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गुजरात में आई मोदी सुनामी में बह गई कांग्रेस, अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन, नेता प्रतिपक्ष का पद छिन जाने का खतरा

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गुजरात में आई मोदी सुनामी से कांग्रेस पूरी तरह तबाह हो चुकी है। अब तक आए नतीजों और रुझानों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। इस बार कांग्रेस 20 सीटों से कम पर सिमटती हुई दिखाई दे रही है। यह देश की सबसे पुरानी पार्टी का राज्य में अब तक का सबसे बुरा प्रदर्शन है। 27 साल बाद सत्ता में फिर से वापसी की उम्मीद पाले कांग्रेस को दोहरा झठका लगा है। कांंग्रेस की करारी हार से जहां पार्टी की सत्ता में वापसी की उम्मीदों पर पानी फिर गया है, वहीं अब कांग्रेस के सामने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद छिन जाने का खतरा भी मंडराने लगा है।

छह दशक में कांग्रेस को मिली सबसे कम सीटें

पिछले छह दशक में कांग्रेस को कभी गुजरात में इतनी करारी हार का सामना नहीं करना पड़ा था। 1985 में 149 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 2022 में कम होकर 17 सीटों तक पहुंच गई है। 1990 के चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे नीचे गिरा था। उस समय पार्टी को सिर्फ 33 सीटें मिली थीं। इसके बाद कांग्रेस ने क्रमश: सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की। साल 2002 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 50 सीटें, 2007 में 59 सीटें और 2012 में 61 सीटें मिली थीं। पिछले चुनाव में कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं।

कांग्रेस के वोट शेयर में अप्रत्याशित गिरावट

इतना ही नहीं कांग्रेस का वोट शेयर भी काफी गिरा है। 1985 में 55.55 प्रतिशत वोट पाने वाली कांग्रेस 2022 में 30 प्रतिशत से नीचे पहुंच गई है। 1990 के चुनाव में कांग्रेस को सबसे कम 30.75 प्रतिशत वोट मिला था। इसके बाद कांग्रेस धीरी-धीरे आगे बढ़ी। उसका वोट प्रतिशत 31 से 41 प्रतिशत के बीच सीमित होकर रह गया था। 2017 में बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के बावजूद कांग्रेस 41 प्रतिशत वोट हासिल कर पाई थी।

अब नेता प्रतिपक्ष का पद बचाना मुश्किल

सीटें कम होने से कांग्रेस को अब नेता प्रतिपक्ष का पद बचाना मुश्किल हो रहा है। नेता प्रतिपक्ष का पद पाने के लिए किसी भी विपक्षी दल को सदन की कुल सदस्य संख्या की कम से कम 10 प्रतिशत सीटों पर जीतना ज़रूरी होता है, जो गुजरात के मामले में कम से कम 19 सीट बनेगा। लेकिन कांग्रेस को 17 सीटें मिलती दिख रही है। नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट मंत्री का रैंक और उससे जुड़ी सुविधाएं भी दी जाती हैं, जो अब शायद कांग्रेस विधायक दल के नेता को नहीं मिल सकेंगी, अगर उन्हें नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं दिया गया। 

AAP की एंट्री और बदजुबानी से कांग्रेस को मिली करारी हार 

कांग्रेस की शर्मनाक हार के लिए मुख्य रूप से गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी की एंट्री, भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी की व्यस्तता और उपेक्षा, गुजरात में पार्टी का कोई फायरब्रांड नेता या बड़ा चेहरा न होना जिम्मेदार है। इनसे कांग्रेस को काफी नुकसान हुआ है। साथ ही पार्टी ने किसी नेता को सीएम पद का उम्मीदवार भी नहीं घोषित किया था। गुजरात में कांग्रेस लंबे समय आंतरिक कलह और संगठनात्मक चुनौतियों से जूझ रही है। चुनाव से ठीक पहले कई प्रमुख नेताओं ने कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था। इसके अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जैसे कांग्रेस नेता का प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपमानजनक टिप्पणी करना आग में घी डालने का काम किया। 

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