Home समाचार ट्रेन-बस फूंकने वाले उपद्रवी सेना में जाने लायक हैं क्या?

ट्रेन-बस फूंकने वाले उपद्रवी सेना में जाने लायक हैं क्या?

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सेना में भर्ती के लिए शुरू ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ देश के कई राज्यों में युवा उग्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि सरकार ने इस साल के लिए उम्मीदवारों की आयु सीमा 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी है। सरकार का कहना है कि इस योजना से न सिर्फ नई प्रतिभाएं और उनकी क्षमताएं सामने आएंगी, बल्कि निजी क्षेत्र में भी उनके लिए नए रास्ते खुलेंगे। चार साल बाद मिलने वाली वित्तीय सहायता इन युवाओं को उद्यमी बनने में भी मदद करेगी। चार वर्ष बाद अग्निवीरों को 11.7 लाख रुपये की एकमुश्त टैक्सफ्री राशि दी जाएगी। इतना ही नहीं अन्य सैनिकों की तरह ड्यूटी के दौरान शहीद होने पर परिवार को बीमा की राशि और एक करोड़ रुपये मिलेंगे। वैसे इस योजना में 25 प्रतिशत अग्निवीर चार साल बाद भी सेना से जुड़े रहेंगे, जबकि बाकी 75 प्रतिशत दूसरे क्षेत्र में करियर बनाने के लिए स्वतंत्र होंगे। कई राज्य सरकारों और विभागों ने चार साल के बाद नौकरी में प्राथमिकता देने का आश्वासन भी दिया है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में भी उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।

इसके बाद भी देशभर में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, बंगाल, हरियाणा और तेलंगाना में कई जगहों पर ट्रेनों में आग लगा दी गई है। कई जगह छात्रों ने तोड़फोड़ और आगजनी की है। छात्रों के हिंसक प्रदर्शन से जान-माल को भी काफी नुकसान पहुंचा है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कई स्टेशन बिल्डिंग्स में भी आग लगा दी है। इतना ही इन लोगों ने लूटपाट भी की है। स्कूली बसों को भी निशाना बनाया गया है। कई लोगों को ये भी कहना है कि आगजनी करने वाले छात्र नहीं गुंडे हैं।

 

 

 

 

 

 

छात्रों के हिंसक प्रदर्शन के कारण ट्रेन-बस से यात्रा कर रहे लोग जगह-जगह फंस गए हैं। उपद्रव करने वाले छात्रों के खिलाफ सोशल मीडिया पर यूजर्स अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। वे सवाल कर रहे है कि देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवी सेना में जाने लायक हैं क्या?

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