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गुजरात में 90 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा, आदमपुर में ‘आप’ की जमानत जब्त, दो-दो सीएम ने लगाया था जोर, रिश्तेदार भी नहीं आए काम

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुजरात में एक से बढ़कर एक दावे कर रहे हैं। फर्जी आईबी रिपोर्ट का हवाला देकर 90 से अधिक सीट जीतने का दावा किया था, लेकिन हरियाणा के आदमपुर विधानसभा के उपचुनाव ने केजरीवाल के दावे की हवा निकाल दी है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने खूब जोर लगाया था, लेकिन अपने उम्मीदवार की जमानत नहीं बचा पाये। केजरीवाल ने आदमपुर में अपने रिश्तेदारों की दुहाई दी थी, लेकिन कोई काम नहीं आया। बीजेपी प्रत्याशी भव्य बिश्नोई ने 15 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की।

केजरीवाल के उम्मीदवार की जमानत जब्त, अपने गांव में भी हारा

दरअसल आदमपुर उपचुनाव में आप प्रत्याशी सतिंदर सिंह को सिर्फ 3413 (2.6 प्रतिशत) वोट पड़े और वो अपनी जमानत जब्त होने से नहीं बचा पाए। सतेंद्र सिंह के लिए यह चुनाव 2014 के चुनाव से भी बुरा साबित हुआ। सतेंद्र सिंह अपने ही गांव न्योली खुर्द से हार गए। अभी हाल ही में आम आदमी पार्टी ने हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब में भारी बहुमत से सरकार बनाई थी और यह चुनाव उस नजरिये से भी आप के लिए काफी अहम माना जा रहा था। लेकिन आप की हार से केजरीवाल को जबरदस्त झटका लगा है। 

केजरीवाल ने पूरा जोर लगाया लेकिन जमानत नहीं बचा सके

हालांकि, आदमपुर उपचुनाव से आप को काफी उम्मीदें थीं, शायद इसीलिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने उपचुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले ही सितंबर में आदमपुर में एक रैली को संबोधित किया था। उन्होंने उस समय निर्वाचन क्षेत्र में एक रोड शो भी किया था। रोड शो से एक दिन पहले, केजरीवाल ने अपना “मेक इंडिया नंबर 1” अभियान भी हिसार से शुरू किया था। 

हरियाणा की जनता ने ‘फर्जीलाल’ को मौका नहीं दिया

उस समय, केजरीवाल ने आदमपुर उपचुनाव को हरियाणा में 2024 के विधानसभा चुनाव के लिए “ट्रेलर” करार दिया था। उन्होंने कहा था, “दो साल बाद, हरियाणा में (विधानसभा) चुनाव होंगे। अपने लाल (बेटे) को एक मौका दो… अगर मैं हरियाणा नहीं बदलता तो मुझे हरियाणा से निकाल दो। मैं फिर से हरियाणा नहीं लौटूंगा।”

केजरीवाल को रिश्तेदार भी नहीं देते वोट 

अपनी चुनावी रैली के दौरान, केजरीवाल ने यह भी उल्लेख किया था कि कैसे उन्होंने अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में पड़ोसी हिसार में पढ़ाई की थी। अरविंद केजरीवाल का पैतृक शहर सिवानी (भिवानी) आदमपुर निर्वाचन क्षेत्र से कुछ ही किलोमीटर दूर है। केजरीवाल ने यहां रिश्तेदारों को याद किया और उनका जिक्र कर आदमपुर से रिश्ता कायम करने की कोशिश की। उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आदमपुर आकर बहुत अच्छा लग रहा है। यहां बहुत रिश्तेदार रहते हैं। मेरी चाची आदमपुर की है। मेरा एक भाई आदमपुर में ब्याहा हुआ है।

पंजाब के सीएम भगवंत मान का जलवा भी रहा फीका

वहीं, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने उपचुनाव प्रचार के दौरान AAP के प्रत्याशी सतेंद्र सिंह के लिए निर्वाचन क्षेत्र में रोड शो किया था। लेकिन भगवंत मान का जलवा उम्मीद से भी काफी फीका रहा। उन्होंने लोगों से शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली-पानी आदि मुद्दों पर AAP को वोट देने की अपील की थी। साथ ही मान ने दावा किया था कि लोग AAP के साथ राजनीतिक बदलाव की ओर देख रहे हैं। लेकिन आदमपुर के लोगों ने AAP पर भरोसा नहीं जताया। आप उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई।

केजरीवाल की फर्जी आईबी रिपोर्ट की भी निकलेगी हवा 

गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 की तारीख का ऐलान होने के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। लेकिन इससे पहले ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने चुनाव प्रचार की शुरुआत कर दी थी। उन्होंने पंचमहल में रैली को संबोधित करते हुए आईबी की रिपोर्ट (IB Report) का हवाला देते हुए AAP की सरकार बनने का दावा किया था। अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि आईबी की रिपोर्ट में हमें 90 से अधिक सीटें मिल रही हैं। अब जोर से धक्का मारो… 150 से पार होना चाहिए।

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