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लॉकडाउन के दौरान देश के लिए अनाज जुटाने में लगे हैं हमारे किसान और कृषि मंत्रालय

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पीएम मोदी के सक्षम नेतृत्व में देश कोरोना संकट का मजबूती से मुकाबला कर रहा है। ऐसे समय में, स्वास्थ्यकर्मियों की तरह ही हमारे किसान भी कोरोना वॉरियस के तौर पर दिन-रात परिश्रम कर रहे हैं। कोरोना टाइमलाइन में आइए एक नजर डालते हैं कृषि मंत्रालय और गांवों में किए गए सरकार के कामकाज पर।  

7 जनवरी

चीन ने अपने देश में हो रही अज्ञात मौतों के कारण के तौर पर कोरोना वायरस की पहचान की। 

30 जनवरी

WHO ने कोरोना वायरस को अंतरराष्ट्रीय स्तर का पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया।

24 मार्च

राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने की 21 दिनों के पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा। कृषि कार्यों को लॉकडाउन से छूट दी गई।       

2 अप्रैल

पीएम मोदी की मुख्यमंत्रियों से बातचीत

नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट यानी e-NAM के नए फीचर्स को लॉन्च।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि वे कल 3 अप्रैल को सुबह 9 बजे देशवासियों के साथ एक वीडियो संदेश साझा करेंगे।

3 अप्रैल

पीएम मोदी का वीडियो सन्देश

पीएम मोदी ने सुबह नौ बजे देशवासियों के साथ एक वीडियो सन्देश साझा करते हुए लोगों से 5 अप्रैल को रात्रि 9 बजे 9 मिनट तक अपने घरों की बत्तियां बुझाकर दीपक, मोमबत्ती या मोबाइल की टॉर्च जलाने का आह्वान किया।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभार्थियों को प्रति महीने 5 किलो अनाज के साथ ही अगले तीन महीने तक पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 81.35 करोड़ लोगों को भी प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज देने की तैयारी।

स्टेट डिजास्टर रिस्क मैनेजमेंट फंड के तहत सभी राज्यों के लिए 11,092 करोड़ रुपये की राशि मंजूर।

4 अप्रैल

प्रधानमंत्री ने GoM के साथ समीक्षा बैठक की।

ग्रामीण विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों ने देश भर के 24 राज्यों और 399 जिलों में 132 लाख से ज्यादा मास्क का उत्पादन किया।  

 5 अप्रैल

पीएम मोदी के आह्वान पर कोरोना महामारी से लड़ने की इच्छाशक्ति के प्रतीक के रूप में देश भर के घर-घर में दीप-प्रज्वलन संपन्न हुआ।

14 अप्रैल

राष्ट्र के नाम संदेश में पीएम मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का एलान किया। ।

3 मई तक बढ़ा लॉकडाउन

कोविड की चुनौतियों के मद्देनजर और राज्यों के अनुरोध पर पीएम मोदी ने लॉकडाउन को आगामी 3 मई तक के लिए बढ़ाने का एलान किया।

17 अप्रैल

 

‘किसान रथ’ मोबाइल ऐप लॉन्च

किसानों की फसलों और अनाजों की ढुलाई को आसान बनाने के लिए ‘किसान रथ’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया।

18 अप्रैल

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की। लॉकडाउन से छूट वाले इलाकों में मनरेगा आदि के तहत शुरू हो रहे कार्यों के दौरान मजदूरों की सुरक्षा की व्यवस्था करने को कहा।

जनवितरण प्रणाली के तहत वितरित होने वाले अनाजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रेलवे के द्वारा पिछले साल के मुकाबले दोगुना अनाज ढोया गया। 25 मार्च से 17 अप्रैल तक 150 रेल रैक्स में 4.2 मिलियन टन अनाज ढोए गए।

19 अप्रैल

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हमारे किसान सच्चे योद्धा की तरह लड़ रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान भी हमारे किसान बिना किसी रुकावट के रबी फसल की कटाई और ग्रीष्मकालीन फसलों की बुआई में जुटे रहे। देश में कुल फसलों का 67 प्रतिशत हिस्सा गेहूं का रहा। 310 लाख हेक्टेयर में लगाई गई गेहूं की फसल की कटाई की गई।

ग्रीष्मकालीन फसलों की बुआई पिछले साल के इसी समय के अनुपात में इस साल 36 प्रतिशत ज्यादा हुई है।            

20 अप्रैल

भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में रखे अतिरिक्त चावल को इथेनॉल के रूप में बदलने की इजाजत दी गई। अल्कोहल आधारित सेनेटाइजर बनाने के लिए इसकी इजाजत दी गई।

21 अप्रैल

कोविड-19 संकट के खाद्य सुरक्षा और पोषण पर पड़ने वाले असर के संदर्भ में G-20 की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई बैठक में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने हिस्सा लिया। उन्होंने बैठक में भारत सरकार के उस फैसले की चर्चा की जिसमें कृषि कार्य को लॉकडाउन से छूट दी गई है।

22 अप्रैल

रबी सीजन 2020 के दौरान 20 राज्यों में विभिन्न प्रकार की दाल और तेल की खरीद एमएसपी पर की जा रही है। नेफेड और एफसीआई ने 1313 करोड़ मूल्य की दाल और तेल की खरीद की, जिससे 1,74,284 किसानों को लाभ मिला।

23 अप्रैल

कृषि मंत्री ने ICAR-KVK नेटवर्क के जरिए किसानों के जीवन और खेती-किसानी में तकनीक को बढ़ावा देने का आह्वान किया।

कृषि बाजारों की संख्या लॉकडाउन के शुरुआत के समय से लगभग दोगुनी हो गई। बाजार में पिछले महीने की तुलना में सब्जियों के दाम काफी कम हुए। पिछले महीने के मुकाबले बाजार में प्याज करीब 6 गुना और आलू, टमाटर दोगुना ज्यादा उपलब्ध हो गए। 

24 अप्रैल

लॉन्चिंग के एक सप्ताह के भीतर ही किसान रथ ऐप को बड़ी संख्या में किसानों ने अपनाया। 1.5 लाख से ज्यादा किसानों और व्यापारियों ने इस ऐप के जरिए खुद को रजिस्टर किया, जिससे अनाजों और कृषि उत्पादों के यातायात में बड़ी आसानी हो रही है।।

27 अप्रैल

अब तक अनाजों से भरी 2087 ट्रेन लोड की गई, जिनमें करीब 58.44 लाख एमटी अनाज देश के विभिन्न हिस्सों के लिए भेजे गए।

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