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विधानसभा चुनाव से पहले ममता को एक और झटका, विधायक देबाश्री रॉय ने दिया इस्तीफा

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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक और झटका लगा है। ममता की करीबी टीएमसी विधायक देबाश्री रॉय ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। दक्षिण 24 परगना के रायदीघी से टीएमसी की विधायक देबाश्री ने पार्टी अध्यक्ष सुब्रत बक्शी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। देबाश्री राय बीजेपी में शामिल हो सकती हैं।

टीएमसी के 5 विधायक बीजेपी में शामिल
जनता के बदले मूड और बीजेपी को मिल रहे अपार जनसमर्थन की वजह से टीएमसी छोड़ने वालों का सिलसिल जारी है। हाल ही में 8 मार्च, 2021 को पांच विधायकों ने टीएमसी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया, जिनमें सोनाली गुहा (सतगछिया), शीतल सरदार (संकरैल), जटू लाहिड़ी (शिवपुर), दिव्येन्दु विश्वास (बशीरहाट दक्षिण) और रवींद्रनाथ भट्टाचार्य शामिल है।

महिला उम्मीदवार सरला मुर्मू ने भी दिया झटका
टीएमसी की एक महिला उम्मीदवार सरला मुर्मू ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका दिया। मालदा जिले की हबीबपुर विधानसभा सीट से टिकट मिलने के बावजूद सरला मुर्मू ने अपने समर्थकों के साथ टीएमसी छोड़ दी। पश्चिम बंगाल में ये पहला मौका है, जब किसी प्रत्याशी ने टिकट मिलने के बावजूद अपनी पार्टी छोड़ी है।

आइए देखते हैं टीएमसी के कितने नेता ममता बनर्जी के तानाशाही रवैये के कारण पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं-

दिनेश त्रिवेदी
पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने 6 मार्च, 2021 को बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें बीजेपी में स्वागत किया। इस दौरान रेलमंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे। दिनेश त्रिवेदी ने बीजेपी में शामिल होने को स्वर्णिम पल बताते हुए कहा कि बीजेपी जनता के परिवार जैसी है।

जितेंद्र तिवारी
पूर्व मेयर और टीएमसी के पंडेश्वर के विधायक जितेंद्र तिवारी ने 2 मार्च, 2021 को हुगली जिले के बैद्यवाटी में बीजेपी का दामन थाम लिया। वो बीजेपी के बंगाल अध्यक्ष दिलीप घोष की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। इस मौके पर घोष ने जितेंद्र तिवारी को पार्टी का झंडा देकर स्वागत किया।

दीपक हलदर
डायमंड हार्बर से दो बार विधायक रहे दीपक हलदर टीएमसी को झटका देकर बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने बारुईपुर की एक रैली में शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।दीपक हलदर ने 1 फरवरी, 2021 को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। 

राजीव बनर्जी     
ममता बनर्जी की कैबिनेट में वन मंत्री और हावड़ा में डोमजूर विधानसभा सीट से विधायक रहे राजीव बनर्जी ने 29 जनवरी को टीएमसी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद 30 जनवरी,2021 को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए थे।

वैशाली डालमिया     
बल्‍ली सीट से विधायक वैशाली डालमिया ने टीएमसी से इस्तीफा देकर राजीव बनर्जी के साथ 30 जनवरी,2021 को बीजेपी में शामिल हुईं। वैशाली ने भ्रष्‍टाचार समेत तमाम मुद्दों को लेकर टीएमसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। वैशाली भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के कद्दावर अध्‍यक्ष रहे जगमोहन डालमिया की बेटी हैं। 

प्रबीर घोषाल
हुगली के उत्तरपारा से टीएमसी विधायक प्रबीर घोषाल भी राजीव बनर्जी के साथ 30 जनवरी,2021 को दिल्ली में बीजेपी शामिल हुए थे। घोषाल पिछले कई दिनों से टीएमसी के कामकाज करने की तरीकों पर सवाल उठा रहे थे।

रथिन चक्रवर्ती
हावड़ा के पूर्व मेयर रथिन चक्रवर्ती ने टीएमसी से इस्तीफा देकर 30 जनवरी, 2021 को राजीव बनर्जी और अन्य नेताओं के साथ दिल्ली में बीजेपी का दामन थाम लिया था। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे।

पार्थ सारथी चटर्जी     
पूर्व विधायक और रानाघाट से पांच बार नगर निकाय प्रमुख रहे पार्थ सारथी चटर्जी भी टीएमसी से इस्तीफा देकर 30 जनवरी, 2021 को राजीव बनर्जी और अन्य नेताओं के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे।

अरिंदम भट्टाचार्य
दो दिन पहले ही 20 जनवरी, 2020 को नादिया के सांतिपुर से टीएमसी विधायक अरिंदम भट्टाचार्य ने बीजेपी का दामन थाम लिया। नई दिल्ली में बीजेपी में शामिल हुए अरिंदम ने कहा कि बंगाल के युवा बेरोजगार हैं और सरकार में सही दृष्टिकोण की कमी है।

शुभेंदु अधिकारी
ममता बनर्जी के सबसे खास माने जाने वाले शुभेंदु अधिकारी ने 16 दिसंबर, 2020 को विधानसभा से इस्तीफा देने के अगले दिन पार्टी की प्राइमरी मेंबरशिप भी छोड़ दी। मिदनापुर जिले के बड़े नेता शुभेंदु अधिकारी साल 2006 से लगातार विधायक और सांसद का चुनाव जीतते आ रहे हैं। उन्होंने 2006 में विधानसभा चुनाव जीता। इसके बाद 2009 और 2014 में लोकसभा चुनाव जीते। 2016 में विधानसभा चुनाव जीतकर परिवहन मंत्री बने। शुभेंदु के पिता शिशिर अधिकारी भी विधायक और सांसद रह चुके हैं। शुभेंदु के एक भाई सांसद और दूसरे नगरपालिका अध्यक्ष हैं। इस तरह इनके परिवार का छह जिलों की 80 से ज्यादा सीटों पर असर है। ऐसे में शुभेंदु अधिकारी का साथ छोड़ना ममता बनर्जी के लिए एक बड़ा झटका है।

जितेंद्र तिवारी
शुवेंदु अधिकारी के एक दिन बाद 17 दिसंबर, 2020 को पांडेबेश्वर विधानसभा क्षेत्र से विधायक जितेंद्र तिवारी ने भी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कोलकाता में खूब सारा फंड है, लेकिन आसनसोल के विकास के लिए फंड नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि हमें स्मार्ट सिटी से वंचित रखा गया। हमें ठोस कचरा प्रबंधन से भी वंचित रखा गया। हमें कई विकास कार्यों से वंचित रखा गया है। ऐसी स्थिति के बीच काम करना बहुत कठिन हो रहा है। वे पार्टी के पश्चिम बर्धमान के जिला अध्यक्ष भी थे।

शीलभद्र दत्त
24 परगना जिले के बैरकपुर से विधायक शीलभद्र दत्त ने भी 18 दिसंबर, 2020 को ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा भेज दिया। शीलभद्र दत्त इसके पहले कई बार पार्टी में I-PAC प्रमुख प्रशांत किशोर के काम करने के तरीके को लेकर नाराजगी जता चुके हैं।

कबीरुल इस्लाम
शीलभद्र दत्त के साथ ही 18 दिसंबर, 2020 को टीएमसी के एक और नेता कबीरुल इस्लाम ने पार्टी की माइनोरिटी सेल के जनरल सेक्रेटरी की पोस्ट से इस्तीफा दे दिया।

मुकुल रॉय
ममता बनर्जी के राजनीतिक चाणक्य माने जाने वाले मुकुल रॉय टीएमसी छोड़ बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। मुकुल रॉय को हाल ही में बीजेपी में उपाध्यक्ष बनाया गया है। पश्चिम बंगाल में बीजेपी की राजनीतिक रणनीति तय करने में मुकुल रॉय अहम भूमिका निभा रहे हैं।

लॉकेट चटर्जी
पश्चिम बंगाल की लोकप्रिय नेता लॉकेट चटर्जी साल 2015 में तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हो गई। लॉकेट अब लोकसभा चुनाव 2019 में जीतकर हुगली से बीजेपी की सांसद हैं।

सुभ्रांशु राय
बीजापुर से टीएमसी के विधायक सुभ्रांशु रॉय भी हाल ही में बीजेपी में शामिल हो गए। वे मुकल राय के बेटे हैं।

मोनिरुल इस्लाम
पश्चिम बंगाल के लबपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक मोनिरुल इस्लाम भी ममता बनर्जी का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए।

शोभन चटर्जी
ममता बनर्जी के करीबी शोभन चटर्जी भी टीएमसी का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम चुके हैं।

मिहिर गोस्वामी
कूच बिहार दक्षिण से टीएमसी विधायक मिहिर गोस्वामी ने भी अब ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पिछले महीने नवंबर, 2020 में वे टीएमसी छोड़ बीजेपी का दामन थाम चुके हैं।

अनुपम हाजरा
बोलपुर से टीएमसी सांसद रह चुके अनुपम हाजरा अब बीजेपी में राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

अर्जुन सिंह
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ अनबन के बाद 2019 में आम चुनाव से ठीक पहले टीएमसी छोड़ने वाले अर्जुन सिंह अब बैरकपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद हैं।

शंकु देब पांडा
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव रहे शंकु देब पांडा ने भी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले टीएमसी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया।

सब्यसाची दत्ता
ममता बनर्जी के सबसे करीबी नेताओं में से एक सब्यसाची दत्ता टीएमसी के ऐसे नेता थे, जो उनके यहां ही रहा करते थे। राजारहाट सीट से विधायक रह चुके सब्यसाची दत्ता ने अक्टूबर 2019 में बीजेपी का दामन थाम लिया। ये ममता बनर्जी को लगा तगड़ा झटका था।

सौमित्र खान
ममता बनर्जी के सबसे भरोसेमंद नेताओं में से एक सौमित्र खान ने भी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का दामन थाम लिया। विष्णुपुर सीट से बीजेपी सांसद सौमित्र खान अब पश्चिम बंगाल में बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाल रहे हैं।

इसके साथ ही पिछले साल टीएमसी के पूर्व विधायक गदाधर हाजरा, तृणमूल युवा विंग के प्रमुख आसिफ इकबाल और निमाई दास ममता बनर्जी की पार्टी का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

 

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