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कर्नाटक में विकास के लिए पैसा नहीं, सूखा राहत मांगने लग्जरी जेट से दिल्ली पहुंचे सीएम सिद्धारमैया व मंत्री

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कर्नाटक में मई 2023 में कांग्रेस की सरकार बनने के दो महीने के भीतर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा था कि एक साल तक हम विकास का काम नहीं करवा सकते। कर्नाटक सरकार ने कहा कि कांग्रेस की पांच गारंटी को पूरा करने के लिए 40,000 करोड़ रुपये अलग रखने पड़े हैं, इसीलिए अब विकास के लिए पैसा नहीं है। कांग्रेस के एक सांसद धीरज साहू के पास से 350 करोड़ रुपये निकलते हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी फंड का रोना रो रही है और चंदा जुटाने के लिए क्राउड फंडिंग का दिखावा कर रही है। यह कांग्रेस के दोहरे चरित्र को उजागर करता है। उसका चरित्र मुंह में राम बगल में छुरी की तरह है। एक तरफ कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के पास विकास के लिए पैसे नहीं वहीं कर्नाटक में सूखे और वित्तीय संकट के बीच राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके करीबी सहयोगी मंत्री बी.जेड. जमीर अहमद खान प्राइवेट जेट से सूखा राहत राशि के लिए लग्जरी यात्रा कर रहे हैं।

कांग्रेस के क्राउडफंडिंग के नाटक के बीच कर्नाटक सीएम और मंत्री की लग्जरी यात्रा
एक तरफ, कांग्रेस क्राउडफंडिंग का नाटक कर रही है और I.N.D.I गठबंधन की बैठक में समोसा तक नहीं परोसा, दूसरी तरफ, कर्नाटक सरकार में आवास, वक्फ और अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री ज़मीर अहमद खान, सीएम सिद्धारमैया के साथ एक प्राइवेट जेट में अपनी तस्वीरें दिखा रहे हैं। सूखा राहत के लिए धन की तलाश में, उनके पास दिल्ली की यात्रा के दौरान ‘खुशी के पल’ थे। कर्नाटक की जनता के साथ यह बहुत बड़ा धोखा है। कर्नाटक कुशासन से जूझ रहा है लेकिन कांग्रेस की लूट जारी है। यह सवाल उठना लाजिमी है कि कांग्रेस की क्राउडफंडिंग अभियान के बीच जब पार्टी चंदा मांग रही है, तो ऐसे समय में दोनों नेता प्राइवेट जेट में कैसे घूम रहे हैं। अब भला जिसकी हालत चंदा मांगकर गुजारा करने की हो तो वह प्राइवेट जेट में कैसे यात्रा कर सकता है।

कर्नाटक बीजेपी नेता ने कहा- किसानों के लिए धन नहीं, निजी जेट के लिए धन की कमी नहीं
कर्नाटक बीजेपी नेता सीटी रवि ने भी यही वीडियो शेयर करते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास सूखे से प्रभावित हमारे किसानों को भुगतान करने के लिए धन नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री को उड़ाने के लिए उसके पास सारा धन है। बीजेपी नेता ने लिखा, “कर्नाटक सरकार के पास सूखे से प्रभावित हमारे किसानों को भुगतान करने के लिए धन नहीं है। न ही उसके पास विकास के लिए या अपनी गारंटी को पूरा करने के लिए धन है, लेकिन उसके पास मुख्यमंत्री, उनके राजनीतिक सचिव और आवास मंत्री को शानदार निजी जेट में उड़ाने के लिए सभी धन हैं।”

लग्जरी जेट में मुख्यमंत्री की मौज-मस्ती राज्य की गरीब जनता का मजाक
बीजेपी ने कहा कि सूखे की स्थिति के कारण राज्य के लोग गंभीर आर्थिक संकट में हैं। कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के छह महीने बाद भी गड्ढों की समस्या के समाधान के लिए एक भी प्रयास नहीं हुआ है। बीजेपी ने कहा कि ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके करीबी सहयोगी मंत्री बी जेड ज़मीर अहमद खान द्वारा भव्यता के दिखावे का कोई अंत नहीं है। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि प्राइवेट जेट में यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री की मौज-मस्ती राज्य की गरीब जनता का मजाक उड़ाना है। 

मोदी राज में पहली बार कांग्रेस चंदा मांगने को मजबूर
देश के खजाने को लूटने वाली कांग्रेस ने 138 साल के इतिहास में कभी चंदा नहीं मांगा। अब पीएम मोदी की सख्ती और भ्रष्टाचार पर चौतरफा अंकुश लगने के बाद कांग्रेस चंदा मांगने को मजबूर हुई है। खरगे ने कहा, “यह पहली बार है कि कांग्रेस लोगों से देश के लिए चंदा मांग रही है। यदि आप केवल अमीर लोगों पर निर्भर होकर काम करते हैं, तो आपको उनकी नीतियों का पालन करना होगा। महात्मा गांधी ने भी स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जनता से दान लिया था।”

खरगे ने कहा- पहली बार कांग्रेस लोगों से दान मांग रही पार्टी
28 दिसंबर को कांग्रेस अपनी स्थापना के 138 साल पूरे कर रही है, उन्होंने हाल ही में 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले क्राउडफंडिंग अभियान ‘डोनेट फॉर देश’ शुरू किया है। अभियान का उद्देश्य ‘समान संसाधन वितरण और अवसरों से समृद्ध भारत बनाने के लिए पार्टी को सशक्त बनाना’है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह पहली बार है कि सबसे पुरानी पार्टी लोगों से दान मांग रही है।

कर्नाटक में एक साल विकास के लिए पैसा नहींः डीके शिवकुमार
कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार को अपने ही विधायकों की नाराजगी झेलनी पड़ी। क्योंकि विधायकों को अपने क्षेत्र के लिए फंड नहीं मिल पा रहा। सरकार की प्राथमिकता 5 गारंटियों को लागू करने की है। इस बात को समझाने के लिए कांग्रेस को विधायक दल की विशेष बैठक बुलानी पड़ी। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि 5 चुनावी गारंटी के कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न आर्थिक बाधाओं की वजह से इस साल विकास के लिए विधायक फंड मुहैया नहीं करा सकती है। शिवकुमार ने कहा कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि सरकार से बड़ी उम्मीदें रखने वाले पार्टी के विधायक स्थिति को समझें और धैर्य रखें। जल संसाधन और बेंगलुरु शहर के विकास मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि हमें इस साल अपनी पांच पूर्व गारंटी योजनाओं के लिए 40,000 करोड़ अलग रखने रखने पड़े हैं। इस कारण हम इन पांच गारंटी योजनाओं के कारण दूसरे सार्वजनिक विकास कार्य पर खर्चा नहीं कर पाएंगे।

बीजेपी सरकार का रिवेन्यू सरप्लस बजट, कांग्रेस के बजट में 12 हजार करोड़ का घाटा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपना इस सरकार का पहला बजट पेश किया। 3,27,747 करोड़ रुपये का ये बजट कई बड़े ऐलानों से भरा रहा। बड़ी बात ये भी रही कि पिछली बीजेपी सरकार का जो बजट था, उसकी तुलना में इस बार स्केल काफी बड़ा कर दिया गया। लेकिन इस बजट में कांग्रेस ने ₹12,522 करोड़ का राजस्व घाटा बताया। जबकि पिछली बीजेपी सरकर ने जो बजट पेश किया था, उसमें कहा गया कि उन्होंने अपनी कमाई से कम खर्च किया, यानी कि रिवेन्यू सरप्लस बजट।

कांग्रेस की गारंटी पर हर साल खर्च होंगे 60 हजार करोड़ रुपये
अब पैसे क्यों नहीं हैं, ये समझ लीजिए। कई जानकारों ने कई मौकों पर साफ-साफ कहा है कि अगर कांग्रेस को अपनी ये पांच गारंटी पूरी करनी है तो उसे 60 हजार करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। ये रुपये भी सिर्फ एक साल के हैं, यानी कि अगर पांच सालों तक सरकार चलाई गई तो कितना पैसा सिर्फ इन पांच गारंटियों को पूरा करने पर लगा दिया जाएगा। यहां ये समझना जरूरी है कि 60 हजार करोड़ वाला आंकड़ा भी तभी तक टिकेगा जब तक कांग्रेस सरकार अपनी रेवड़ियों में ‘किंतु-परंतु’लगाती रहेगी यानी कि कुछ कंडीशन्स। अगर वो कंडीशन भी हटा दी जाएं तो इन रेवड़ियों पर कुल खर्चा एक साल के अंदर एक लाख करोड़ से भी ज्यादा का बैठेगा।

विकास के लिए पैसा नहीं, राजीव गांधी की प्रतिम पर खर्च होंगे 1 करोड़
रेवड़ियों का वादा करके सत्ता में आई कर्नाटक की कांग्रेस सरकार जनता के पैसे की बर्बादी के नए आयाम बना रही है। कर्नाटक सरकार अब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तांबे की प्रतिमा पर एक करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। यह स्थिति तब है जब पहले से ही वहां पर राजीव गांधी की पत्थर की प्रतिमा लगी हुई है। इस कदम को लेकर अब पार्टी के भीतर से भी प्रश्न उठ रहे हैं।

एससी-एसटी फंड का उपयोग अब फ्री की गारंटी के लिए
विकास के कामों को बंद करने के बाद अब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की दृष्टि अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी-एसटी) के कल्याण के लिए उपयोग किए जाने वाले फंड पर पड़ गई है। कांग्रेस सरकार ने अपनी चुनावी गारंटियों को पूरा करने के लिए अब इस फंड से 11,000 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है।

कर्नाटक सरकार पर हर साल लगभग 52,000 करोड़ का बोझ
अनुमान है कि कांग्रेस द्वारा दी गई पांच गारंटियों का बोझ हर साल लगभग 52,000 करोड़ रुपए का होगा। इन गारंटियों का फंड जुटाने के लिए सरकार अब विकास के कामों सहित बाकी कल्याणकारी कामों को भी बंद करने पर तुली हुई है।

मुफ्त चावल योजना पर ग्रहण, अब पैसे देगी सरकार
कर्नाटक सरकार अपना चावल देने का वादा नहीं पूरा कर पाई क्योंकि देश भर में चावल की कीमतें बढ़ गई थी और वह चावल खरीद नहीं पाई थी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि वे अन्न भाग्य योजना के तहत मुफ्त चावल के बदले पैसे देंगे। अन्न भाग्य योजना योजना के तहत बीपीएल परिवारों को अतिरिक्त पांच किलो चावल देने का वादा किया गया था, लेकिन अभी पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध नहीं होने के कारण अनाज के बदले लाभार्थियों को पैसे देने की बात कही गई।

कर्नाटक में 60,000 करोड़ का खर्चा मात्र पेंशन और कर्जों के ब्याज के भुगतान पर
कर्नाटक सरकार का वर्ष 2023-24 का बजट कुल 3.24 लाख करोड़ रुपए का है। इसमें से सरकार का लगभग 60,000 करोड़ का खर्चा मात्र पेंशन और कर्जों के ब्याज के भुगतान में होगा। इसके अतिरिक्त भी सरकार को तनख्वाह समेत शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य खर्चे करने हैं।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार 66,000 करोड़ उधार लेगी
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा पेश किए गए बजट के अनुसार, वह इस वर्ष लगभग 66,000 करोड़ रुपए बाहर से उधार लेगी जिससे राज्य के खर्चे पूरे किए जा सकें। इन सभी परिस्थितियों में भी कांग्रेस लगातार ऐसे खर्चे कर रही है जिनकी आवश्यकता नहीं जबकि विकास के कामों के लिए दिया जाने वाला बजट घटा रही है।

नंदिन दूध के दाम में 3 रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार विकास के काम रोकने के बाद आम आदमी को महंगाई का झटकाक देने से भी गुरेज नहीं कर रही। कर्नाटक सरकार ने नंदिन दूध के दाम में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का फैसला किया। यह बढ़े हुए नए दाम 1 अगस्त 2023 से लागू हो गए। अगर यह बढ़े हुए दाम दही, दूध पाउडर जैसे अन्य डेयरी प्रोडक्ट पर भी लागू होते हैं तो आम लोगों की परेशानी और भी बढ़ने वाली है।

कर्नाटक में बसों में सफर हुआ महंगा, बढ़ गया किराया
कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बसों ने अब किराया बढ़ा दिया है। बस किराए में 2 से 5 रुपये तक वृद्धि करने का निर्णय लिया गया। दरअसल, ‘शक्ति योजना’ के कारण इन बसों में यात्रियों की संख्या बढ़ गई थी। इसके बाद महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा का भी ऐलान कर दिया था। लेकिन अब सरकार ने केएसआरटीसी बसों का किराया बढ़ा दिया है। इस नए आदेश के मुताबिक, मैसूर में घंटे के हिसाब से वाहन उपलब्ध कराने की व्यवस्था रद्द कर दी गई है। कर्नाटक परिवहन के साथ ही राजहम्सा एक्जीक्यूटिव और राजहम्सा सहित सात विभिन्न प्रकार की अनुबंध बसों का संशोधित किराया 1 अगस्त से लागू हो गया।

कर्नाटक में मुफ्त बिजली वादा कर काट रहे जेब, बिजली दरें बढ़ीं
सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक की कांग्रेस सरकार मुफ्त बिजली का वादा कर आम आदमी की जेब काटने का काम कर रही है। सरकार ने नागरिकों को 200 यूनिट फ्री बिजली देने का वादा किया है। वहीं बिजली की दरें 2.89 रुपये प्रति यूनिट बढ़ा दी गई। अगर कर्नाटक के लोग 200 यूनिट स्लैब से ज्यादा बिजली खर्च करते हैं तो उन्हें अब 2.89 रुपये प्रति यूनिट की अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। यह अतिरिक्त लागत ईंधन और बिजली खरीद लागत समायोजन (एफपीपीसीए) है और इसमें अप्रैल से बकाया शामिल है।

कर्नाटक सरकार ने मोटर वाहन सहित अन्य की कीमतें बढ़ाईं
मोटर वाहन कर : सरकार ने टैक्सियों, स्कूल वैन और बसों सहित वाणिज्यिक वाहनों पर कर बढ़ा दिया है। 15 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले वाहनों के लिए कर में 15 प्रतिशत की वृद्धि और 10-15 लाख रुपये की कीमत सीमा वाले वाहनों के लिए 9 प्रतिशत कर की वृद्धि की गई है। सरकार को इस टैक्स बढ़ोतरी से 472 करोड़ रुपये की कमाई होने का अनुमान है।

होटल स्नैक्सः दूध की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद होटल एसोसिएशन ने भोजन और नाश्ते की कीमतों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी का फैसला किया है। इससे उपभोक्ताओं के बजट पर और दबाव पड़ने की आशंका है।

पंजीकरण और टिकटः सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री, जमीन खरीदने और घर बनाने की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है। इससे इन प्रक्रियाओं के और अधिक महंगे होने की संभावना है, और लोग इन क्षेत्रों में निवेश करने से हतोत्साहित भी हो सकते हैं।

कांग्रेसी विधायकों ने कहा- लोगों की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर पा रहे
डीके शिवकुमार का यह बयान 11 कांग्रेसी विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखे एक पत्र के वायरल होने के ठीक एक दिन बाद आया है। दरअसल, 25 जुलाई 2023 को एक पत्र में इन विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्य करने के लिए धन का आवंटन न होने की बात पर नाराजगी व्यक्त की थी। कांग्रेस विधायकों ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर उन्हें काम में आ रही समस्याओं से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि वे कोई काम नहीं कर पा रहे हैं। लोगों की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि मंत्री सहयोग नहीं कर रहे हैं। विधायकों ने कहा कि हम लोगों की अपेक्षाओं के अनुसार काम करने में असमर्थ हैं।

5 गारंटी कैसे बढ़ा सकती है कर्ज का बोझ?
2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जनता के बीच पांच गारंटियों के वादे के साथ वोट मांगने गई। कांग्रेस को बहुमत मिला और सरकार बन गई। अब पांच गारंटियों को पूरा करने में ही पूरी सरकार जुटी है।

पहली गारंटीः मुफ्त बिजली पर सालाना साढ़े 14 हजार करोड़ खर्च होगा
पांच गारंटियों में पहला वादा है कि हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली मुहैया कराई जाएगी। इस पर सालाना करीब साढ़े 14 हजार करोड़ का खर्च आने का अनुमान है।

दूसरी गारंटीः ग्रैजुएट बेरोजगार को भत्ता पर तीन हजार करोड़ खर्च होगा
दूसरी गारंटी है कि ग्रैजुएट बेरोजगार को तीन हजार मासिक और डिप्लोमा धारक को डेढ़ हजार रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा। इस पर तकरीबन तीन हजार करोड़ खर्च हो सकते हैं।

तीसरी गारंटीः बीपीएल परिवार को भत्ता पर 30 हजार करोड़ खर्च होगा
तीसरा वादा है कि हर बीपीएल परिवार (गरीबी रेखा से नीचे) की महिला मुखिया को दो हजार रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा। इस पर अमल करने में 30 हजार करोड़ से ज्यादा का सालाना खर्च आ सकता है।

चौथी गारंटीः 10 किलो अनाज पर पांच हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे
चौथी गारंटी है कि हर बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलो अनाज। इस पर तकरीबन पांच हजार करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं।

पांच गारंटी पर करीब 53 हजार करोड़ खर्च होंगे
कांग्रेस की पांच गारंटियों का पांचवां वादा है- हर महिला को सरकारी बसों में मुफ्त सफर। इस पर कितना खर्च आ सकता है, इसका आकलन नहीं हो पाया है लेकिन इससे भी कुल बजट में इजाफा होना तय है। मोटे तौर पर सिद्धारमैया सरकार को इन गारंटियों के लिए तकरीबन 53 हजार करोड़ रुपये सालाना अतिरिक्त जुटाने होंगे।

सिद्धारमैया जब-जब आते हैं कर्ज बढ़ जाता है… लिखने पर टीचर सस्पेंड
जब-जब सिद्धारमैया की सरकार आती है, तब-तब राज्य पर कर्ज बढ़ जाता है। कर्नाटक में एक सरकारी टीचर की टिप्पणी चर्चा में है। इस फेसबुक कॉमेंट के बाद चित्रदुर्ग जिले के शिक्षक शांतामूर्ति एमजी को सस्पेंड कर दिया गया है। टीचर ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि मुफ्त वादों पर अमल करने की वजह से राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ता चला जाता है। इस पोस्ट में शांतामूर्ति ने यह भी कहा कि सिद्धारमैया के पिछले कार्यकाल में (2013-18) के बीच कर्नाटक का कर्ज बढ़कर 2 लाख 42 हजार करोड़ तक पहुंच गया।

सिद्धारमैया ने 22 महीने में लिया था सबसे ज्यादा कर्ज
सिद्धारमैया सबसे पहले 2013 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे। पूरे पांच साल तक उन्होंने कांग्रेस की सरकार चलाई। शिक्षक शांतामूर्ति ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि एसएम कृष्णा से लेकर जगदीश शेट्टार के कार्यकाल में लोन का आंकड़ा 71,331 करोड़ रुपये था। वहीं सिद्धारमैया के सीएम रहते यह आंकड़ा 2.42 लाख करोड़ रुपये तक चला गया।

सिद्धारमैया सरकार ने पहले कार्यकाल में सबसे अधिक 39161 करोड़ कर्ज लिया
दिसंबर 2015 में सिद्धारमैया सरकार के कर्ज के आंकड़ों के बारे में एक आरटीआई से जानकारी सामने आई थी। आरटीआई ऐक्टिविस्ट भीमप्पा गदड़ की आरटीआई के जवाब में पता चला कि सिद्धारमैया सरकार ने अपने 22 महीने के कार्यकाल (उस वक्त) में 39161.44 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। यह तमाम पिछले रेकॉर्ड्स से ज्यादा था। वित्त विभाग ने आरटीआई का जवाब देते हुए बताया कि राज्य पर 1 लाख 5 हजार 584 करोड़ का कर्ज है।

पीएम मोदी ने कहा था- जिसकी ‘वारंटी’ समाप्त, उसकी ‘गारंटी’ क्या मतलब?
कर्नाटक चुनाव से पहले पीएम मोदी ने कांग्रेस की फ्री की राजनीति पर तंज कसते हुए कहा भी था कि जिस पार्टी की ‘वारंटी’ ही समाप्त हो चुकी है तो उसकी ‘गारंटी’ (चुनावी वादों) का क्या मतलब है? पीएम मोदी ने मुफ्त की योजनाओं को गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि ऐसी योजनाओं से राज्यों को श्रीलंका जैसे संकट का सामना करना पड़ सकता है। फिर भी दिल्ली, पंजाब, हिमाचल और कर्नाटक में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस की तरफ से मुफ्त की योजनाएं लागू की गईं। जिनका खामियाजा अब देखने को मिल रहा है।

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