज केजरीवाल जी ने अपनी “नानी” को ठेस पहुँचाया है ..सिर्फ़ नानी ही नहीं ..जवाहरलाल नेहरू भी नाराज़ होंगे …बड़े-बुजुर्गों का ऐसा असम्मान करना ठीक नहीं “Sir Ji”! pic.twitter.com/EQ3QqWQJo4
— Sambit Patra (@sambitswaraj) October 26, 2021
हिन्दू बहुल गांवों और मंदिर पर वक्फ बोर्ड के दावे पर विवाद
अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर तीन साल पुराना यह वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर क्यों वायरल हो रहा है। इसके पीछे वक्फ बोर्ड के दावे को लेकर चल रहा विवाद है। तमिलनाडु में वक्फ बोर्ड ने हिंदू बहुल गांव से लेकर हिंदू मंदिर तक को अपनी संपत्ति बता दी। वाराणसी ज्ञानवापी मामले की सुनवाई में मुस्लिम पक्ष का यही दावा है कि यह सुन्नी वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। ताजमहल पर 2005 में वक्फ बोर्ड ने दावा कर दिया था। उत्तर प्रदेश में ऐसे अनेक स्थल हैं जिन पर वक्फ दावा करता है और विवाद चल रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मदरसों के बाद अब वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का भी सर्वे कराने का निर्णय लिया है। मुस्लिम समाज इस सर्वे का तीव्र विरोध कर रहा है।
इस्लाम सिर्फ 1400 वर्ष पुराना है किंतु तमिलनाडु में वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि 1500 साल पुराना सुंदरेश्वर मंदिर#वक्फ_बोर्ड की संपत्ति का ही हिस्सा है। और तो और 7 अन्य हिंदू बहुल गाँवों को भी वक़्फ़ बोर्ड अपनी संपत्ति बता रहा है।।#वक़्फ़_बोर्ड_भंग_कराओ @AshwiniUpadhyay pic.twitter.com/ooqtBjaQDV
— वेद और विज्ञान (@DharmikPost) September 19, 2022
वक्फ बोर्ड कांग्रेस के मुस्लिम तुष्टिकरण की उपज
अब वक्फ की अवधारणा पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि अनेक इस्लामी देशों मसलन तुर्किये जो पहले तुर्की था उसके अलावा लीबिया, मिस्र, सूडान, लेबनान, सीरिया, जार्डन, ट्यूनीशिया और इराक आदि में वक्फ नहीं है। दरअसल ये वक्फ बोर्ड मुस्लिम तुष्टिकरण की उपज है। कांग्रेस की तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सरकार ने मुस्लिम वोट बैंक के लिए वक्फ के रूप में मजहबी जमींदार की अवधारणा का साकार रूप उपस्थित कर दिया। इसके बाद कांग्रेस इसा अवधारणा को लगातार मजबूती प्रदान करती गई। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वक्फ बोर्ड के नए संरक्षक के रूप में उभर कर सामने आए हैं।
देख लो इस बहरूपिये रेवड़ीवाल को…….वक्फ बोर्ड के अवैध सम्पतियों का खुलेआम समर्थन कर है यर वही वक्फ बोर्ड है जो तमिलनाडु के एक 1500 वर्ष पुराने #मंदिर में अपना हक जता रहा है……सावधान हिन्दुओ pic.twitter.com/QsX3nMI2lO
— रवि कुमार यादव (@raviahira1) September 27, 2022
कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड को दी असीमित शक्तियां
कांग्रेस की पीवी नरसिंह राव सरकार ने 1995 में वक्फ कानून को इतना मजबूत बना दिया कि उसे निर्णय लेने तक का अधिकार हो गया। वक्फ कानून की धारा-40 वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति के वक्फ संपत्ति होने या नहीं होने की जांच करने का विशेष अधिकार देती है। अगर वक्फ बोर्ड को यह विश्वास होता है कि किसी ट्रस्ट या सोसायटी की संपत्ति वक्फ संपत्ति है तो बोर्ड उस ट्रस्ट एवं सोसायटी को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है कि ‘क्यों न इस संपत्ति को वक्फ संपत्ति की तरह दर्ज कर लिया जाए?’ जवाब से संतुष्ट न होने को आधार बनाकर वह बड़ी सुविधानुसार और सहजता से उसे अपनी संपत्ति घोषित कर सकता है। इस समय यह आठ लाख एकड़ से ज्यादा हो चुकी है। वक्फ की जमीनें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
एक दिन 77% भारत की जमीन वक्फ बोर्ड की हो जायेगी। कांग्रेस ने वक्फ बोर्ड कानून इस तरह का बनाया कि जिस प्रॉपर्टी पर वक्फ बोर्ड ऊंगली रख देगा, वह उसकी हो जायेगी।
इसे और माइनॉरिटी एक्ट हटाने की हिम्मत मौजूदा सरकार में भी नहीं है।
एक लाख से ज्यादा केस अदालतों में है, खर्च सरकार का। https://t.co/luxMiMssMO— P.N.Rai (@PNRai1) September 15, 2022
कांग्रेस ने सैकड़ों करोड़ रुपये मूल्य की सरकारी संपत्तियों को वक्फ को दिया उपहार
कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले दिल्ली के लुटियंस इलाके में 123 अत्यंत महत्वपूर्ण और सैंकड़ो करोड़ मूल्य की सरकारी संपत्तियों को वक्फ को उपहार में दिया था। यह निर्णय तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कैबिनेट द्वारा लिया गया था। उस समय लोकसभा चुनावों की तैयारियां चल रही थीं, और चुनावों से कुछ ही दिन पहले एक गुप्त नोट के माध्यम से इस निर्णय के बारे में सबको अवगत कराया गया था। ये संपत्तियां दिल्ली के अतिमहत्वपूर्ण और महंगे इलाकों जैसे कनॉट प्लेस, अशोक रोड, मथुरा रोड और अन्य वीवीआईपी एन्क्लेव जैसे प्रमुख स्थानों पर स्थित हैं।
5 मार्च 2014 को दिल्ली कांग्रेस की मनमोहन सरकार ने केंद्र के चुनाव से ठीक पहले अरबों की 123 सरकारी सम्पति वक्फ बोर्ड को दे दी।
भविष्य में अगर कांग्रेस सरकार आयी पूरा देश #वक्फ का होगा और मनमोहन जैसे सेकुलर हिन्दू उसके दरवाजे पर कटोरा लिये खड़े होंगे!
— जितेन्द्र कुमार (@HinduJitendra6) September 17, 2022
वक्फ बोर्ड को खत्म करने की उठ रही मांग
जिस तरह से वक्फ बोर्ड के दावे बढ़ते जा रहे हैं, उससे लगता है कि वक्फ की अवधारणा में संपूर्ण भारत ही उनकी संपत्ति होगी। इसका एक पहलू भ्रष्टाचार भी है। ऐसा कोई प्रमुख राज्य नहीं जहां वक्फ संपत्तियों में भ्रष्टाचार के मामले नहीं चल रहे हों। जहां कांग्रेस और केजरीवाल की आम आदमी पार्टी जैसे मुस्लिम तुष्टिकरण वाली पार्टियों ने वक्फ बोर्डों की आड़ में वोट बैंक तैयार करने की कोशिश की है, उससे हिन्दुओं को अपनी संपत्ति और मंदिरों को बचाना मुश्किल हो रहा है। इससे अब देश भर में वक्फ बोर्ड को दी गयी असीमित शक्तियों के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं। इसे तुरंत प्रभाव से प्रतिबंधित करने की मांग हो रही है। अगर वक्फ संपत्तियों का सर्वे सही तरीके से हो तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कई नेता बेनकाब होंगे और उनकी असलियत पूरे समाज के सामने आ जाएगी।
कान्ग्रेस के महापाप #वक्फ_बोर्ड_खत्म_करो और जमीन वापस लो।
According to estimates made by the Sachar Committee in 2006, there are about 4.9 lakh registered Waqf properties comprising about six lakh acres of land whose approximate market value (then) was around Rs 1.20 lakh crore.— ANIL MISHRA (@Anil22MISHRS) September 23, 2022