महाराष्ट्र सरकार की ज्यादतियों का शिकार बने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई, लेकिन ऐसे और भी कई नाम हैं, जिन्हें महाराष्ट्र के जंगलराज का कोपभाजन बनना पड़ रहा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के नेतृत्व में रोज-ब-रोज जंगलराज का नमूना पेश किया जा रहा है। उद्धव ठाकरे सरकार में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सरकार के खिलाफ बोलने वालों को सरकारी अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है। ठाकरे के विरोध में आवाज उठाने वालों का दमन किया जाना आम बात हो गई है। ट्विटर पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी करने पर समित ठक्कर को नागपुर पुलिस ने 24 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया था। जमानत मिलने पर फिर उसे दूसरी जगह की पुलिस द्वारा फिर उठा लिया जाता है। एक खास मामले में जमानत मिलने पर उसे फिर गिरफ्तार कर लिया जाता है। दरअसल, सिर्फ एक ट्वीट के कारण समित ठक्कर को बार-बार गिरफ्तार कर उसके ऊपर अत्याचार किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ लोग मुखर हो रहे हैं और समित ठक्कर को रिहा करने की गुहार लगा रहे हैं।
— @pktomar (@pktomar) November 11, 2020
Release Samit Thakkar as well. #WelcomebackArnab
— santosh (@santosh23495046) November 11, 2020
Will they arrest Arnab again like they r doing with Samit Thakkar ?
— सुबोध (@subodhs_93) November 11, 2020
Release samit thakkar immediately#sameetthakkar
@AmitShah @HMOIndia kuch eisa karo Samit Thakkar Diwali aapne Family ke saath manaye ?? he is harrased by state just for few tweets ??
— CBI For Palghar (Justice 4 Hindu Sadhus) (@localvirar) November 11, 2020
Release Samit Thakkar as well. #WelcomebackArnab
— Chandra J (@ivorysharma) November 11, 2020