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दिल्ली में कोरोना की बढ़ रही रफ्तार, फिर अमित शाह ने संभाली कमान, दोबारा नाकाम साबित हुए केजरीवाल

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बीते कुछ दिनों से दिल्ली में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर चल रही है। वहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार कोरोना के बढ़ते रफ्तार पर काबू पाने में नाकाम रही है। कोर्ट से भी केजरीवाल सरकार को फटकार लगी है। ऐसी स्थिति में दिल्लीवासियों को बचाने के लिए फिर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कमान संभाल ली है। रविवार को अमित शाह ने कोविड-19 स्थिति की समीक्षा बैठक की, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और सीएम अरविंद केजरीवाल शामिल हुए। इस बैठक में कोरोना से निपटने के लिए 12 सूत्रीय योजना तैयार की गई।

बैठक के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने सिलसिलेवार कई ट्वीट्स किए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आरटी-पीसीआर टेस्ट को दोगुना किया जाएगा। वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर की मोबाइल टेस्टिग वैन को कुछ खास स्थानों पर तैनात किया जाएगा। शाह ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को पर्याप्त सुविधा मिल सके इसके लिए कुछ एमसीडी अस्पतालों को कोविड समर्पित अस्पतालों में परिवर्तित किया जाएगा।

बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में अस्पतालों की क्षमता तथा अन्‍य मेडिकल इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर की उपलब्‍धता में वृद्धि की जानी चाहिए। ऑक्‍सीजन की सुविधा वाले बेडों की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्‍य से छतरपुर के 10,000 बेड वाले कोविड सेंटर को और सशक्त किया जाएगा।

अपने ट्वीट के आठवें प्वाइंट में गृहमंत्री ने डॉक्टरों को एयरलिफ्ट करने की बात कही। उन्होंने लिखा कि केंद्रीय सशक्त पुलिस बलों ने कोरोना से लड़ने में देश और दिल्ली की जनता का बहुत सहयोग किया है। मोदी सरकार ने दिल्ली में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को देखते हुए CAPF से अतिरिक्‍त डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ देने का निर्णय किया है, उन्हें शीघ्र ही एयरलिफ्ट करके दिल्ली लाया जायेगा।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बैठक में यह भी निर्देश दिए कि कोविड-19 के होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों की ट्रैकिंग रखने और तत्‍काल मेडिकल सुविधा की आवश्‍यकता पड़ने पर उनको तुरंत कोविड अस्‍पतालों में शिफ्ट करने की जरूरत पर विशेष रूप से बल दिया जाए। जिससे अधिक से अधिक लोगों के जीवन को बचाया जा सके।

इसके अलावा गृहमंत्री की तरफ से गंभीर कोरोना मामलों में प्‍लाज्‍मा डोनेशन और प्रभावित व्यक्तियों को प्‍लाज्‍मा प्रदान किए जाने के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने के निर्देश दिए गए। डॉ. वी के पॉल, निदेशक एम्‍स और महानिदेशक ICMR के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति इसपर जल्द ही रिपोर्ट देगी।

गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई इस बैठक के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं केंद्र सरकार, गृहमंत्री अमित शाह का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने ये मीटिंग बुलाई। इस वक्त ये जरूरी है कि सभी लोग मिलकर काम करें ताकि दिल्ली के लोगों की जान को बचाया जाए। 20 अक्टूबर के बाद से दिल्ली में कोरोना के केस बढ़ने लगे हैं। दिल्ली में कोविड बेड की संख्या तो ठीक है लेकिन आईसीयू बेड की संख्या कम है। केंद्र सरकार ने हमें भरोसा दिलाया कि डीआरडीओ का जो सेंटर है, वहां पर अगले दो दिनों में पांच सौ आईसीयू बेड्स उपलब्ध करा दिए जाएंगे।

पूर्वी दिल्ली सांसद गौतम गंभीर ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोला। एमसीडी अपने हवाले मांगने वालों, अगर “आप” से कोरोना नहीं संभलता, प्रदूषण नहीं संभलता तो खुद कुर्सी क्यों नहीं छोड़ते? सारा ज्ञान दूसरों के लिए? इसके साथ ही उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि नमस्कार दिल्ली, मैं अरविंद केजरीवाल बोल रहा हूं, कोविड महामारी को रोकने में मैं एक बार फिर विफल रहा हूँ, मई की तरह दोबारा हमें श्री अमित शाह जी ही बचाएंगे। आपका अपना विज्ञापन वाला मुख्यमंत्री।

दिल्ली में कोविड-19 के 3,235 नए मामले सामने आये जिससे रविवार को यहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4.85 लाख से अधिक हो गई, वहीं 95 और मरीजों की संक्रमण से मौत हो जाने से मृतक संख्या बढ़कर 7,614 हो गई। कुछ ही दिन पहले कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी। कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली जल्द ही देश की ‘कोरोना राजधानी’ बन जाएगी। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सुब्रमनियम प्रसाद की एक बेंच ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने नागरिकों के स्वास्थ्य का मजाक बनाकर रख दिया है।

एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में आंकड़े प्रति दिन 8000 तक पहुंच गए। ऐसी स्थिति में दिल्ली सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए क्या किया? स्कूलों को खोला जा रहा है। तहबाजारी और साप्ताहिक बाजार अपने पुराने रूप में लौट आए हैं। कोर्ट ने पूछा कि क्या कोरोना मामलों के दोगुने होने का हो रहा है इंतजार ?

केजरीवाल सरकार अस्पतालों में बेड होने और पूरी व्यावस्था होने का दावा कर रही है। ऐसे में याचिकाकर्ता ने कोर्ट में केजरीवाल सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी। उसने बताया कि वह कोरोना से संक्रमित पाया गया। इसके बावजूद न उन्हें बेड मिला और न कोई अस्पताल। आखिरकार एक दोस्त की मदद से एक नर्सिंग होम में दाखिला मिला। पर यहां एक ऑक्सीजन मीटर के अलावा कोई मदद नहीं है।

 

 

 

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