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माफी तो कांग्रेस को मांगनी चाहिए अपने बिगड़े बोल के लिए

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लोकसभा और राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान से कांग्रेसी नेता तिलमिलाए हुए हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद पीएम मोदी के दोनों सदनों में बयान ने तूफान ला दिया है। कांग्रेसी नेताओं ने प्रधानमंत्री के खिलाफ जवाबी बयानों की झड़ी लगा दी है। लेकिन ऐसे करते हुए वे भूल रहे हैं कि ये परिपाटी उन्होंने ही शुरू की है। पीएम मोदी ने तो हकीकत बयान करते हुए सिर्फ कटाक्ष किया था, लेकिन कांग्रेसी नेता तो कई बार सभी मर्यादा लांघ चुके हैं।

आइये इसी बहाने हम पड़ताल करते हैं, जब नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी नेताओं ने सियासी हमला करने की जगह गालियां दीं या अपशब्द बोले और बदले में जनता ने उन्हें आसमान से उतारकर जमीन पर पटक दिया।

जब सोनिया ने मोदी को कहा था-‘मौत का सौदागर’
कौन भूल सकता है सोनिया गांधी का वो बयान, जिसने वास्तव में गुजरात की जनता को झकझोर कर रख दिया था। तब सोनिया ने गुजरात के तत्कालीन और बेहद लोकप्रिय मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘मौत का सौदागर’ बताया था। 31 मई, 2007 को नवसारी में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा था- “गुजरात की सरकार चलाने वाले झूठे, बेईमान, मौत के सौदागर हैं।“

बहस छिड़ गयी थी कि मौत का सौदागर कौन?- वो, जिसने भूकंप से त्राहि-त्राहि कर रहे गुजरात को इस भीषण आपदा के बाद फिर से खड़ा कर दिया। दोबारा नेस्तनाबूत हो चुके शहरों को बसाने में जी-जान कर एक दी। या वो जो संसद पर हमला करने वालों को फांसी की सजा से बचाती रही, इशरत जैसी आतंकी को शहीद बनाने की कोशिश में जुटी रही।

जनता ने अपने वोट से सोनिया गांधी और कांग्रेस को करार सबक सिखाया और उल्टा इन्हें ही ‘मौत का सौदागर’ करार दिया और नरेन्द्र मोदी 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में 117 सीटें जीतकर विजेता बनकर लौटे। कांग्रेस 59 सीटों पर सिमट गयी।

कांग्रेसी नेता ने दी बोटी-बोटी काटने की धमकी
तब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार थे, जब उन्हें बोटी-बोटी काट देने की धमकी खुलेआम दी गयी। लोकसभा चुनाव के दौरान सहारनपुर में कांग्रेस के उम्मीदवार इमरान मसूद ने 28 मार्च, 2014 को ये बयान देकर यूपी ही नहीं पूरे देश में नफरत की सियासत को हवा देने की कोशिश की। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने तो इस बयान का कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन जनता ने इसका जवाब दिया। नरेन्द्र मोदी को न सिर्फ भारी बहुमत से देश का प्रधानमंत्री बनाया, बल्कि इमरान मसूद की रखवाली कर रही कांग्रेस को धूल चटा दी। खुद इमरान की हार तो जिक्र करने वाली बात भी नहीं। कांग्रेस फिर भी जनता के फैसले से सबक लेने को तैयार नहीं दिखती। उसने एक बार फिर उसी इमरान मसूद को यूपी विधानसभा चुनाव के लिए बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है।

‘ज़हर की खेती’ वाला सोनिया का बयान
ऐसा नहीं है कि इमरान मसूद को नरेन्द्र मोदी की बोटी-बोटी काट देने का बयान देने का सपना आ गया हो। इसी लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस का आलाकमान मोदी के खिलाफ जो विषवमन कर रहा था, उसी को आगे बढ़ा रहा था इमरान मसूद। याद कीजिए सोनिया गांधी का वो बयान, जो 1 फरवरी, 2014 को उन्होंने कर्नाटक के गुलबर्ग में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ दिया था। सोनिया ने कहा था, “मेरा पूरा भरोसा है कि आप ऐसे लोगों को मंजूर नहीं करेंगे जो जहर का बीज बोते हैं।“ ‘मौत का सौदागर’ के बाद ‘ज़हर की खेती’ के इस बयान ने इस बार गुजरात ही नहीं देश की जनता की भावना को जगा दिया। नतीजा लोकसभा चुनाव में सामने आया- बीजेपी 278, कांग्रेस-45.

राहुल का ‘खून की दलाली’ वाला बयान
बात 6 अक्टूबर, 2016 की है जब देश सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जय-जयकार कर रहा था। विरोधी भी चुप रहने को मजबूर थे। हां, केजरीवाल जरूर सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे। तभी यूपी चुनाव की तैयारी कर रहे राहुल गांधी किसान यात्रा से लौटने के बाद आत्मघाती हमला कर बैठे। उस सर्जिकल स्ट्राइक पर, जिसमें पहली बार पाकिस्तान में घुसकर हिन्दुस्तान ने आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था, जिसकी दुनिया में सबने सराहना की, पाकिस्तान उफ तक नहीं कर पाया; राहुल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर ‘खून की दलाली’ करने का आरोप लगा डाला।

राहुल ने कहा- ‘हमारे जवानों ने जम्मू-कश्मीर में अपना खून दिया, जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक किया, आप उनके खून के पीछे छिपे हुए हो। आप उनकी दलाली कर रहे हो।’

जाहिर है देश गुस्से में आ गया। हर मोर्चे पर राहुल के बयान की आलोचना होने लगी, पप्पू-पप्पू का शोर मच गया। तभी तो लोगों ने इसे फिदायीन हमला करार दिया, जिसमें निशाने पर रहे मोदी को तो कुछ नहीं हुआ, उल्टे राहुल राजनीतिक रूप से बुरी तरह घायल हो गये।

हिटलर, मुसोलिनी, गद्दाफी से तुलना
नोटबंदी को लेकर जहां पूरा देश नरेन्द्र मोदी के साथ खड़ा है। कालाधन और भ्रष्टाचार पर ऐसी चोट कभी नहीं पड़ी थी। पर, विपक्ष को काले कारोबारियों के साथ खड़ा होने में जरा भी शर्म नहीं आई। विपक्ष ने दुनिया के कुख्यात रहे तानाशाह हिटलर, मुसोलिनी, कर्नल गद्दाफी से प्रधानमंत्री की तुलना कर डाली। राज्यसभा में प्रमोद तिवारी ने ये शर्मनाक बयान दिया जिस पर खूब हंगामा मचा। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश की जनता की फिक्र थी, चंद विरोधियों की नहीं। हर सर्वे में लोगों ने पीएम के एक्शन को सही ठहराया और ‘थोड़ी परेशानी बड़ा मकसद’ से जुड़े रहे।

कोरबा में कांग्रेस विधायक ने पीएम को दी गाली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गाली देने की जो परिपार्टी बड़े नेताओं ने शुरू की है, उसका असर ये है कि छोटे स्तर पर भी मर्यादा टूट रही है। छत्तीसगढ़ के कोरबा में 29 नवम्बर, 2016 को कांग्रेस की रैली में बड़े नेताओं की मौजूदगी में विधायक श्याम लाल कंवर अपना मानसिक संतुलन खो बैठे। उन्होंने प्रधानमंत्री को बुरा-भला कहने के बाद उनके लिए अपशब्दों की लड़ियां ही लगा दीं। कांग्रेस की ये ‘आक्रोश रैली’ नोटबंदी के खिलाफ कर रही थी, लेकिन रैली पीएम मोदी के खिलाफ गाली-गलौच में बदल गयी।

ऐसा नहीं है कि सिर्फ कांग्रेसी नेता ही पीएम मोदी पर हमला करते रहे हैं। दूसरी पार्टियों के विरोधी नेता भी मान-मर्यादा को ताक पर रखकर अनर्गल बयान देते रहे हैं।

सतीश चंद्र मिश्र ने पीएम मोदी को ‘यमराज’ कहा
जिस नोटबंदी से बीजेपी को यूपी में बड़ी जीत की उम्मीद है वही नोटबंदी बीएसपी को यमराज की याद दिला रही है। बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यमराज तक कह डाला है। हालांकि उन्होंने अपने संबोधन में नाम नहीं लिया है। परन्तु, इशारों-इशारों में उन्होंने कहा कि एक-दो नहीं बल्कि डेढ़ सौ लोग नोटबंदी में लाइन में खड़े खडे मर गए। आप सोचिए की डेढ़ सौ लोगों की मौत की जिम्मेदारी किसकी है। इनकी मौत तो नहीं आई थी। इनको यमराज ने तो याद नहीं किया था, लेकिन इन लोगों को तो किसी और यमराज ने याद कर लिया। ये मौत नहीं है ये हत्या है और इसकी जिम्मेदारी किसी ना किसी को एक दिन उठानी पड़ेगी।

आजम खां ने तोड़ी मर्यादा
बीएसपी नेता के बयान से एक दिन पहले एसपी नेता आजम खां ने भी पीएम मोदी के लिए अनादर दिखाया था। आजम खां ने कहा कि वो 131 करोड़ का बादशाह है, रावण जलाने लखनऊ जाता है लेकिन ये भूल जाता है कि सबसे बड़ा रावण लखनऊ में नहीं दिल्ली में रहता है।

केजरीवाल ने ‘बेशर्म तानाशाह’ बताकर किया था अपमान
चुनाव में जीत हासिल करने के लिए नेता कितने नीचे गिर जाते हैं इसका नमूना पंजाब चुनाव से एक दिन पहले भी दिखा, जब पंजाब में जीत का सपना देख रहे अरविन्द केजरीवाल ने प्रधानमंत्री पर अभद्र तरीके से हमला बोला। उन्होंने केंद्र सरकार पर खुद को और अपनी पार्टी को तंग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बेशर्म तानाशाह हैं।

केजरीवाल के विधायक अमानतुल्लाह ने भी कहा अपशब्द
आम आदमी पार्टी में तो मानो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गाली देने की ट्रेनिंग ही दी गयी हो। आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए गाली-गलौज की भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने ये भी कहा- “मोदी सरकार हरा….है।“ दरअसलल ISIS के समर्थन में एक मौलाना कासमी गिरफ्तार हुए थे। अमानातुल्लाह को इसी बात की चिढ़ थी और उन्होंने सारा गुस्सा प्रधानमंत्री पर उतार दिया। बेशर्मी ऐसी कि जब मीडिया वालों ने सफाई मांगी तो उल्टे अपने बचाव में जुट गये।

लालू ने तो सारी मर्यादा ही तोड़ दी
इससे पहले लालू प्रसाद ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर व्यक्तिगत हमला बोला था। मुलायम सिंह के समधी लालू ने चुनावी रंग में डूबते हुए सियासत के लिए जवान को हथियार बनाया। जवानों को इंसाफ दिलाने की बात कहते हुए पीएम को ‘दोगला’ तक कह डाला।

मोदी पर ममता के भी बिगड़ गये बोल
प. बंगाल में शारदा चिटफंड घोटाले में अपने सांसदों की गिरफ्तारी से नाराज़ ममता बनर्जी ने भी खूब तेवर दिखलाए। पीएम मोदी के खिलाफ राजनीतिक गठजोड़ की भी कोशिशें कीं, लेकिन हर तरफ से निराश होने के बाद पीएम पर व्यक्तिगत हमला बोल दिया। उन्होंने पीएम मोदी को चूहा करार दिया।

जब इमाम ने जारी किया शर्मनाक फतवा
ममता की राजनीति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कितनी खतरनाक है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके सांसद की मौजूदगी में एक इमाम फतवा जारी करता है। 7 जनवरी को कोलकाता की टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम सैयद मोहम्मद नुरूर रहमानी बरकती ने सत्तारूढ़ टीएमसी के सांसद मो. इदरीस की मौजूदगी में ये फतवा सुनाया। फतवे के मुताबिक प्रधानमंत्री का सिर मुंडकर उनका मुंह काला करने वाले को 25 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। फतवा सुनाए जाते वक्त टीएमसी सांसद इदरिस भी मौजूद रहे।

अमर सिंह ने भी दी पीएम मोदी को गाली
नोटबंदी से भ्रष्टाचार में डूबे नेताओं में मानो आतंक मच गया। इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें अमर सिंह के साथ मौजूद शख्स नोटबंदी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गाली देते दिखे। हद तो तब हो गयी जब ये आरोप सामने आया कि एसपी महासचिव अमर सिंह खुद व्हाट्सएप्प पर इस वीडियो को आगे बढ़ा रहे थे। दिल्ली में एक होटल के लॉबी में गाली-गलौच की शर्मनाक घटना कैमरे में कैद हुई थी। पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।

ओवैसी ब्रदर्स ने मोदी को ‘शैतान’ और ‘जालिम’ कहा
ताजा बयान एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का है जो नोटबंदी से इतने खफा हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘जालिम’ तक कह डाला। नोटबंदी को मुसलमानों के खिलाफ बताते हुए हैदराबाद में 22 दिसम्बर को ओवैसी ने कहा- ‘आप फ़कीर नहीं हैं, आप तो जालिम हैं।’ इससे पहले भी जब नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को जनता ने लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत दिया था, तब भी असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपशब्द कहे थे।

अकेले असदुद्दीन ओवैसी ही नहीं, उनके भाई अकबरूद्दीन ओवैसी भी नरेन्द्र मोदी के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं। 7 अक्टूबर 2015 को बिहार के किशनगंज में अकबरूद्दीन ने पीएम मोदी को ‘जालिम’ और ‘शैतान’ कहा था। इस बयान के बाद अकबरूद्दीन को गिरफ्तार भी किया गया था, जहां से उन्हें जमानत मिल गयी।

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