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रोजगार के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर, दिसंबर में ईपीएफओ से जुड़े 14.6 लाख नए सब्सक्राइबर्स

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। नीतिगत सुधारों और प्रोत्साहनों का असर रोजगार के क्षेत्र में भी दिखाई दे रहा है। ईपीएफओ (EPFO) के अनुसार दिसंबर 2021 में करीब 14.6 लाख नए लोगों को नौकरी मिली है। करीब साल भर पहले यानि दिसंबर 2020 से तुलना करें तो ये आंकड़ा लगभग 16.4 प्रतिशत अधिक है। नौकरियों की तलाश में लगे युवाओं के लिए यह खबर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने वाली साबित हो सकती है। पहली बार नौकरी चाहने वाले बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र के वर्कफोर्स में शामिल हो रहे हैं।

दिसंबर 2021 में वास्तविक आधार पर जोड़े गए कुल 14.60 लाख ग्राहकों में से 9.11 लाख नए सदस्यों को पहली बार ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के तहत नामांकित किया गया है। बयान में कहा गया कि ईपीएफओ से बाहर निकलने वाले सदस्यों की संख्या जुलाई 2021 से घट रही है। आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक नामांकन 22-25 वर्ष के आयु वर्ग में हुआ। दिसंबर 2021 में वास्तविक आधार पर जोड़े गए कुल सदस्यों में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 20.52 प्रतिशत रही है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के रविवार (20 फरवरी, 2022) को जारी अस्थायी आंकड़ों से पता चलता है कि ईपीएफओ ने दिसंबर 2020 के दौरान वास्तविक आधार पर 12.54 लाख सदस्य बनाए थे। श्रम मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक नवंबर 2021 के मुकाबले दिसंबर 2021 में वास्तविक आधार पर ग्राहकों की संख्या में 19.98 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गई। यानि सिर्फ महीने भर में करीब 20 प्रतिशत अधिक लोगों को नौकरी मिली। नवंबर के महीने में वास्तविक आधार पर बनाए गए सदस्यों के लिए जनवरी 2021 में जारी किए गए 13.95 लाख के अंतिम अनुमानों को संशोधित कर 12.17 लाख कर दिया गया।

इधर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) संगठित क्षेत्र के 15,000 रुपये से अधिक का मूल वेतन पाने वाले और कर्मचारी पेंशन योजना-1995 (EPS-95) के तहत अनिवार्य रूप से नहीं आने वाले कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना लाने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में संगठित क्षेत्र के वे कर्मचारी जिनका मूल वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) 15,000 रुपये तक है, अनिवार्य रूप से ईपीएस-95 के तहत आते हैं। सूत्र के अनुसार, इस नए पेंशन उत्पाद पर प्रस्ताव 11 और 12 मार्च को गुवाहाटी में ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक में आ सकता है। एक अनुमान के अनुसार, पेंशन योग्य वेतन बढ़ाने से संगठित क्षेत्र के 50 लाख और कर्मचारी ईपीएस-95 के दायरे में आ सकते हैं।

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