सत्ता वियोग में कांग्रेस पार्टी इतनी बौखलाई हुई है कि उसे हर बात में मोदी विरोध ही दिखता है। इस अंध विरोध में वह यह भी नहीं देखती है कि उसकी हरकत से देश का नुकसान होता है। 20 जुलाई, 2018 को जब कांग्रेस ने नरेन्द्र मोदी सरकार के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव पर अपना समर्थन दिया तो एक बार फिर यह साबित हो गया कि राहुल गांधी का मकसद ही देश की बर्बादी है।
दरअसल जिस अविश्वास प्रस्ताव का बखेड़ा कांग्रेस ने खड़ा किया वह सिर्फ और सिर्फ के समय और धन को नुकसान ही पहुंचाएगा। कारण यह है कि सभी को पता है कि मोदी सरकार के पास अकेले पूर्ण बहुमत है। जबकि एनडीए को मिलाया जाए तो 300 से अधिक सांसद हैं। जाहिर है ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव लाना तो देश का समय बर्बाद करना ही है। इस वक्त का उपयोग देशहित से जुड़े विषयों पर चर्चा कर किया जा सकता था, लेकिन कांग्रेस पार्टी अपनी राजनीति के आगे देशहित से भी खिलवाड़ करती आई है।
ये तब और स्पष्ट हो जाता है जब बीते चार वर्षों में संसद में कांग्रेस द्वारा पैदा किए गए व्यवधान को देखें।
हर सत्र में समय और धन बर्बाद करती रही है कांग्रेस
सत्र-2017 | लोकसभा | राज्यसभा | नुकसान |
बजट सत्र | 15 घंटे | 34 घंटे | 122.5 करोड़ |
शीतकालीन सत्र | 30 घंटे | 25 घंटे | 137.5 करोड़ |
मानसून सत्र | 08 घंटे | 18 घंटे | 40 करोड़ |
सत्र-2016 | लोकसभा | राज्यसभा | नुकसान |
बजट सत्र | 92 घंटे | 19 घंटे | 277.5 करोड़ |
मानसून सत्र | 6 घंटे 30 | 20 घंटे | 66.25 करोड़ |
शीतकालीन सत्र | 92 घंटे | 86 घंटे | 445 करोड़ |
सत्र-2015 | लोकसभा | राज्यसभा | नुकसान |
बजट सत्र | 7 घंटे | 55 घंटे | 155 करोड़ |
मानसून सत्र | 34 | 85 | 178 करोड़ |
शीतकालीन सत्र | 00 घंटे | 55 घंटे | 137.5 करोड़ |
सत्र-2014 | लोकसभा | राज्यसभा | नुकसान |
बजट सत्र | 16 मिनट | NA | 40 लाख |
मानसून सत्र | 14 घंटे | NA | 20 करोड़ |
शीतकालीन सत्र | 09 घंटे | NA | 5.5 करोड़ |
वर्ष, 2018 के बजट सत्र में भी कांग्रेस ने कामकाज बाधित किया है। यह जानकार निराशा होगी कि लोकसभा में 14.1 घंटे और राज्यसभा में मात्र 11.2 घंटे ही बजट पर चर्चा हुई। 127 घंटे 45 मिनट कुल मिलाकर हंगामे और जबर्दस्ती कार्यवाही में खत्म हुए। साल 2018 के बजट सत्र में कुल 21 प्रतिशत (लोकसभा) और 31 प्रतिशत (राज्यसभा) में काम हुआ। राज्यसभा में 121 घंटे का वक्त बर्बाद हुआ। यानि 620 करोड की बर्बादी हुई।