कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने और देशवासियों को राहत देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से संबंधित पांचवीं और अंतिम किस्त पेश की। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रोत्साहन पैकेज की इस किस्त में सात मुद्दों ”मनरेगा, स्वास्थ्य और शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम को गैर-आपराधिक बनाने, कारोबार की सुगमता, सार्वजनिक उपक्रम और राज्य सरकारों से जुड़े संसाधन” पर ध्यान दिया गया है।
मनरेगा बजट में 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान
मनरेगा के लिए 61,500 करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया गया था। अब घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों को उनके ही राज्य में काम मिल सके, इसके लिए बजट में 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नॉलजी के इस्तेमाल को बढ़ावा
‘पीएम ई-विद्या प्रोग्राम’ की जल्द शुरुआत होगी। एजुकेशन के लिए ‘दीक्षा’ नाम का नया प्लैटफॉर्म। हर क्लास के लिए टीवी चैनल शुरू होगा। रेडियो, कम्युनिटी रेडियो और पॉडकास्ट्स का यूज बढ़ेगा। दिव्यांग बच्चों के लिए नया कंटेंट डेवलप होगा। स्वयंप्रभा डीटीएच चैनल में पहले 3 थे, उसमें 12 और नए चैनल जोड़े जा रहे हैं। राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे 4 घंटे का कंटेट दें, जिसे लाइव चैनलों पर दिखाया जा सके। 200 नई पाठ्यपुस्तकें ई-पाठशाला में जोड़ी गईं। देश की टॉप 100 यूनिवर्सिटी 30 मई तक ऑनलाइन कोर्स की शुरुआत कर देंगी।
पीएम ई-विद्या- डिजिटल/ ऑनलाइन शिक्षा के लिए मल्टी-मोड एक्सेस के लिए एक कार्यक्रम तुरंत लॉन्च किया जाएगा; शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों को 30 मई तक स्वचालित रूप से ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति दी जाएगी#AatmaNirbharApnaBharat https://t.co/7Frmbxc4u5
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) May 17, 2020
स्वास्थ्य पर सरकारी खर्च में बढ़ोतरी
हेल्थ सेक्टर में सरकारी खर्च को बढ़ाया जाएगा। हर जिलें में संक्रामक रोग ब्लॉक होंगे। ग्रामीण इलाकों में लैब नेटवर्क पर्याप्त नहीं है इसलिए सभी ब्लाक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य लैब तैयार की जाएंगी। कोरोना से लड़ने के लिए अब तक स्वास्थ्य संबंधी उपायों के लिए 15,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, जिसमें PMGKY के तहत स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए प्रति व्यक्ति 50 लाख रुपये बीमा शामिल है।
स्वास्थ्य सुधार और नई पहल- भविष्य के किसी भी महामारी के लिए भारत को तैयार करना। #AatmaNirbharApnaBharat pic.twitter.com/fblnsUSqHU
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MSME : दिवालियापन की कार्रवाई पर एक साल की रोक
MSMEs को फायदा पहुंचाने के लिए दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू करने की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दी गई है। IBC के सेक्शन 240A के तहत स्पेशल फ्रेमवर्क बनाया जाएगा। एक साल तक दिवालियापन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकेगी। कोविड-19 से हुए कर्ज ‘डिफॉल्ट’ कैटेगरी में नहीं डाले जाएंगे।
IBC से संबंधित उपायों के माध्यम से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में और वृद्धि। #AatmaNirbharApnaBharat pic.twitter.com/g6Nseu5Vl2
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कंपनीज एक्ट में बदलाव
छोटी-मोटी तकनीकी चूकों को डी-क्रिमिनलाइज किया जाएगा। कंपनीज एक्ट में बदलाव किए जा रहे हैं। कम्पाउंडेबल सेक्शंस में बड़े पैमाने पर चेंज किया गया है। 7 ऑफेंसेज पूरी तरह खत्म कर दिए गए हैं। भारतीय कंपनियों को ये अधिकार दिया जाएगा कि वे जायज विदेशी अधिकार क्षेत्र में नॉन-पब्लिक कंपनीज को डायरेक्टली लिस्ट करवा सकती हैं।
कंपनी ऐक्ट में आपराधिक प्रावधानों को कम करना। #AatmaNirbharApnaBharat pic.twitter.com/sveOrcWz2P
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पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज में बड़ा बदलाव
पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज में बड़ा बदलाव किया गया है। सारे सेक्टर्स प्राइवेट सेक्टर के लिए खोले जाएंगे। एक नई पॉलिसी बनेगी। उसमें स्ट्रैटेजिक सेक्टर्स और अन्य की लिस्टिंग होगी। इसकी नोटिफिकेशन बाद में आएगी।
राज्यों के उधार लेने की लिमिट बढ़ी
अप्रैल तक टैक्स रेवेन्यू के रूप में राज्यों को 46,038 करोड़ रुपये दिए गए हैं। वित्त मंत्री ने राज्यों का ओवरड्राफ्ट पीरियड बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक का शुक्रिया अदा किया। 2020-21 में राज्य अपनी जीडीपी के 3 पर्सेंट की बजाय 5 पर्सेंट तक की रकम ले सकेंगे। राज्यों ने अबतक उन्हें अधिकृत लिमिट की सिर्फ 14 प्रतिशत रकम ली है।
अप्रैल के पहले सप्ताह में SDRF (11,092 करोड़ रुपये) की धनराशि जारी। #AatmaNirbharApnaBharat pic.twitter.com/4dv17Pjhwk
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ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए उठाए गए कदम
कोरोना वायरस संकट के दौरान कंपनीज एक्ट 2013 के प्रावधानों के अनुपालन के लिए बोझ घटाया गया। बोर्ड मीटिंग, ईजीएएम, एजीएम आदि वर्जुअल करने की अनुमति दी गई। राइट्स इश्यू की ऑनलाइन किया जा सकता है। 2016 के बाद आईबीसी के जरिए दोगुनी रिकवरी हुई है। 1.84 लाख करोड़ रुपए की वसूली हो चुकी है।
छोटी कंपनियों, एक-व्यक्ति कंपनियों, निर्माता कंपनियों और स्टार्ट अप के लिए सभी चूक के लिए कम दंड। #AatmaNirbharApnaBharat pic.twitter.com/jYvEIrGw45
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कोरोना से लड़ने के लिए मोदी सरकार के प्रयास
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने क्या किया, इसकी जानकारी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई। वित्त मंत्री ने बताया कि 15,000 करोड़ रुपये में से 4,113 करोड़ रुपये राज्यों को दिए गए। 3,750 करोड़ से जरूरी उपकरण खरीदे गए। हर हेल्थ प्रोफेशनल के लिए 50 लाख रुपये के इंश्योरेंस का प्रावधान किया गया। एपिडेमिक ऐक्ट में बदलाव कर हेल्थ वर्कर्स तक मदद पहुंचाई गई। आज देश में 300 से ज्यादा मैनुफैक्चरर्स PPE किट्स बना रहे हैं। हमने 51 लाख PPEs, 87 लाख N95 मास्क सप्लाई किए हैं।
अबतक कैसे पहुंचाई मदद
- 16 मई तक पीएम किसान निधि के तहत 8.19 करोड़ किसानों तक मदद पहुंचाई गई है। हर किसान को 2,000 रुपये मिलते हैं।
- NSAP के तहत पहली किश्त 1,405 करोड़ रुपये की, दूसरी 1,402 करोड़ रुपये की दी गई है। 3,000 करोड़ रुपये का टारगेट लगभग पूरा।
- पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 20 करोड़ महिलाओं के जन-धन खातों में पैसे डाले गए। कुल 10,025 करोड़ रुपये खातों में भेजे गए।
- कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को 3,950 करोड़ रुपये दिए गए हैं। 2.2 करोड़ वर्कर्स को मदद पहुंची है।
- उज्ज्वला योजना के तहत 6.81 करोड़ सिलिंडर्स मुफ्त दिए गए हैं।
- श्रमिकों के लिए रेल यात्रा का 85 फीसद खर्च केंद्र ने उठाया। भोजन भी केंद्र ने दिया।
- EPFO योजना के 12 लाख लाभार्थी हैं। EPF से 3,660 करोड़ रुपये निकाले गए हैं।
पिछले चार दिन में क्या हुए ऐलान
पिछले चार दिनों में चार किस्तों में सरकार ने करीब 11 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है। में छोटे व्यवसायों, रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं, किसानों और गरीब प्रवासियों के साथ-साथ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC), सूक्ष्म वित्त संस्थानों (MFI) और बिजली वितरकों के लिये राहत दी गयी हैं। चौथी किस्त में शनिवार को, सरकार ने रक्षा विनिर्माण में विदेशी निवेश सीमा को बढ़ाने की घोषणा की। इसके अलावा वाणिज्यिक कोयला खनन, खनिज ब्लॉकों की नीलामी, बिजली वितरण में सुधार, अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिये खोलने, विमानन क्षेत्र में सुधार आदि की घोषणा की गई।