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हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए फरहान अख्तर की फिल्म है पाकिस्तानी फिल्म की नकल!

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बॉलीवुड में शुरू से जानबूझकर ऐसी फिल्में बनाई जाती रही हैं जिसके कंटेट से हिंदू धर्म और हिंदुओं का अपमान होता रहा है। इन फिल्मों में जिस तरह हिंदुओं को लेकर चित्रण किया जा रहा है वह सत्यता से परे और हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश कहा जा सकता है। मुंबइया फिल्मकार हिंदू धर्म और पवित्र ग्रंथों का मजाक बनाकर भारतीय संस्कृति को बदनाम करते रहे हैं। अगर आप सलीम खान-जावेद अख्तर की जोड़ी या कादर खान की डॉयलॉग वाली फिल्मों या उससे पहले की भी फिल्मों को देखेंगे तो मुस्लिमों, मौलवियों को बेहद दयालु, पांचों वक्त नमाज पढ़ने वाले अच्छे इंसान के रूप में दिखाया जाता रहा है, जबकि हिंदू साधु-संतों, पुजारियों, व्यापारियों और जमींदारों को बेईमान, धोखेबाज और शोषण करने वाले व्यक्ति के रूप में दिखाया जाता रहा है। भारी भरकम हिंदी शब्दों को मजाक उड़ाकर उर्दू शब्दों को मिठास वाली जुबान बताया जाता रहा है। राम-कृष्ण के चित्रण का मजाक उड़ाकर पिछले साठ-आठ दशक से भारतीय हिंदूओं को दिमाग में एक तरह से स्लो प्वाइजन भर दिया गया है।

पिछले कुछ वर्षों से फिल्मों के जरिए लव जिहाद को बढ़ावा दिया जाने लगा है। आम तौर पर आप देखेंगे कि हिंदू परिवार की लड़की मुस्लिम लड़के से प्रेम करती है। इसमें मुस्लिम परिवार को सेकुलर के रूप में सभी धर्मों से प्रेम करने वाला और मिलनसार दिखाया जाता है, जबकि हिंदू लड़की के परिवार को कट्टर दिखाया जाता है। लड़की के पिता का चित्रण एक घमंडी, मुस्लिमों से नफरत करने वाले व्यक्ति के रूप में किया जाता है। यह सब एक एजेंडे के तहत काफी पहले से किया जाता रहा है।

जब फिल्म समाज का आईना है तो सिर्फ हिंदू धर्म का ही क्यों, मुस्लिम धर्म के साथ मजाक क्यों नहीं? सवाल उठता है कि मुस्लिम को कट्टरपंथी या आतंकी के रूप में चित्रण क्यों नहीं। मुस्लिम लव जिहाद को क्यों नहीं दिखाया जाता। मुस्लिम समाज में व्याप्त कुप्रथाओं को क्यों नहीं दिखाया जाता, जबकि बॉलीवुड में मुस्लिम फिल्मकारों की तादाद ज्यादा है। वे हलाला, बुर्का प्रथा, मुस्लिम महिलाओं को परदे के भीतर बंद रखने पर फिल्म क्यों नहीं बनाते? चार-चार विवाह करके पत्नी को तलाक देने के बाद महिलाओं की बदतर स्थिति पर फिल्म क्यों नहीं बनाते? आतंकी केंद्र बनते जा रहे मस्जिद और मदरसे पर फिल्म क्यों नहीं बनाते?

बॉलीवुड के फिल्मकार तो फिल्म बनाएंगे पाकिस्तानी एजेंडे के अनुसार। अब जावेद अख्तर के बेटे फरहान अख्तर की फिल्म आई है तूफान। फिल्म में एक पाकिस्तानी फिल्म की नकल की गई है। इसमें भी मुस्लिम लड़के से हिंदू लड़की के प्यार को दिखाया गया है। हिंदू लड़की के पिता को मुस्लिमों से नफरत करने वाला बताया गया है। कुछ दिन पहले एनआरसी और सीएए को लेकर प्रदर्शन में फरहान अख्तर की हिंदूओं के प्रति घृणा आप देखे ही होंगे। अब सोशल मीडिया पर लोग इस बारे में चर्चा कर रहे हैं…

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