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आदर्श पुत्र के रूप में पीएम मोदी की मां के प्रति समर्पण की तारीफ, माइक्रोसाइट पर दिल को छू लेने वाले शोक संदेश

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सादगी और विनम्रता से लोगों का दिल जीत लिया है। जहां देश के 140 करोड़ लोगों के प्रधानसेवक के रूप में अपने दायित्वों को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निर्वहन कर रहे हैं, वहीं एक आदर्श पुत्र के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन किया। प्रधानमंत्री मोदी का मां हीराबेन के साथ बेहद खास लगाव था। जब भी मौका मिलता है प्रधानमंत्री मोदी अपनी मां के साथ बिताए हुए पलों को याद करना नहीं भूलते हैं। मां हीराबा के प्रति उनके सम्मान, समर्पण और संस्कारित आदर्शपूर्ण आचरण आज पूरे देश के लिए प्रेरणा है। आज प्रधानमंत्री मोदी की मां इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनके निधन के समय देश के राजनीति दलों के नेताओं से लेकर जानी-मानी हस्तियों तक ने जो शोक संदेश दिया, उसे एक माइक्रोसाइट पर प्रदर्शित किया गया है।

बीते साल 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी की माताजी हीराबा ने 100 साल की उम्र में अहमदाबाद के एक अस्पताल में आख़िरी सांस ली, तो इस दुख की घड़ी में देश-दुनिया ने अपनी सहानुभूति प्रदर्शित की थी। अब हीराबा की याद में समर्पित एक वेबसाइट पर दिल को छू लेने वाले शोक संदेशों को प्रदर्शित किया गया है। इनमें राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, न्यायविद्, सैन्य अफसर, उद्योग, खेल जगत के दिग्गजों के साथ ही बीजेपी, सहयोगी दलों और विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हैं। ये सभी शोक संदेश प्रधानमंत्री की ,सरकारी वेबसाइट की माइक्रोसाइट https://www.narendramodi.in/hi/mother पर किसी के भी देखने के लिए उपलब्ध हैं। इस माइक्रोसाइट पर माता और पुत्र के अनूठे रिश्तों को प्रदर्शित करती तस्वीरें, वीडियो और कोट्स और आर्टवर्क को भी देखा जा सकता है।

माइक्रोसाइट पर प्रधानमंत्री मोदी की जुबानी बचपन से लेकर किशोरावस्था तक मां और पुत्र के रिश्ते को जिस तरह प्रदर्शित किया गया है, वो किसी को भी भाव-विभोर कर देता है। ‘मैं और मां’ के डोर को जिस तरह चरितार्थ किया गया है, वो बताता है कि चाहे पुत्र कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए। पुत्र चाहे कितनी भी ऊंची उड़ान क्यों ना भरने लगे, लेकिन उसकी कमान तो मां के हाथों में होती है। जो कभी उसे अपने कर्त्तव्यपथ से विचलित नहीं होने देती। मां का आशीर्वाद हमेशा कवच बनकर रक्षा करता है और कठिन से कठिन चुनौतियों से लड़ने का साहस देता है। प्रधानमंत्री की मां ने पांच साल के बालक नरेन्द्र को देश सेवा की राह दिखाई। गरीब माताओं और बहनों की सेवा करने की सीख दी। उसी सीख ने प्रधानमंत्री मोदी को 140 करोड़ लोगों का प्रधान सेवक बना दिया।   

भारतीय संस्कृति में माता को देवता के समान समझा जाता है। राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने पत्र में इस भाव से लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने मातृ देवो भव: के संदेश को चरितार्थ करते हुए मां और पुत्र के बंधन की शक्ति को प्रदर्शित किया है। इसी तरह लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और पंजाब, उड़ीसा, आंध्र, नगालैंड, गोवा, तमिलनाडु के राज्यपालों ने भी हीराबा को अपनी श्रद्धांजलि दी। वहीं कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लिखा है-आप (मोदी) समर्पित पुत्र रहे। इसी तथ्य ने आपको दुख की इस घड़ी को सहने की शक्ति दी होगी। राहुल ने लिखा कि मुझे कभी हीराबा से मिलने का सौभाग्य नहीं मिला, लेकिन उनकी विनम्रता और उदारता हर कोई देख सकता था। संदेश देने वालों में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, एआईडीएमके के समन्वयक ओ पनीरसेल्वम शामिल हैं।

कई मुख्यमंत्रियों ने भी अपने शोक संदेश भेजे हैं। इन संदेश में माता-पुत्र के इस रिश्ते को लेकर पार्टी और विचारधारा की सीमाएं टूटती नजर आ रही हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन लिखते हैं- प्रधानमंत्री मोदी जब भी मुझसे मिलते थे, तो मेरी मां के बारे में पूछते थे और जब मैं उनसे उनकी मां के बारे में पूछता, तो उनका चेहरा दमकने लगता था। वह इस बात से बहुत खुश थे कि उनकी मां जल्द ही सौ साल की हो जाएंगी। केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने लिखा है-इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता वे दो गुण हैं जो आपकी मां ने आपके परिवार और पूरे देश को दिए। इनके अलावा मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, सिक्किम, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने भी दिल को स्पर्श करने वाला संदेश दिया है।

 

 

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