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मोदी राज में अर्थव्यवस्था मजबूत: विदेशी मुद्रा भंडार 423 अरब डॉलर पार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार सात जून को समाप्त सप्ताह में 1.68 अरब डॉलर बढ़कर अब तक रिकार्ड स्तर के करीब 423.55 अरब डॉलर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा भंडार इससे पहले 13 अप्रैल 2018 को 426.028 अरब डॉलर के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया था। रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सात जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 1.66 अरब डॉलर बढ़कर 395.80 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान स्वर्ण भंडार 22.95 अरब डॉलर पर स्थिर रहा। देश का विदेशी मुद्रा भंडार ने आठ सितंबर 2017 को पहली बार 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया था। जबकि यूपीए शासन काल के दौरान 2014 में विदेशी मुद्रा भंडार 311 अरब डॉलर के करीब था।

आइये हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत है।

विदेशी निवेशक जमकर कर रहे हैं निवेश
मोदी सरकार की प्रचंड जीत के बात वे भारतीय बाजार में जमकर निवेश कर रहे हैं। ज्यादातर निवेशक, खासतौर पर विदेशी निवेशक भारत में एक मजबूत सरकार चाहते थे। ऐसे में मोदी सरकार की शानदार जीत ने शेयर बाजार के साथ-साथ निवेशकों में जोश भर दिया। आम चुनावों में भाजपा की शानदार जीत के बाद कारोबार के लिए ज्यादा अनुकूल माहौल बनने की उम्मीदों को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने मई में भारतीय पूंजी बाजार में शुद्ध रूप से 9,031 करोड़ रुपये की पूंजी डाली। डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद निवेश बढ़ा दिया। निवेशकों ने शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 7,919.73 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि बॉन्ड बाजार में 1,111.42 करोड़ रुपये डाले। इस तरह निवेशकों ने शुद्ध रूप से 9,031.15 करोड़ रुपये का निवेश किया।

FPI का बढ़ा भारतीय बाजार में भरोसा
प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों का ही असर है कि आज भारतीय बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भरोसा बढ़ा है। एफपीआई ने अप्रैल में शुद्ध रूप से 16,093 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी। वहीं मार्च में 45,981 करोड़ रुपये का निवेश किया। फरवरी में एफपीआई ने 11,182 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

फरवरी में 2.44 प्रतिशत बढ़ा देश का निर्यात
देश का निर्यात फरवरी में 2.44 प्रतिशत बढ़कर 26.67 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश का वाणिज्यिक निर्यात फरवरी महीने में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 2.44 प्रतिशत बढ़कर 26.67 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान औषधि, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र के उत्पादों की निर्यात मांग बढ़ी है। इसके साथ ही फरवरी में आयात में 5.4 प्रतिशत की गिरावट रही और यह 36.26 अरब डॉलर पर आ गया। इससे व्यापार घाटा में भी कमी आई है।

मोदी सरकार ने 2018 में जुटाये रिकॉर्ड 77,417 करोड़ रुपये
मोदी सरकार ने 2018 में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री करके रिकॉर्ड 77,417 करोड़ रुपये जुटाये हैं। 2018 में हुए बड़े विनिवेश सौदों में ओएनजीसी द्वारा एचपीसीएल का अधिग्रहण, सीपीएसई ईटीएफ, भारत-22 ईटीएफ और कोल इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री समेत छह आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) समेत अन्य शामिल हैं। विनिवेश में यह तेजी एयर इंडिया के निजीकरण के साथ 2019 में भी जारी रहने की उम्मीद है।

सिर्फ साढ़े चार साल में जुटाई यूपीए से दोगुनी से ज्यादा राशि
पिछले पांच साल में सरकार ने विनिवेश के जरिए रिकॉर्ड राशि जुटाई है। विनिवेश के मामले में भी मोदी सरकार ने यूपीए सरकार को पीछे छोड़ दिया है। अपने साढ़े 4 साल के कार्यकाल में एनडीए ने 2,09,896.11 करोड़ रुपए जुटाए जो यूपीए-1 और यूपीए-2 की कुल राशि से करीब दोगुनी ज्यादा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लगातार मजबूत हो रही अर्थव्यवस्था के कारण सरकार ने पहली बार विनिवेश के जरिये एक बड़ी रकम जुटाई है।

बेहतर हुआ कारोबारी माहौल
पीएम मोदी ने सत्ता संभालते ही विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गति तेज की और देश में बेहतर कारोबारी माहौल बनाने की दिशा में भी काम करना शुरू किया। इसी प्रयास के अंतर्गत ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ नीति देश में कारोबार को गति देने के लिए एक बड़ी पहल है। इसके तहत बड़े, छोटे, मझोले और सूक्ष्म सुधारों सहित कुल 7,000 उपाय (सुधार) किए गए हैं। सबसे खास यह है कि केंद्र और राज्य सहकारी संघवाद की संकल्पना को साकार रूप दिया गया है।

पारदर्शी नीतियां, परिवर्तनकारी परिणाम
कोयला ब्लॉक और दूरसंचार स्पेक्ट्रम की सफल नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इस प्रक्रिया से कोयला खदानों (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 के तहत 82 कोयला ब्लॉकों के पारदर्शी आवंटन के तहत 3.94 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई।

जीएसटी ने बदली दुनिया की सोच
जीएसटी, बैंक्रप्सी कोड, ऑनलाइन ईएसआइसी और ईपीएफओ पंजीकरण जैसे कदमों कारोबारी माहौल को और भी बेहतर किया है। खास तौर पर ‘वन नेशन, वन टैक्स’ यानि GST ने सभी आशंकाओं को खारिज कर दिया है। व्यापारियों और उपभोक्ताओं को दर्जनों करों के मकड़जाल से मुक्त कर एक कर के दायरे में लाया गया।

देश की अर्थव्यवस्था पर आर्थिक विशेषज्ञों व रेटिंग एजेंसियों की टिप्पणियां –

वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान- विश्व बैंक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत आने वाले समय में भी सबसे तेज वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। विश्व बैंक ने कहा है कि आने वाले वर्षों में ग्लोबल ग्रोथ रेट में कमी आएगी, लेकिन भारत की रफ्तार अच्छी रहेगी। विश्वबैंक के अनुसार, अगले तीन साल तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रह सकती है। विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर निवेश और निजी खपत के दम पर भारत 7.5 प्रतिशत की गति से विकास करेगा। विश्व बैंक ने कहा कि 2018 में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रही। इस दर के गिरकर 2019 में 6.2, 2020 में 6.1 और 2021 में 6 प्रतिशत पर आ जाने का अनुमान है। इसके साथ ही भारत दुनिया की सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वर्ष 2021 तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर चीन के छह प्रतिशत की तुलना में डेढ़ प्रतिशत अधिक होगी।

सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत-विश्व बैंक
विश्व बैंक ने इसके पहले कहा था कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। विश्व बैंक की ‘ग्लोबल इकोनॉमिक प्रोस्पेक्ट्स’ रिपोर्ट के अनुसार भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अगले कुछ वर्षों में 7.5 प्रतिशत पर बने रहने का पूवार्नुमान है। रिपोर्ट में सरकार द्वारा किये गये ढांचागत सुधारों की सराहना करते हुए कहा गया कि उनके परिणाम अब सामने आने लगे हैं।

इस साल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत
प्रधानमंत्रीमोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी खबर है। भारत इस साल ब्रिटेन को पछाड़ते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। आईएचएस मार्किट की रिपोर्ट के अनुसार 2019 में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा और देश की जीडीपी का आकार 3,000 अरब डॉलर के पार निकल जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार 2025 तक भारत जापान को पीछे छोड़कर एशिया प्रशांत क्षेत्र में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में बीजेपी की प्रचंड जीत पर कहा गया है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिए आर्थिक परिदृश्य सकारात्मक नजर आ रहा है। 2019-23 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की औसत वृद्धि दर सात प्रतिशत के आसपास रहने का अनुमान है। आईएचएस मार्किट की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अर्थव्यवस्थाओं की रैंकिंग में भारत लगातार आगे बढ़ेगा। वैश्विक जीडीपी वृद्धि में भारत का योगदान भी बढ़ेगा।

वृद्धि दर 7.1% रहने का अनुमान- फिक्की
उद्योग संगठन भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की ) ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष 2020-21 में इसके बढ़कर 7.2 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान जताया है। उद्योग मंडल फिक्की के आर्थिक परिदृश्य सर्वे में यह अनुमान लगाया गया है। इसमें उद्योग, बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्रों के अर्थशास्त्रियों के विचार लिए है। हालांकि चुनावी वित्त वर्ष 2018-19 में देश का जीडीपी सरकार के अग्रिम अनुमान से कम 6.8 प्रतिशत रहा है।

7.3 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ से बढ़ेगा भारत- मूडीज
देश की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2019-20 में 7.3 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि वर्ष 2019 और 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अन्य प्रमुख एशियाई अर्थव्यवस्थाओं और उभरते बाजारों की तुलना में वैश्विक विनिर्माण व्यापार विकास में आई मंदी से भारत थोड़ा कम प्रभावित हुआ है। भारत के समक्ष अपेक्षाकृत कम जोखिम है। यह अगले दो वर्षों में स्थिर गति से बढ़ने की ओर अग्रसर है।

चीन से ज्यादा रहेगी भारत की ग्रोथ रेट- आईएमएफ
देश की अर्थव्यवस्था 2019 में 7.5 प्रतिशत और 2020 में 7.7 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने सोमवार को यह अनुमान लगाते हुए कहा कि इन दो साल के दौरान चीन की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट एक प्रतिशत अंक ज्यादा रहेगी। 2019 और 2020 में चीन की ग्रोथ रेट 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।आईएमएफ ने जनवरी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट में कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। 2019 में भारतीय अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी।

ब्रिटेन को पछाड़ कर भारत इसी वर्ष बन जाएगा विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था
वैश्विक सलाहकार कंपनी पीडब्ल्यूसी ने भारतीय अर्थव्यवस्था और इसकी विकास दर को लेकर बेहद उत्साहजनक अनुमान लगाया है। अपनी रिपोर्ट में एजेंसी ने कहा कि भारत इसी वर्ष दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की सूची में ब्रिटेन को पीछे छोड़ पांचवें स्थान पर आ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक लगभग समान विकास दर और आबादी के कारण ब्रिटेन और फ्रांस दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की सूची में आगे-पीछे होते रहते हैं। लेकिन यदि भारत इस सूची में आगे निकलता है तो उसका स्थान स्थायी रहेगा। पीडब्ल्यूसी की वैश्विक अर्थव्यवस्था निगरानी रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इस वर्ष ब्रिटेन की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर 1.6 फीसदी, फ्रांस की 1.7 फीसदी तथा भारत की 7.6 फीसदी रहेगी। 2017 में भारत 2,590 अरब डॉलर के बराबर जीडीपी के साथ फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया था।

अर्थव्यवस्था मजबूत: अगले वित्त वर्ष में 7.5 प्रतिशत रहेगी ग्रोथ रेट
फिच समूह की कंपनी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है। इंडिया रेटिंग्स का कहना है कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी वृद्धि 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

फिच ने पहले भी लगाया था 7.5% आर्थिक ग्रोथ का अनुमान 
फिच ने इसके पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था लगातार सुधर रही है और मजबूत हो रही है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने 2019-20 के लिए वृद्धि दर का पूर्वानुमान 7.5 प्रतिशत तय किया था। 

अगले 5 वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देगा भारतः फिच
फिच ने इसके पहले यह भी कहा था कि भारत विकास के मामले में अगले 5 वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देगा। फिच के अनुसार भारत अगले 5 वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देगा। इसके साथ ही भारत सबसे तेजी से विकास करने वाला देश भी बन जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक भारत फिच रेटिंग ग्लोबल इकॉनोमिक आउटलुक में शामिल 10 सबसे बड़े उभरते बाजारों की सूची में शीर्ष पर है। फिच ने बताया कि अगले 5 सालों में चीन की जीडीपी जहां 5.5 प्रतिशत रहेगी वहीं भारत की जीडीपी विकास दर 6.7 रहेगी। फिच ने बताया कि पूरी दुनिया में इस समय सबसे ज्यादा युवा जनसंख्या भारत में है। युवा आबादी के ही चलते भारत अगले 5 सालों में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगी।

7 प्रतिशत से ज्यादा रहेगी ग्रोथ: सीआईआई
भारतीय उद्योग जगत के दिग्गज सीईओ को लेकर किए गए सीआईआई के सर्वे के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में इकनॉमिक ग्रोथ 7 प्रतिशत से ज्यादा रह सकती है। सर्वेक्षण में शामिल इन सीईओ का कहना है कि इससे घरेलू बाजार में निवेश को खासा बढ़ावा मिल सकता है। सीआईआई के अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल ने कहा कि उद्योग जगत को अगले दो साल जीडीपी ग्रोथ 8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। उनका कहना है कि सरकारी खजाने से होनेवाले खर्च के मोर्चे पर समझदारी दिखाने, मैक्रो इकनॉमिक मैनेजमेंट और स्ट्रॉन्ग रिफॉर्म्स प्रोसेस से ग्रोथ की ठोस बुनियाद बनी है। पुणे में सीआईआई की हालिया बैठक में 80 से ज्यादा सीनियर कॉरपोरेट लीडर्स की मौजूदगी में यह सर्वे हुआ। 

सुधार सही दिशा में- सीआईआई
इसके पहले हाल ही में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के चार साल पूरा होने पर सीआईआई ने कहा कि पिछले चार साल में सरकार ने चरणबद्ध तरीके से कारोबार सुगमता, बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए), प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियम, ढांचागत निर्माण और असफल उद्यमों का निस्तारण जैसी अर्थव्यवस्था की मुख्य दिक्कतों को दूर किया है। जीएसटी के सुचारू होने और सुधारों के मजबूती से सही दिशा में रहने से अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है।

7.5 प्रतिशत की दर के बढ़ेगी जीडीपी- क्रिसिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। जीएसटी प्रणाली के सुचारू हो जाने तथा सुधारों के सही दिशा में होने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है और चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी ग्रोथ 7.5 प्रतिशत तक रह सकती है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार विकास की गति जारी रहेगी और वित्त वर्ष 2019 में ग्रोथ को 7.5 प्रतिशत तक ले जाएगी। इसमें कहा गया कि ग्रोथ को निवेश के सहारे के साथ खपत में बढ़ोतरी का साथ मिलेगा। 

भारत अगले दशक की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था- हार्वर्ड
हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने कहा है कि भारत अगले 10 साल दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर बना रहेगा। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय विकास केंद्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर सालाना 7.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इस लिहाज से भारत की वृद्धि दर चीन और अमेरिका से अधिक रहेगी। हार्वर्ड की रिपोर्ट ने 2026 में चीन की वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत और अमेरिका की वृद्धि दर तीन प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पिछले कुछ सालों में जो सुधार हुए उससे अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने की संभावना पैदा हो रही है।

दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा- हार्वर्ड
इसके पहले की भारत की अर्थव्यवस्था की गति और इसकी मजबूती पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में माना गया है कि भारत चीन से आगे बढ़कर वैश्विक विकास के आर्थिक स्तंभ के रूप में उभरा है और आने वाले दशक में वो नेतृत्व जारी रखेगा। सेंटर फॉर इंटरनेशल डेवलपमेंट (CID) ने 2025 तक सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में भारत को सबसे ऊपर रखा है। CID के अनुमान के अनुसार भारत 2025 तक सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं की सूची में सबसे ऊपर है। CID के रिसर्च से ये निकलकर आया है कि वैश्विक आर्थिक विकास की धुरी अब भारत है। चीन की तुलना में दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा है, जो आने वाले एक दशक से अधिक समय तक कायम रह सकता है।

इस साल 7.6 प्रतिशत की रफ्तार से दौड़ेगी अर्थव्यवस्था: एडीबी
एशियाई विकास बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 में 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। बैंक का अनुमान है कि जीएसटी के कारण उत्पादन में वृद्धि और बैंकिंग के क्षेत्र में सुधार के कारण निवेश से आर्थिक विकास दर को गति मिलेगी। रेटिंग एजेंसी फिच का भी यही अनुमान है। वैसे भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार माजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक विकास की दर 7.4 प्रतिशत रहने की संभावना है।

सबसे तेज अर्थव्यवस्था वाला देश होगा भारत: मॉर्गन स्टेनली
भारत अगले 10 वर्षों में दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो जाएगा। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने दावा किया है कि डिजिटलीकरण, वैश्वीकरण और सुधारों के चलते आने वाले दशक में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगी। मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि डिजिटलीकरण से जीडीपी वृद्धि को 0.5 से 0.75 प्रतिशत की बढ़त मिलेगी और अनुमान है कि 2026-27 तक भारत की अर्थव्यवस्था 6,000 अरब डॉलर की हो जाएगी। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार आने वाले दशक में भारत की सालाना जीडीपी वृद्धि दर 7.1 से 11.2 के बीच रहेगी।

अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ रहा भारत- अलीसा एयर्स
एक अमेरिकी टॉप थिंक-टैंक काउंसिल में भारत, पाकिस्तान और साउथ एशिया मामलों की वरिष्ठ सदस्य अलीसा एयर्स ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था उसे व्यापक वैश्विक महत्व और देश की सैन्य क्षमताओं के विस्तार तथा आधुनिकीकरण के लिये ऊर्जा दे रही है। अलीसा के अनुसार, ‘भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को बेहतर वैश्विक उछाल दिया है। इसकी मदद से भारत अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार और आधुनिकीकरण कर रहा है।’ फोर्ब्स में छपे आर्टिकल में अलीसा कहती हैं, ‘पिछले वर्षों में भारत दुनिया भर में विदेशी और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक नीतियों के संदर्भ में एक बड़ा कारक बनकर उभरा है और अब वैश्विक मंच पर अब भारत ज्यादा मुखर दिखाई दे रहा है। दरअसल भारत खुद को एक ‘प्रमुख शक्ति’ के रूप में देख रहा है।’

‘सपनों’ के साथ आगे बढ़ रहा भारत
मध्य पूर्व और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विश्लेषक फ्रिट्ज लॉज ने ‘द सिफर ब्रीफ’ में एक लेख में भी भारत की प्रशंसा की है और पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की है। फ्रिट्ज लॉज ने लिखा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी भारत को आर्थिक, सैन्य, भू-राजनीतिक शक्ति से योग्य बनाने के अपने सपने के साथ आगे बढ़ रहे हैं।’

भारत बना विदेशी कंपनियों के लिए पसंदीदा जगह- चीन
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि भारत विदेशी कंपनियों के लिए खूब आकर्षण बन रहा है। अखबार ने एक लेख में कहा है कि कम लागत में उत्पादन धीरे-धीरे चीन से हट रहा है। अखबार ने लिखा है कि भारत सरकार ने देश के बाजार के एकीकरण के लिए जीएसटी लागू किया है। यह अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने वाला है। इस नई टैक्स व्यवस्था से मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि इसमें राज्य और केंद्र के विभिन्न करों को मिला दिया गया है। लेख में कहा गया है कि आजादी के बाद के सबसे बड़े आर्थिक सुधार जीएसटी से फॉक्सकॉन जैसी बड़ी कंपनी भारत में निवेश करने के अपने वादे के साथ आगे बढ़ेंगी।

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