Home समाचार मैं भागीदार वाले इल्जाम को इनाम मानता हूं : प्रधानमंत्री मोदी

मैं भागीदार वाले इल्जाम को इनाम मानता हूं : प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि उन पर चौकीदार नहीं भागीदार होने का इल्जाम लगाया गया है, लेकिन वे इस इल्जाम को इनाम मानते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), AMRUT और स्मार्ट सिटी मिशन के तीन वर्ष पूरे होने पर लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने ये बातें कही हैं।

मुझे गर्व है कि मैं भागीदार हूं- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों का जोरदार तरीके से जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि ‘मुझे गर्व है कि मैं भागीदार हूं। मैं देश के गरीबों के दुख का भागीदार हूं। मैं मेहनतकश मजदूरों का भागीदार हूं। मैं हर दुखियारी मां की तकलीफों का भागीदार हूं। मैं भागीदार हूं उस मां की पीड़ा का, जो इधर-उधर से लकड़ी लाकर अपनी आंख और सेहत को खराब करती है। मैं हर उस मां का चूल्हा बदल देना चाहता हूं। मैं भागीदार हूं उस किसान के दर्द का जिसकी फसल सूखे में या पाले में बर्बाद हो जाती है और वो हताश हो जाता है। मैं उस किसान की आर्थिक सुरक्षा करने का भागीदार हूं। मैं भागीदार हूं अपने उस बहादुर जवानों के जुनून का, जो सियाचिन और कारगिल की हड्डी गला देने वाली ठंड से लेकर के, जैसलमेर और कच्छ की चमड़ी झुलसाने वाले तपते रेगिस्तान में हमारी सुरक्षा के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार रहते हैं। मैं भागीदार हूं उस गरीब परिवार की पीड़ा का जो अपने घर में बीमार पड़े व्यक्ति का इलाज कराने में अपनी जमीन तक बेचने को मजबूर हो जाता है। मैं उस परिवार के लिए सोचता हूं और उसकी सेवा के लिए काम करता हूं। मैं भागीदार हूं उस कोशिश का, जो इसलिए हैं कि गरीबों के सिर पर छत हो, उन्हें घर मिले, उस घर में उन्हें शौचालय मिले, पीने के लिए साफ पानी मिले, बिजली मिले, उन्हें बीमार होने पर सस्ती दवाइयां और इलाज मिले, बच्चों को शिक्षा मिले। मैं भागीदार हूं, हर उस कोशिश का जिससे हमारे युवाओं को हुनर मिले, नौकरियां मिले, अपना रोजगार करने में मदद मिले। हवाई चप्पल पहनने वाले साधारण नागरिक को हवाई यात्रा की सुविधा मिले ये मैं देखना चाहता हूं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मुझे गर्व है कि मैं एक गरीब मां का बेटा हूं। गरीबी ने मुझे ईमानदारी और हिम्मत दी है। गरीबी की मार ने मुझे जिंदगी जीना सिखाया है। मैंने गरीबी की मार को झेला है। गरीबी का दुख-दर्द करीब से देखा है। हमारे यहां कहा जाता है, जिसके पांव न फटी बेवाई, सो क्या जाने पीर पराई।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन्हें अपने बंगलों को सजाने-संवारने से फुर्सत नहीं थी, वे गरीबों के लिए घरों के बारे में कैसे सोच सकते थे?

स्मार्ट सिटी में 5 E पर आधारित हो जीवन
प्रधानमंत्री ने बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत देश में 7 हजार करोड़ से ज्यादा की योजनाओं का काम पूरा हो चुका है और 52 हजार करोड़ से अधिक की योजनाओं पर तेजी से काम जारी है। 100 में से 11 शहरों में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी काम करने लगे हैं। कुछ महीनों में 50 और शहरों में यह शुरू हो जाने की संभावना है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का शहरी विकास में योगदान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने लखनऊ को शहरी जीवन के सुधार की प्रयोगशाला बनाया था। इस समय देश के 12 शहरों में मेट्रो चल रही है या जल्द चलने वाली है, उस व्यवस्था को दिल्ली में सबसे पहले जमीन पर उतारने का काम अटल जी ने ही किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में विश्व स्तरीय अर्बन सेंटर खड़ा करने का है, जो देश के युवाओं की आकाक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और वो बेटर नहीं, बेस्ट चाहते हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी में जो जीवन हो वो 5 E पर आधारित हो- Ease of living, Education,Employment, Economy और Entertainment. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ने लोगों के सिर पर छत ही नहीं दिया है, वो महिलाओं के सशक्तिकरण का माध्यम भी बना है।

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