Home तीन साल बेमिसाल महिला अधिकारों और महिला सशक्तीकरण के लिए तत्पर मोदी सरकार

महिला अधिकारों और महिला सशक्तीकरण के लिए तत्पर मोदी सरकार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार महिला अधिकारों की रक्षा, महिला सशक्तीकरण और महिला सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसकी बानगी हमें सरकार की योजनाओं और उसके हालिया निर्णयों में देखने को मिलती है। सरकार संसद से सड़क तक महिलाओें के साथ खड़ी नजर आती है। चाहे बात महिलाओं को मंत्रिमंडल में स्थान देने की हो या फिर तीन तलाक को लेकर सड़कों पर अपने अधिकारों के लिए लड़ने वाली मुस्लिम महिलाओं का साथ देने की हो। सरकार ने महिला अधिकारों की रक्षा पूरी प्रतिबद्धता से की है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान से लेकर सुकन्या समृद्धि योजना तक सरकार महिलाओं को सशक्त करने के अपने दायित्व का निर्वाह पूरी ईमानदारी से कर रही है। विदेशों में रह रहे अप्रवासी भारतीय महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी सरकार पूरी तन्मयता से जुटी हुई है।

पत्नी को तंग करने वाले अप्रवासी के पासपोर्ट होंगे रद्द
पत्नी को छोड़ने या तंग करने अप्रवासी भारतीयों के लिए बुरी खबर है। सरकार द्वारा नियुक्त एक 9 सदस्यीय उच्च स्तरीय पैनल ने सुझाव दिया है कि पत्नी की शिकायत पर सरकार अप्रवासी भारतीयों के पासपोर्ट को जब्त या रद्द करने का प्रावधान कर सकती है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ऐसे कई शिकायतें दर्ज होने के बाद एक समिति का गठन किया था, जो ऐसे मामलों की विभिन्न कानूनी और विनियामक चुनौतियों से निपटने के लिए और इनके समाधान के लिए सुझाव दे। पैनल ने इसके अलावा यह भी सुझाव दिया है कि घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न को विभिन्न देशों के साथ होने वाली प्रत्यर्पण संधि के अंतर्गत लाया जाए।
पैनल का मानना है कि इसके बाद घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के मामलों में न्यायिक प्रक्रिया पूरी करने के लिए अप्रवासी भारतीयों को भारत लाया जा सकेगा। फिलहाल ऐसे मामलों में न्यायिक प्रक्रिया पूरी करने के लिए यह लगभग असंभव होता है। एक बार यदि पासपोर्ट जब्त हो जाएगा तो अप्रवासी भारतीय यदि भारत में होगा तो केस पूरा होने तक देश छोड़कर नहीं जा सकेगा। अगर विदेश में होगा तो उस देश को उसे भारत को सौंपना ही होगा।

पासपोर्ट अधिनियम की धारा 10(3) के अंतर्गत एफआईआर दर्ज होने या कोर्ट के निर्देश पर अप्रवासी भारतीय पति के पासपोर्ट को जब्त करने प्रावधान है कि लेकिन जागरुकता के अभाव और जटिल प्रक्रिया होने के कारण इस प्रावधान का उपयोग नहीं हो पाता। उच्च स्तरीय पैनल ने यह भी सुझाव दिया है कि ऐसी महिलाओं को दी जाने वाली सहायता राशि को 3000 डॉलर से बढ़ाकर 6000 डॉलर कर दिया जाए। यह सहायता राशि ऐसी महिलाओं को विदेशों में काउंसलिंग और वैधानिक सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने में मददगार होगी।

देश को मिला महिला नेतृत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में महिला नेताओं को महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी देकर महिला सशक्तीकरण को एक नया मुकाम प्रदान किया है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी, पेयजल स्वच्छता मंत्री उमा भारती, महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और खाद्य प्रसंस्करण और उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल को महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी देकर देश के नेतृत्व में महिलाओं को महत्वपूर्ण साझीदार बनाया है। पहली बार कैबिनेट सीएसएस में दो महिला मंत्री शामिल हुईं हैं। दरअसल सीसीएस में प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री होते हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बाद अब रक्षा मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण इस महत्वपूर्ण समिति का हिस्सा बन गई हैं। वैसे भी देश को पहली बार पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री मिली है। जिससे महिला सशक्तीकरण को नई दिशा मिलेगी।

 

तीन तलाक से मुक्ति
प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तलाक जैसे कुरीति को रोक लगाने में मुस्लिम महिलाओं का पूरा साथ दिया। पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से इस कुप्रथा को खत्म करने के संकल्प दोहराया था। जिसके फलस्वरूप मुस्लिम महिलाओं को इसके कुप्रथा के खिलाफ लड़ने का बल मिला। परिणामस्वरूप 22 अगस्त 2017 को सर्वोच्च न्यायालय ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताते हुए इसे तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने संसद को 6 महीने भीतर इसपर कानून बनाने को निर्देश दिया।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना
सरकार ने पूरे देश में महिला भ्रूण हत्या, लिंग भेद की रोकथाम और महिला शिक्षा के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना शुरू की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय के समन्वित प्रयासों से चलाए गए इस अभियान के बेहद सकारात्मक परिणाम सामने आए। योजना को पहले वर्ष में एक सौ जिलों में शुरू की गई थी और पहले ही साल के अंत तक ही 58 जिलों में जन्म के समय लिंग अनुपात में वृद्धि दर्ज की गई। दूसरे वर्ष में योजना 161 जिलों में शुरू की गई, जिसमें से 104 जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात में बढ़ोत्तरी हुई।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
भारत सरकार की इस महत्त्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य पांच करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों की महिलाओं को प्रदूषण युक्त चूल्हे के धुएं से मुक्ति दिलाना और स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना है। केवल गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिलाओं को एलपीजी गैस कनेक्शन और चूल्हा मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा। महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के स्वास्थ्य के संदर्भ में इस योजना को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मातृत्व अवकाश, मातृत्व लाभ
वर्तमान सरकार ने नया मातृत्व लाभ संशोधित कानून एक अप्रैल 2017 से लागू कर दिया है। संशोधित कानून के तहत सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए वैतनिक मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ा कर 26 सप्ताह कर दी है। इसके तहत 50 या उससे ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान में एक तय दूरी पर क्रेच सुविधा मुहैया कराना अनिवार्य है। महिलाओं को मातृत्व अवकाश के समय घर से भी काम करने की छूट है। मातृत्‍व लाभ कार्यक्रम के 1 जनवरी 2017 से लागू है। योजना के अंतर्गत गर्भवती और स्‍तनपान कराने वाली माताओं को पहले दो जीवित शिशुओं के जन्‍म के लिए तीन किस्‍तों में 6000 रुपये का नकद प्रोत्‍साहन दिया जाता है।

महिला उद्यमिता और महिला कौशल को बढ़ावा
स्टैंड-अप इंडिया के अंतर्गत महिलाओं को अपना व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए हर बैंक शाखा को 10 लाख से लेकर 1 करोड़ तक के ऋण कम से कम एक महिला को उपलब्ध कराने का नियम बनाया गया है। वहीं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत महिलाओं को रोजगार योग्य बनाने के लिए 11 लाख से अधिक महिलाओं को अलग-अलग तरह के हुनर में प्रशिक्षित किया गया है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना महिला सशक्तिकरण का एक बहुत बड़ा जरिया बन चुकी है। इस योजना के लाभार्थियों में 70 प्रतिशत महिलाएं हैं। 

सुकन्या समृद्धि योजना
केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना के माध्यम से देश की बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने का कार्य किया है। योजना के अंतर्गत 0-10 साल की कन्याओं के खाते डाकघर में खोले जाएंगे। इन खातों में जमा राशि पर 9.1 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज दिया जाएगा। सुकन्या समृद्धि योजना अभिभावकों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है। इस योजना के तहत अभिभावकों को एक हजार रुपया प्रतिमाह 14 वर्ष तक जमा करना होगा।21 वर्ष के बाद खाता परिपक्व होने पर उन्हें 6,41,092 की धनराशि वापस मिलेगी। आकलन के अनुसार 14 वर्ष में खाते में जमा होंगे 1.68 लाख रुपये और 21 वर्ष बाद 6,41,092 रुपये की वापसी होगी। योजना के माध्यम से सरकार ने बेटियों की शिक्षा और समृद्धि दोनों को सुनिश्चित किया है।

महिला जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण
इस कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायतों की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की क्षमता, शासन संचालन और उनका कौशल बढ़ाना है, ताकि वो गांवों का प्रशासन बेहतर तरीके से चला सकें। पंचायती संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को कई बार काम में मुश्किलें पेश आती हैं। इसलिए महिला सरपंचों तथा निचले स्तर पर महिला प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने के लिए देशव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसका सीधा लाभ शासन-प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी के रूप में मिल रहा है। 

यौन उत्पीड़न से निवारण के लिए ई-प्लेटफॉर्म
कार्यालयों में महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की घटनाएं रोकने के लिए ई-प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया गया है। इस ई-प्लेटफॉर्म की सुविधा के माध्यम से केंद्र सरकार की महिला कर्मचारी ऐसे मामलों में ऑनलाइन ही शिकायत दर्ज करा सकेंगी। केंद्र सरकार में करीब 30 लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं। 2011 के जनगणना के अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों में महिलाओं का प्रतिशत 10.93 है।

मोबाइल में पैनिक बटन और GPS
किसी भी आपात स्थिति से बचने के लिए मोबाइल में जीपीएस सिस्टम के साथ-साथ पैनिक बटन शुरू किया गया है। ताकि ऐसी स्थिति में महिला अपने परिजनों या पुलिस तक अपना संदेश पहुंचा सके। दूरसंचार विभाग ने ‘मोबाइल फोन हैंडसेट में पैनिक बटन और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम नियम 2016’ को 22 अप्रैल, 2016 को भारतीय वायरलेस टेलीग्राफ एक्ट 1933 की धारा 10 के तहत जारी कर दिया।

इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का महत्वपूर्ण संसाधन मानते हैं। ज्ञान-विज्ञान, खेलकूद, सूचना-प्रौद्योगिकी, कला-संगीत से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली महिलाओं को प्रधानमंत्री अपनी कई महत्वपूर्ण योजना से जोड़ चुके हैं। कामकाजी से लेकर ग्रामीण और आदिवासी महिलाओं के कल्याण और उनके हितों की रक्षा के लिए सरकार ने सतत प्रयास किये हैं। प्रधानमंत्री स्वयं किसी भी क्षेत्र में कुशल नेतृत्व या उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं की सराहना करके महिलाओं को प्रोत्साहित करने का कार्य करते हैं।

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