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पीएम मोदी के नेतृत्व में इन 10 सेक्टर में हुए अभूतपूर्व काम, देश की तरक्की का बन रहे आधार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले नौ साल में इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर गरीब कल्याण तक में अभूतपूर्व काम किया है। इंफ्रास्ट्रक्चर में रेलवे का विकास, सड़कों का विकास, एयरपोर्ट का विकास जिस तेजी से किया जा रहा है वह देश के विकास को नई रफ्तार देने वाला है। इसी तरह लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए नल से जल, गांवों में बिजली, एलपीजी कनेक्शन, गरीबों को पक्के घर दिए गए हैं। इनसे करोड़ों लोगों के जीवन स्तर में सुधार आया है। इसी तरह चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम किया गया है। आयुष्मान भारत और जनऔषधि केंद्र गरीबों के इलाज में बड़ा मददगार बन रहा है। एम्स अस्पतालों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिससे गुणवत्तापूर्ण इलाज लोगों के लिए सुलभ हो रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े स्तर पर काम किया गया है। नई शिक्षा नीति के साथ ही नए IITs, IIMs, IIITs, NIT और NIDs जैसे उच्च संस्थान खोले जा रहे हैं। देश को विकसित भारत बनाने में इन काम का भी अहम योगदान होने वाला है।

1. रेलवे का विकास
मोदी विजन से रेलवे का तेजी से आधुनिकीकरण, विश्वस्तरीय बन रहे हैं स्टेशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से रेलवे का तेजी से आधुनिकीकरण किया जा रहा है। वंदे भारत जैसी तेज गति ट्रेनें, रेलवे लाइनों का दोहरीकरण, रेलवे लाइनों का विद्युतिकरण तेजी से किया जा रहा है। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में सभी रेलवे लाइनों का विद्युतिकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है। इसी तरह देश के ऐसे लगभग 50 रेलवे स्टेशनों को पहले चरण में पूरी तरह से विश्वस्तरीय बनाने के लिए चुना गया है। ये स्टेशन सिर्फ राज्यों की राजधानियां या फिर बड़े शहर नहीं हैं बल्कि पर्यटन और तीर्थ स्थलों से जुड़े स्टेशन भी हैं। इन स्टेशनों पर काम शुरू करते हुए ये नहीं देखा गया है कि कौन सा राज्य किस पार्टी के शासन में हैं। चाहे बीजेपी शासित राज्य हों या फिर राज्यों में दूसरे दलों की सरकार हो, रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाने का काम हर चुनी जगह पर शुरु हो चुका है। इसका लक्ष्य यही है कि रोजगार के साथ साथ व्यापार भी बढे।

2. सड़कों का विकास
तेजी से बढ़ रहा है सड़क नेटवर्क, 9 सालों में 50 हजार KM नेशनल हाईवे का निर्माण
भारत का सड़क नेटवर्क तेजी से फैल रहा है। इसी के साथ भारत का सड़क नेटवर्क दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क बन गया है। बीते 9 सालों में देश के अंदर 50 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया गया और उसे मजबूती देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 2014-15 में भारत में कुल 97,830 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग थे, जिसे मार्च 2023 तक बढ़ाकर 145,155 किलोमीटर कर दिया गया है। आंकड़ों के अनुसार, 2014-15 में प्रतिदिन 12.1 किमी सड़कों का निर्माण होता था जबकि 2021-22 में प्रतिदिन 28.6 किमी सड़कों का निर्माण हुआ है। सड़कें और राजमार्ग किसी देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सड़क परिवहन न केवल आर्थिक विकास बल्कि सामाजिक विकास, रक्षा क्षेत्रों और जीवन के लिए बुनियादी चीजों तक पहुंचने का आधार है। प्रति वर्ष लगभग 85 प्रतिशत यात्री और 70 प्रतिशत माल सड़कों द्वारा भेजा जाता है, इससे हमें इसके महत्व का अंदाजा लगा सकते हैं। भारत का सड़क नेटवर्क दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है। भारत में लगभग 63.73 लाख किमी सड़क नेटवर्क है।

3. एयरपोर्ट नेटवर्क
देश में 200 एयरपोर्ट का नेटवर्क खड़ा किया जा जा रहा
मोदी सरकार के अब तक के कार्यकाल में देश में हवाई सेवाओं और हवाई अड्डों के विकास पर काफी जोर दिया गया है। सरकार की कोशिश है कि अगले कुछ सालों में देश में 200 से ज्यादा एयरपोर्ट, हेलीपोर्ट और वाटर डोम का नेटवर्क तैयार किया जाए। 2014 में चालू हवाई अड्डों की संख्या 74 थी जो कि अब बढ़कर 148 हो गई है। उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत 27 अप्रैल, 2017 को प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी पहली उड़ान शुरू की थी। उड़ान योजना के अंतर्गत 58 हवाई अड्डे, 8 हेलीपोर्ट और 2 वाटर एरोड्रोम सहित 68 अपर्याप्त सुविधाओं वाले गंतव्यों को जोड़ा गया है। योजना के तहत शुरू किए गए 425 नए मार्गों के साथ उड़ान ने देश भर में 29 से अधिक राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को हवाई संपर्क प्रदान किया है। 4 अगस्त 2022 तक एक करोड़ से अधिक यात्रियों ने इस योजना का लाभ उठाया था। इस योजना के माध्यम से देश के आम नागरिकों को कम दरों पर हवाई यात्रा करना संभव हो पाया है और इससे देश में पर्यटन के क्षेत्र को बड़े स्तर पर बढ़ावा मिला है।

4. स्वच्छ भारत अभियान
देश में बने 11.72 करोड़ शौचालय, 6 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त
स्वच्छ भारत अभियान के पहले चरण में ही 11.72 करोड़ शौचालयों का निर्माण मोदी सरकार द्वारा किया गया। आज से 9 साल पहले जब प्रधानमंत्री मोदी ने इस अभियान की शुरुआत की थी उस समय केवल 10 में से 4 घरों में शौचालय थे, वहीं मौजूदा समय में सभी घरों में शौचालय हैं। स्‍वच्‍छ भारत अभियान लॉन्च होने के बाद अबतक शौचालय निर्माण में बढ़ोतरी हो चुकी है। यह बढ़ोतरी इसलिए संभव हो पाई है, क्‍योंकि शौचालय बनवाने के लिए सरकारी सहायता मिल रही है। इसी का नतीजा है कि 6.03 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हुए। ये आंकड़े गवाह हैं इस बात के कि चुनावी तिकड़म और जमीन पर वास्तविक काम में बड़ा अंतर होता है। स्वच्छ भारत के लिए अभी भी काम जारी है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के लिए 2022-23 के बजट में 7,192 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि स्वच्छ भारत मिशन शहरी के लिए 2021 से 2026 तक यानि 5 साल की अवधि में 1,41, 678 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

5. पीएम आवास योजना
पीएम आवास योजना ने बदली ग्रामीणों की ज‍िंदगी, 3.04 करोड़ गरीबों को मिले पक्के मकान
केंद्र सरकार पिछले नौ साल में ग्रामीण क्षेत्रों में 3.04 करोड़ से अधिक पक्के घर बना चुकी है। इससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना– ग्रामीण यानी पीएमएवाई (जी) के तहत बने घरों में से 75 फीसदी एससी, एसटी और अल्पसंख्यक समुदायों के हैं। इसके अलावा, 10 में से 7 घर महिलाओं के नाम पर हैं जिसने महिलाओं के पक्के घर की उम्मीदों को पूरा किया है और घर के वित्तीय निर्णय लेने में उनकी भागीदारी को मजबूत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए पक्के घर बनाने और उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की शुरुआत की थी। इन घरों में शौचालय, बिजली, पीने का पानी, स्वच्छ ईंधन (एलपीजी) आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का प्रावधान है। केंद्र सरकार के अनुसार ब‍िहार में पीएमएवाई (जी) के तहत 35,66,994 घर बनाए जा चुके हैं। मध्य प्रदेश में 33,98,186 गरीबों के घर बने हैं तो उत्तर प्रदेश में 29,38,863 घर बनाए गए हैं। इसी तरह गुजरात में 4,10,883, महाराष्ट्र में 10,76,324 घर, ओड‍िशा में 17,15,496 घर, राजस्थान में 15,99,696, पश्च‍िम बंगाल में 34,04,560 और असम में 12,05,354 घर बनवाए गए हैं।

6. जल जीवन मिशन
12 करोड़ घरों तक पहुंचा टैप से पीने का पानी, 9 लाख स्कूलों को मिला शुद्ध जल
गांवों में नल से स्वच्छ पानी की आपूर्ति के लिए संचालित अहम परियोजना जल जीवन मिशन ने 12 करोड़ घरों तक कवरेज का आंकड़ा पार कर लिया है। चार साल पहले जब इस मिशन की शुरुआत की गई थी तब 3.23 करोड़ घरों (16.64 प्रतिशत) में टैप के जरिये जल की आपूर्ति की जा रही थी। गोवा, तेलंगाना, हरियाणा, पंजाब और गुजरात तथा तीन केंद्रशासित क्षेत्रों पुडुचेरी, दमन दीव व दादरा नगर हवेली तथा अंडमान एवं निकोबार ने जल जीवन मिशन के तहत सौ प्रतिशत कवरेज का लक्ष्य हासिल कर लिया है। इसके बाद हिमाचल प्रदेश (98.35) तथा बिहार (96.05) का नंबर आता है। जब इस मिशन की शुरुआत की गई थी तब देश के 112 आकांक्षी जिलों में केवल 21.64 लाख घरों (लगभग आठ प्रतिशत) में टैप से पेयजल की आपूर्ति की जा रही थी, लेकिन यह कवरेज बढ़कर 1.67 करोड़ (60.51 प्रतिशत) हो गया है।

7. उज्ज्वला योजना
मोदी सरकार का तोहफा, 9.6 करोड़ मां-बहनों को धुएं से मिली मुक्ति
उज्ज्वला योजना से देश की 9.6 करोड़ मां-बहनों को धुएं से मुक्ति मिली है। इस योजना के तहत एक साल में 12 गैस सिलिंडर बांटा जाता है। हर सिलिंडर पर 200 रुपए की सब्सिडी का लाभ मिलता है। कुल मिलाकर एक साल में सब्सिडी के रूप में 2400 रुपए तक का लाभ उठाया जा सकता है। PMUY के 1 मार्च 2023 तक 9.59 करोड़ लाभार्थी हैं। सरकार ने योजना के तहत 2022-23 के लिए 6100 करोड़ और 2023-24 के लिए 7680 करोड़ रुपए का ऐलान किया है। पीएम मोदी ने देश की महिलाओं की जिंदगी में बदलाव के मकसद से मई 2016 में उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी। सब्सिडी सीधे पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाती है।

8. गांवों में बिजली
देश के 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई, अब हर घर में बिजली का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से आजादी के सत्तर साल बाद अंधेरे में डूबे 18 हजार से अधिक गांवों में बिजली पहुंचाई गई। पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2015 को लाल किले की प्राचीर से एक हजार दिन के भीतर इन गांवों में बिजली पहुंचाने का ऐलान किया था। समयसीमा पूरी होने से 12 दिन पहले इस लक्ष्य को हासिल कर लिया गया। इन गांवों में बिजली पहुंचने के बाद देश के सभी गांव अब विद्युतीकृत हो गए। इसके बाद हर घर को बिजली देने का काम शुरू किया गया। इन 18 हजार गांवों में 15,000 गांव पूर्वी भारत के थे और उन 15,000 में भी 5,000 गांव पूरी तरह नॉर्थ ईस्ट के थे, लेकिन वोटबैंक में फिट नहीं होने की वजह से कांग्रेस की सरकार ने उनकी सुध ही नहीं ली। पीएम मोदी ने वोट गणित से ऊपर उठकर इन गांवों में बिजली पहुंचाई।

9. चिकित्सा क्षेत्र
चिकित्सा क्षेत्र में मोदी सरकार ने किया आमूलचूल परिवर्तन, 23 एम्स, आयुष्मान भारत और जनऔषधि केंद्र से गरीबों का इलाज
आज़ादी के बाद से दशकों तक अच्छा इलाज केवल दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में ही संभव था लेकिन मोदी सरकार ने स्वास्थ्य को सुदूर इलाकों में आधुनिक सुविधाओं के साथ पहुंचाने का लक्ष्य रखा। इसके लिए अस्पतालों को देश के कोने कोने में स्थापित किया जा रहा है और योग्य डॉक्टर्स की नियुक्ति हो सके इसके लिए मेडिकल शिक्षा में सीटें भी बढ़ाई जा रही। मेडिकल की पढ़ाई इंग्लिश के अतिरिक्त स्थानीय भाषा में भी हो सके इसकी भी व्यवस्था हो रही है ताकि निम्न-मध्यम वर्ग के भी बच्चे, जिन्होंने स्कूल में अंग्रेजी माध्यम में पढाई नहीं की है, वो भी अब डॉक्टर बन सकें। सरकार की कोशिश है कि सरल और सस्ता इलाज़ सबकी पहुंच में हो। मोदी सरकार में देश में एम्स की संख्या 7 से बढ़कर 23 हो चुकी है। देश के अलग अलग हिस्सों में अब तक लगभग 1,50,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं। आज देश में 562 मेडिकल कॉलेज हैं, जबकि अन्य 175 मेडिकल कॉलेज भी विकास की प्रक्रिया में हैं। देश में 2012 तक चिकित्सकों की संख्या लगभग 8 लाख 83 हज़ार थी, जो मोदी सरकार आने के बाद 2021 में 13 लाख हो गई। साल 2012 तक देश में नर्सों की संख्या सिर्फ 21 लाख थी जो 2021 में 33 लाख से ज्यादा हो गई। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आज करोड़ों भारतीयों का इलाज नि:शुल्क किया जा रहा है। 25 करोड से अधिक लोग आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता से लिंक कर दिए गए हैं। लगभग 4 करोड़ 30 लाख रोगियों का उपचार किया गया है। खास बात ये है कि इस योजना का लाभ पाने वालों में 46.7 प्रतिशत महिलाएं हैं। इसी तरह सस्ती दवाएं सबके लिए उपलब्ध रहें, इसके लिए बीते 9 सालों में लगभग 9 हजार जन-औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं। यहां मिलने वाली दवाएं आधे से भी कम कीमतों पर उपलब्ध है।

10. शिक्षा क्षेत्र
देश में अब 23 IIT और 20 IIM, हर हफ्ते एक नया विश्वविद्यालय स्थापित
मोदी सरकार प्राथमिक, उच्च और चिकित्सा शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए शिक्षा क्षेत्र को तीव्र गति से बदलने पर जोर दे रही है। मोदी सरकार ने 2014 से नए IITs, IIMs, IIITs, NIT और NIDs की स्थापना की घोषणा की है। 2014 से हर साल एक नया IIT और IIM खोला गया है। अब तक पूरे देशभर में 23 IITs और 20 IIMs हैं। हर हफ्ते एक नया विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है और 2014 से हर दिन दो नए कॉलेज स्थापित किए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप, उच्च शिक्षा में छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इतना ही नहीं, पूर्वोत्तर में 22 नए विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं और लद्दाख को अपना पहला केंद्रीय विश्वविद्यालय मिला है। पहली बार फोरेंसिक विश्वविद्यालय और रेल और परिवहन विश्वविद्यालय भी स्थापित किए गए हैं। रिकॉर्ड 71 भारतीय विश्वविद्यालयों ने ‘द वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग’ में जगह बनाई है, जो पिछले साल 63 से ऊपर है। तीन भारतीय विश्वविद्यालयों ने ‘क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग’ में शीर्ष-200 में स्थान हासिल किया है।

 

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