Home समाचार पहले जिन्ना का गुणगान, अब हिजाब को अखिलेश यादव का मौन समर्थन

पहले जिन्ना का गुणगान, अब हिजाब को अखिलेश यादव का मौन समर्थन

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कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश सहित पांच चुनावी राज्यों में भी सियासत तेज हो गई है। समर्थन और विरोध में पार्टियां अपना-अपना पक्ष रख रही हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने हिजाब के मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। उन्होंने चुनावी रैलियों और ट्विटर पर इस विवाद से बचने की कोशिश की है। जब एटा में हिजाब विवाद को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि संविधान हमें आजादी देता है। हरेक को आजादी है कि क्या पहनना है, क्या खाना है, क्या बोलना है, किस तरीके से रहना है, पाबंदियां कोई नहीं लगा सकता। इस तरह अखिलेश ने सीधा जवाब न देकर हिजाब को अपना मौन समर्थन दिया।

जब हिजाब विवाद शुरू हुआ तब यूपी में पहले चरण के चुनाव होने वाले थे। अब दूसरे चरण का मतदान भी समाप्त हो गया है। पहले दो चरणों के मतदान उन इलाकों में थे जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा थी। ऐसे में अखिलेश अपनी मौन सहमति से मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश की। हालांकि असदुद्दीन ओवैसी ने अखिलेश यादव की चुप्पी पर सवाल उठाया, लेकिन अखिलेश ने इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए अपने दूसरे नेताओं को लगा दिया। हिजाब विवाद पर बयाने देने से भले ही अखिलेश यादव बचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी मौन सहमति का नतीजा है कि समाजवादी पार्टी के दूसरे नेता भड़काऊ बयान देकर इस मामले को तूल देने का काम किया है।

अखिलेश की भाषा बोल रहे सपा नेता

  • सपा की नेता रुबीना खानम ने अलीगढ़ में कहा कि अगर किसी ने हिजाब के मसले में दखलंदाजी की, तो उसके हाथ काट लिए जाएंगे।
  • सपा सरकार में हिजाब को लेकर कानून लाने के मुद्दे पर सांसद एचटी हसन ने कहा कि इसके लिए सपा सरकार सबकुछ करेगी।
  • हिजाब के समर्थन में सपा नेता अबू फरहान आज़मी ने इंस्टाग्राम पर जैन साधु तरुण सागर की एक तस्वीर शेयर कर मजाक उड़ाया।
  • कानपुर की सपा नेत्री रिया सिद्दीकी ने कहा कि हिजाब और राजनीति में किसी एक को चुनना पड़ा तो वह राजनीति छोड़ देंगी।
  • सपा प्रत्याशी कमाल अख्तर ने कहा कि हिजाब पहनना संवैधानिक अधिकार है। अगर समानता लानी है तो शिक्षा में लाएं, ड्रेस कोड में नहीं।

जिन्ना महान, हिन्दू संत ‘चिल्लमजीवी’

सपा प्रमुख अखिलेश यादव 31 अक्टूबर, 2021 को अपनी विजय रथ यात्रा लेकर हरदोई में थे। इस दिन लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती थी। सपा अध्यक्ष ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए सरदार पटेल को याद किया लेकिन बखान भारत विभाजन के मुख्य सूत्रधार और पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का कर बैठे। अखिलेश ने भारत की आजादी में जिन्ना की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए उन्हें महात्मा गांधी और सरदार पटेल के बराबर का महापुरुष बता डाला। इसके बाद 17 नवंबर, 2021 को यूपी के गाजीपुर में अखिलेश यादव ने संतों को ‘चिल्लमजीवी’ और ‘एक रंग वाले’ कहकर संबोधित किया। इस विवादित बयान को लेकर देश के संतों ने अपनी नाराजगी जतायी।

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