भारतीय सेना लगातार पाकिस्तानी साजिश का भंडाफोड़ कर रही है… आतंकियों के खिलाफ भारतीय सेना जिस तरह से कार्रवाई कर रही है इससे उनके हौसले पस्त हैं… वहीं केंद्र की पीएम मोदी सरकार सेना के साथ हर स्तर पर खड़ी है… स्वयं सेना प्रमुख सीमा पर हो रही कार्रवाईयों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं… भारतीय सेना की ऐसी कार्रवाई से अपने ही देश में पाकपरस्त लोगों को सबसे ज्यादा दर्द हो रहा है… आतंकियों के खिलाफ और अपने सख्त रूख के कारण हमारे सेना प्रमुख ऐसे ही देशद्रोही तत्वों की आंखों में चुभ रहे हैं….’पाक प्रेम’ में डूबे कांग्रेसी नेताओं को अपने ही देश के आर्मी चीफ ‘सड़क का गुंडा’ दिखने लगे हैं।
Senior Congress leader calls Army chief “sadak ka gunda”. These are times I wonder if there’s anything Indian or National about @INCIndia pic.twitter.com/y6Sx5UcecS
— কাঞ্চন গুপ্ত (@KanchanGupta) June 11, 2017
दरअसल कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित ने सेना प्रमुख के बारे में अपशब्द कहे और माफी भी मांग ली… लेकिन इससे उनके कहे शब्द वापस तो नहीं आ गए। माफी मिल भी जाती अगर कांग्रेस की ऐसी सोच नहीं होती… दरअसल संदीप दीक्षित का ये बयान कांग्रेस की उसी ‘सड़कछाप’ सोच को ही बताती है जो पहले पी चिदंबरम, मणिशंकर अय्यर और मनीष तिवारी जैसे नेता के बयान से भी जाहिर होता रहा है। कांग्रेस की राजनीति कितना ‘सड़कछाप’ हो चुकी है ये इसका एक सबूत भर है। हाल के दिनों में कांग्रेस नेताओं ने कई ऐसे कार्य किए हैं जो उनकी ‘सड़कछाप’ सोच को ही सबके सामने लाती है।
सड़क पर सरेआम गोहत्या
कांग्रेस की सड़कछाप सोच तब जाहिर हुई जब केरल के कन्नूर में कांग्रेसियों ने सरेआम गोहत्या की। 28 मई को कांग्रेस कार्यालय परिसर में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रिजिल मुकुलटी की अगुआई में गोहत्या की… बीफ बनाई… पकाई और सरेआम वितरण भी किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस कुत्सित कृत्य को केंद्र के पशु बिक्री अधिनियम के विरोध में किया। जाहिर है लोकतंत्र में विरोध करने का जायज हक है… लेकिन क्या सरेआम हिंसा का प्रदर्शन कर विरोध करना कांग्रेस की ‘सड़कछाप’ मानसिकता को नहीं बताता है?
सहारनपुर में ‘सड़कछाप’ साजिश
दरअसल ये कांग्रेसी ना जवानों के है ना किसानों के इनको तो बस अपनी कुर्सी वापस चाहिए, इसलिए ये किसी भी हद तक जा सकते हैं। उत्तर प्रदेश में सहारनपुर में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश के पीछे भी तो कांग्रेस की ही ‘सड़कछाप’ सोच ही तो है!… दरअसल सामाजिक एकता की राह पर चल पड़ा उत्तर प्रदेश कांग्रेसियों को अच्छा नहीं लगने लगा। जातीव विद्वेष फैलाने की साजिश रची और बहुसंख्यक समुदाय की दो जातियों को आमने-सामने कर दिया। जांच हुई तो सामने आया कि हिंसा फैलाने वाली ‘भीम आर्मी’ कांग्रेस के नेताओं के सहयोग से खड़ा हुआ संगठन है।
मंदसौर में कांग्रेसियों ने की हिंसा
शांत राज्य माने जाने वाले मध्य प्रदेश की शांति भी कांग्रेस नेताओं को अच्छी नहीं लगी। किसान आंदोलन के नाम पर हिंसा फैलाने की साजिश रची गई और उसे अमलीजामा भी पहनाया गया। कांग्रेस नेताओं की अगुआई में छह जिलों को हिंसा की आग में धकेल दिया गया। छह लोगों की जान चली गई लेकिन कांग्रेस अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश करती रही। सूबे के सीएम शिवराज सिंह चौहान पर लोगों का भरोसा ही है जो लोगों ने उनका साथ दिया और कांग्रेसियों की साजिश का भंडाफोड़ कर दिया।
मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसान आंदोलन को लेकर सतना के जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिलीप मिश्रा ने विवादित बयान दिया है। 11 जून को दिलीप मिश्रा ने राज्य में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह उर्फ राहुल भैय्या की मौजूदगी में कहा, ”इस बात की कसम खाके यहां से जा रहे हैं कि मध्य प्रदेश के प्रतिपक्ष के नेता राहुल भैया के नेतृत्व में आने वाले समय में सतना जिले का किसान इस सरकार के ऊपर गोली चलाएगा।”मध्य प्रदेश के कांग्रेसी नेता से इससे अधिक खुला सबूत और क्या हो सकता है।
कांग्रेस के नेता और रतलाम जिला पंचायत के उपाध्यक्ष डीपी धाकड़ का 3 जून का वीडियो सामने आया था। उन्होंने रतलाम में भाषण दिया था। इसमें वह कहते दिख रहे हैं कि मेरी बात सुनो। ये दम रखना है कि एक भी गाड़ी आ जाए तो जला दो।
इसी तरह का दूसरा वीडियो शिवपुरी की विधायक शकुंतला खटीक का सामने आया है. ग्वालियर के पास शिवपुरी में वह जिस तरह वह कह रही हैं कि थाने में आग लगा दो… थाने में आग लगा दो … .वह अपने आसपास खड़ी भीड़ को उकसा रही हैं।
कश्मीर में ‘एक्शन’ पर सवाल क्यों?
कश्मीर में भारतीय सेना जबरदस्त कार्रवाई कर रही है… लेकिन कांग्रेस को ये अच्छा नहीं लग रहा है। कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम ने आर्मी के एक्शन पर ही सवाल उठाए हैं। आतंकियों पर कार्रवाई और पत्थरबाजों पर सख्ती से कश्मीर में अमन की उम्मीद बन रही है। लेकिन कांग्रेसी बार-बार आर्मी की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं। मानव ढाल बनाकर 12 जवानों का जान बचाने वाले मेजर गोगोई का एक्शन हो या आर्मी चीफ की सख्ती की बात… कांग्रेस हर एक्शन पर सवाल खड़े करती है। जाहिर है जो अपने देश की सेना पर ही सवाल खड़े करे उसकी सोच तो ‘सड़कछाप’ ही होगी!
कांग्रेसी करते हैं आतंकियों का महिमामंडन
क्या कांग्रेस की संस्कृति और संस्कार आतंकियों को महिमा-मंडित करने की है? कांग्रेस कभी ओसामा बिन लादेन को ओसामा जी कहती है, कभी हाफिज सईद को हाफिज जी और अफजल गुरु को अफजल गुरु जी कहती है, तो क्या यही कांग्रेस की संस्कृति और संस्कार है। दिग्विजय सिंह ने ओसामा बिन लादेन और हाफिज सईद को जी कहा तो रणदीप सुरजेवाला ने अफजल गुरु को जी कहा। सबसे खास यह कि कांग्रेस ऐसे बयान देती है और पीछे हट जाती है। यानी जहां संदेश पहुंचाना है पहुंचा दिया और जिन्हें बरगलाना है उन्हें बरगला भी दिया।