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केजरीवाल का एक और झूठः पंजाब चुनाव से पहले कहा- 24 घंटे पानी का इंतजाम करेंगे, चुनाव बाद कहा- यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी

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झूठ बोलने और यूटर्न में रिकार्ड बनाने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नाम एक और झूठ जुड़ गया है। कहावत है कि बोलने से पहले 10 बार सोचना चाहिए कि जो बोल रहे हैं पूरा कर पाएंगे या नहीं। लेकिन केजरीवाल जी का फंडा कुछ अलग ही है। उन्हें वचन देना आता है और जब पूरा करने की बारी आती है तो पीएम नरेंद्र मोदी की याद आ जाती है। पंजाब चुनाव से पहले उन्होंने कहा था पंजाब के कई जिलों में पानी की किल्लत है। हम सत्ता में आएंगे तो 24 घंटे पानी का इंतजाम करेंगे। लेकिन अब चुनाव के बाद कह रहे हैं पानी की समस्या दूर करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर के मुद्दे पर बुरी तरह घिर चुकी आम आदमी पार्टी के मुखिया ने अब पीएम नरेंद्र मोदी से मांग की कि वह इसका समाधान करें। 

सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर मुद्दे पर आम आदमी पार्टी घिरी

दरअसल सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी घिर गई है। हरियाणा के हिसार पहुंचे अरविंद केजरीवाल से जब इस मुद्दे पर सवाल हुआ तो उन्होंने उलटा विरोधियों पर सवाल खड़े कर दिए। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में कांग्रेस और भाजपा का स्टैंड क्या है? पंजाब में यह कहते हैं कि SYL नहीं बनने देंगे। हरियाणा में कहते हैं SYL का पानी लेकर रहेंगे। दोनों राज्यों में पानी की कमी है। पंजाब और हरियाणा में पानी का स्तर बहुत कम है। दोनों राज्यों को पानी चाहिए। केंद्र की जिम्मेदारी बनती है कि वह पंजाब और हरियाणा के लिए पानी का इंतजाम करे। पंजाब और हरियाणा के बीच SYL का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है, क्योंकि इस मुद्दे पर अब आम आदमी पार्टी घिरती नजर आ रही है। AAP के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने SYL का पानी हरियाणा लाने का वादा किया है। पंजाब में AAP की सरकार है। हरियाणा में आदमपुर उप चुनाव लड़ने की तैयारी है। इसके बाद विधानसभा चुनाव होना है। अब चुनावों से पहले अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए केजरीवाल केंद्र सरकार पर जिम्मेदारी डालना चाहते हैं।

केंद्र सरकार ने कहा-पंजाब सरकार एसवाईएल नहर के मुद्दे पर सहयोग नहीं कर रही

केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि पंजाब सरकार एसवाईएल नहर के मुद्दे पर सहयोग नहीं कर रही है। अब हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने नहर के पानी पर राज्य के दावे को दोहराया है। हरियाणा सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार ने अदालत को सूचित किया है कि पंजाब के नए मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। अब, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक आयोजित करने और इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने का प्रयास करने का निर्देश दिया है।

एसवाईएल के पानी पर राज्य के लोगों का अधिकारः सीएम खट्टर

सीएम खट्टर ने कहा कि एसवाईएल के पानी पर राज्य के लोगों का अधिकार है और वे किसी भी कीमत पर इस पर दावा को नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि एसवाईएल का पानी हरियाणा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। एक तरफ यह पानी हमें नहीं मिल रहा है तो दूसरी तरफ दिल्ली हमसे और पानी की मांग कर रही है। अब इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने के लिए समय सीमा तय करना बहुत जरूरी हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसवाईएल नहर का काम पूरा नहीं होने से रावी, सतलुज और ब्यास का बिना सरप्लस वाला पानी पाकिस्तान जा रहा है।

पंजाब और हरियाणा के बीच क्या है SYL विवाद

पंजाब और हरियाणा के बीच ये मुद्दा नया नहीं है। एक नवंबर 1966 को हरियाणा के अस्तित्व में आने से लेकर ये अब तक 14 बार यह राजनीतिक मुद्दा बना है, लेकिन आज तक दोनों इस पर उलझते ही रहे हैं। 1966 से पहले हरियाणा, पंजाब का हिस्सा होता था। 1966 में हरियाणा बना तो प्रदेश में सिंचाई के पानी की कमी थी। इसको दूर करने के लिए केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से 31 दिसंबर 1981 को पंजाब और हरियाणा के बीच जल समझौता हुआ था। हरियाणा को भारत सरकार के 24 मार्च 1976 के आदेशानुसार रावी-ब्यास के सरप्लस पानी में भी 3.50 मिलियन एकड़ फुट हिस्सा आबंटित किया गया है। पंजाब से हरियाणा के अलग राज्य बनने के बाद सतलुज और उसकी सहायक ब्यास नदी से हरियाणा को पानी देने के लिए एक SYL नहर की योजना बनाई गई थी। नहर न बनने के कारण रावी, सतलुज और ब्यास का अधिशेष, बिना चैनल वाला पानी पाकिस्तान में चला जाता है।

केजरीवाल के पानी को लेकर पंजाब चुनाव से पहले और उसके बाद दिए बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं-

 

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