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पीएम मोदी को मिले 1200 उपहारों की होगी नीलामी, नमामि गंगा प्रोजेक्ट में जाएगा सारा पैसा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उपहारों को नीलाम करने की परंपरा की शुरुआत गुजरात में मुख्यमंत्री रहने के दौरान की थी, जो अब भी जारी है। प्रधानमंत्री बनने के बाद अब तक तीन बार उपहारों की ई-नीलामी हो चुकी है। अब ई-नीलामी का चौथा संस्करण प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2022 तक वेब पोर्टल https://pmmementos.gov.in. के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी को मिले 1200 उपहारों की एक प्रदर्शनी नई दिल्ली के राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में लगाई जाएंगी। 

राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के महानिदेशक अद्वैत गडनायक ने बताया कि एक आम आदमी और साथ ही भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दिए गए उपहारों की एक विस्तृत श्रृंखला की नीलामी की जानी है। उपहारों का आधार मूल्य 100 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की एक विशेष प्रोटोटाइप प्रतिमा भी शामिल है, जिसका हाल ही में इंडिया गेट पर प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन किया था। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की इस प्रोटोटाइप प्रतिमा का बेस प्राइस पांच लाख रुपये है। नीलामी से होने वाली आय नमामि गंगे मिशन में दी जाएगी। 

उपहारों की सूची में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उपहार में दी गई रानी कमलापति की एक मूर्ति, एक हनुमान मूर्ति और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा उपहार में दी गई एक सूर्य पेंटिंग और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा उपहार में दिया गया एक त्रिशूल शामिल है। इनके अलावा कोल्हापुर में स्थित देवी महालक्ष्मी की एक मूर्ति भी शामिल है, जिसे एनसीपी नेता अजीत पवार ने उपहार में दिया था। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी द्वारा उपहार में दी गई भगवान वेंकटेश्वर की वॉल हैंगिंग भी नीलामी में शामिल है।

इस बार प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया सबसे बेशकीमती उपहार उन भारतीय खिलाड़ियों का है, जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स और पैरालिम्पिक गेम्स में मेडल जीते हैं। नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट के निदेशक तेम्सुनारो जमीर ने कहा कि पदक विजेता खिलाड़ियों द्वारा हस्ताक्षरित टी-शर्ट, बॉक्सिंग दस्ताने, भाला और रैकेट जैसी खेल वस्तुओं का एक विशेष संग्रह है। उपहारों में उत्कृष्ट पेंटिंग, मूर्तियां, हस्तशिल्प और लोक कलाकृतियां भी शामिल हैं।अन्य यादगार वस्तुओं में अयोध्या में आगामी श्री राम मंदिर और वाराणसी में काशी-विश्वनाथ मंदिर की प्रतिकृतियां और मॉडल शामिल हैं।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अक्सर देश और विदेश का दौरा करते रहते हैं। इस दौरान लोग उपहार देकर अपना प्यार और सम्मान व्यक्त करते हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री मंत्री कार्यालय में प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए आने वाले अतिथि भी उपहार भेंट करते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी किसी भी उपहार को अपने पास नहीं रखते। वह इन उपहारों को लोककल्याणकारी योजनाओं के लिए दान कर देते हैं। 

दान देने में पीएम मोदी ने पेश की मिसाल

  • सितंबर 2021 में उपहारों की नीलामी से मिले करोड़ रुपये ‘नमामि गंगे’ मिशन को दान किया।
  • सितंबर 2020 में पीएम केयर्स फंड के लिए 2.25 लाख रुपये का दान किया।
  • 2019 में कुंभ मेले में स्वच्छता कर्मचारियों के कल्याण के लिए 21 लाख रुपये दान किया।
  • 2019 में सोल पीस प्राइज़ के साथ मिली 1.3 करोड़ की राशि को ‘नमामि गंगे’ मिशन को दान किया।
  • जनवरी 2019 में स्मृति चिन्हों की नीलामी से मिले 3.40 करोड़ रुपये ‘नमामि गंगे’ मिशन को दान किया।
  • 2015 में सूरत में उपहारों की नीलामी से मिले 8.35 करोड़ रुपये ‘नमामि गंगे’ मिशन को दान किया।
  • 2014 में पीएम पद संभालने से पहले गुजरात सरकार के कर्मचारियों की बेटियों की पढ़ाई के लिए 21 लाख रुपये का दान किया।
  • गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान मिले सभी उपहारों की नीलामी से मिले 89.96 करोड़ रुपये को कन्या केलावनी फंड में दे दिया।

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