कोरोना से संक्रमित मशहूर शायर राहत इंदौरी का कल दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनके निधन पर लोग उन्हें अपने तरीके से श्रद्धांजलि दे रहे हैं। श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ लोग राहत इंदौरी की कट्टरता और उनके विवादित बयानों को भी याद कर रहे हैं और पुराने वीडियोज को शेयर कर राहत इंदौरी की सोच पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं।
सोशल मीडिया पर राहत इंदौरी के पुराने बयानों और वीडियोज को देखकर साफ लगता है कि वे न सिर्फ कट्टरता के प्रतीक थे, बल्कि बदतमीज भी, जिसने अस्पताल में ऑपरेशन करा रहे पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का मजाक उड़ाया था और गोधरा कांड को लेकर विवादित बयान दिए थे। आज आपको सोशल मीडिया पर वायरल कुछ ऐसे ही पोस्ट्स से आपको रूबरू करा रहे हैं।
पहला- पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के घुटनों का मजाक उड़ाया
अटल बिहारी वाजपेयी 2001 में देश के प्रधानमंत्री थे,तब बदतमीज राहत इंदौरी ने घुटनों पर एक शेर पढ़ा था। उसी समय पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के घुटनों की सर्जरी हुई थी। अपने शेर को मुशायरे में पढ़ते हुए तब राहत ने अटल बिहारी वाजपेयी का नाम अपनी जुबान से लेने से मना कर दिया था और कहा था कि मैं किसी का नाम नहीं लेता हूं अपने जुबान से। क्योंकि मेरे शेरों की कीमत करोड़ों रुपये है। मैं दो-दो कौड़ी के लोगों का नाम लेकर अपने शेर की कीमत कम नहीं करना चाहता। उन्होंने अपनी शायरी के जरिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के घुटनों का खुले मंच से मजाक उड़ाया था।
2001: AB Vajpayee underwent a knee rplcmnt surgery.
Ever since ths GREAT Urdu poet @rahatindori claiming his shaayri 2b worth CRORES kept reciting ths disgusting couplet abt Vajpayee's manhood jst bcz he was a Hindu bachelor for life.
DON'T MISS the hyena laughter & garlanding! https://t.co/LY47TjodFR pic.twitter.com/x9vCVpbhCS
— Neta Ji (@AapGhumaKeLeLo_) August 11, 2020
दूसरा- गोधरा कांड पर विवादित शायरी
सोशल मीडिया यूजर्स ने उनके गोधरा कांड पर विवादित शायरी को भी शेयर किया। एक मुशायरे में उन्होंने गोधरा कांड को लेकर ये कह दिया था कि उस दिन कार सेवकों के साथ कुछ हुआ ही नहीं था। राहत ने कहा कि गोधरा कांड के मात्र एक साल में सारी रिपोर्ट्स सामने आ गई है। जांच कमीशन यह कहने लगा है कि गोधरा में कुछ हुआ ही नहीं था। मीडिया ने हौवा बना दिया और ये बताया कि रेल के डिब्बों में आग लगा दी गई थी। तब राहत इंदौरी ने शायरी कहते हुए कहा था –
जिनका मसलक है रौशनी का सफर
वो चिरागों को क्यों बुझाएंगे
अपने मुर्दे भी जो जलाते नहीं
जिंदा लोगों को क्या जलाएंगे
2002: Godhra train, Ms burn Karsevaks alive
This Inqlaabi poet @rahatindori INVENTS a theory &kept poisoning vulnerable M-mobs fr yrs thru these couplets by
-Directly implying CM Modi engineered r!ots
-Vindicates Ms, loathes &blames Hindus cz Ms dnt burn evn thr deads unlike Hs pic.twitter.com/NiJUlFrAI4— Neta Ji (@AapGhumaKeLeLo_) August 11, 2020
तीसरा- “किसी के बाप का हिन्दुस्तान थोड़ी है….”
केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल सिटिजन रजिस्टर का ऐलान किया तो पूरे देश में इसके विरोध में आवाजें उठने लगीं। लोग अपने-अपने तरीकों से इसका विरोध कर रहे थे। इसी दौरान राहत इंदौरी का यह शेर भी आंदोलनकारियों के देश को कमजोर और सामाजिक सदभावना बिगाड़ने के लिए इस्तेमाल किया। राहुल इंदौरी ने बकायदा नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलनों में भाग लिया और लोगों को भड़काने की कोशिश की। उन्होंने शायरी में कहा-
‘लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में
यहां पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है,
जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे
किराएदार हैं, ज़ाती मकान थोड़ी है,
सभी का ख़ून है शामिल यहां की मिट्टी में
किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है!
चौथा- “सिर्फ राममंदिर ही देखे थे,कृष्ण और शिव मंदिर भी देखते जाते”
राहत इंदौरी की कट्टरता पर भड़ास निकालते हुए एक सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा कि अटल जी के लिए ऐसी शायरी करने वाले ,वो तो उम्र से मरे थे…तुम अपनी मर्दानगी,और घुटना लिए इतनी जल्दी क्यों निकल लिए.. सिर्फ राममंदिर ही देखे थे,कृष्ण और शिव मंदिर भी देखते जाते…
अटल जी के लिए ऐसी शायरी करने वाले ,वो तो उम्र से मरे थे…तुम अपनी मर्दानगी,और घुटना लिए इतनी जल्दी क्यों निकल लिए.. सिर्फ राममंदिर ही देखे थे,कृष्ण और शिव मंदिर भी देखते जाते… pic.twitter.com/rsXKzpEiCJ
— Mukesh D Bhati (@MukeshDBhati1) August 11, 2020