उत्तर प्रदेश के सियासी संग्राम में ‘एम-वाई’ के मुकाबले की खूब चर्चा हो रही है। सत्ता की दावेदार दोनों पार्टियां बीजेपी और समाजवादी पार्टी ‘एम-वाई’ पर भरोसा कर रही हैं। जहां सपा अपने पुराने ‘एम-वाई’ समीकरण यानि ‘मुस्लिम-यादव’ को सफलता की गारंटी मान रही है, वहीं बीजेपी ‘एम-वाई’ यानि ‘मोदी-योगी’ फैक्टर के जरिए जनता का विश्वास हासिल करने की कोशिश कर रही है। चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ‘एम-वाई’ को लेकर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया था, लेकिन उम्मीदवारों की घोषणा होते ही स्पष्ट हो गया कि वे अपने पिता मुलायम सिंह यादव की सियासी राह पर ही चल रहे हैं।
अखिलेश यादव ने टिकट वितरण में अपने एम-वाई समीकरण का पूरा ख्याल रखा है। इसी समीकरण के सहारे समाजवादी पार्टी यूपी में चार बार सरकार बना चुकी है। इसलिए अखिलेश यादव किसी भी सूरत में अपने कोर वोटबैंक को दरकिनार नहीं करना चाहते हैं। यूपी में 20 प्रतिशत के करीब मुस्लिम मतदाता हैं तो 8 प्रतिशत के करीब यादव मतदाता हैं। वहीं मोदी-योगी फैक्टर ने सपा के एमवाई (मुस्लिम-यादव) फैक्टर का अर्थ बदल दिया है, जो सांप्रदायिकता, तुष्टिकरण, जातिवाद, परिवारवाद और गुंडाराज का प्रतीक था।
जनता को मोदी-योगी की जोड़ी पर भरोसा
सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक खास तस्वीर शेयर की थी। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी, सीएम योगी के कंधे पर हाथ रखकर ले जाते हुए दिख रहे हैं। इस तस्वीर के साथ सीएम योगी ने लिखा, ‘हम निकल पड़े हैं प्रण करके, अपना तन-मन अर्पण करके, जिद है एक सूर्य उगाना है, अम्बर से ऊंचा जाना है, एक भारत नया बनाना है।’ इसके माध्यम से उन्होंने संकेत दे दिया था कि उत्तर प्रदेश चुनाव में एम-वाई की जोड़ी यानि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जोड़ी बीजेपी के साथ राज्य की जनता के लिए काफी उपयोगी और कारगर साबित हो रही है। राज्य में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का काम बोल रहा है। आज आम जनता के बीच मोदी-योगी समीकरण सफलता का मंत्र बन गया है। आम लोग भी मोदी-योगी (एमवाई) फैक्टर के प्रति आकर्षित हैं और दोनों के नेतृत्व में पूर्ण भरोसा जता रहे हैं।
मोदी-योगी फैक्टर समावेशी सशक्तिकरण का पर्याय
- छद्म धर्मनिरपेक्षता और तुष्टिकरण की राजनीति को हराया।
- यूपी की जनता का मुफ्त टीकाकरण कर कोरोना से बचाया।
- विकास के संकल्प के साथ ”बीमारू” राज्य का तमगा हटाया।
- उत्तर प्रदेश को ”सर्वश्रेष्ठ राज्य” बनाने का काम हो रहा है।
- करप्शन की विरासत, दंगों और गुंडाराज को खत्म किया।
- यूपी के लोगों की सुरक्षा, समृद्धि, सुशासन की गारंटी दी।
- इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में रिकॉर्ड काम किया।
- यूपी के रायबरेली और गोरखपुर में एम्स स्थापित किए गए।
- आयुष्मान ने जरूरतमंदों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा दी।
- यूपी के गांवों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की।
- 2.55 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ दिया।
- गन्ना किसानों को 1.50 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया।
- अयोध्या,काशी में विकास और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ाया।