कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा भानुमति ने कुनबा जोड़ा। यह कहावत नीतीश कुमार पर सटीक बैठती है। भानुमति यानी नीतीश कुमार ने बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार (23 जून, 2023) को बेमेल विपक्षी दलों के साथ महाबैठक की। इस बैठक में 15 दलों के नेता शामिल हुए। लेकिन इस बैठक में खूब ड्रामा हुआ। रूठने और मनाने का खूब सिलसिला चला। एकजुटता के लिए बुलाई गई बैठक में एकता गायब थी। दूल्हा कौन होगा और बारात किस तरह से निकलेगी, इसकों लेकर अभी तस्वीर साफ भी नहीं हुई थी कि एजेंडे को लेकर भिड़ंत शुरू हो गई। केजरीवाल बारात के फूफा की तरह रूठ गए। इसके बाद आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और आरजेडी के नेता एक दूसरे को आईना दिखाया। यहां तक कि बात औकात दिखाने तक पहुंच गई।
· विपक्षी एकता बैठक की निकली हवा
· अरविंद केजरीवाल गुस्से में पत्रकार वार्ता छोड़कर चले गएपटना- 23.06.2023
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सम्प्रति राज्य सभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि विपक्ष की बैठक टांय- टांय फिश हो गई। कहावत है ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ परंतु…
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 23, 2023
बड़े बेआबरू होकर विपक्षी कूचे से केजरीवाल निकले
दरअसल विपक्षी दोलों की बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन की मांग पर जोर देने लगे तो उमर अब्दुल्ला ने उनके जले पर नमक छिड़क दिया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के मामले में केजरीवाल के समर्थन की याद दिलाई। कांग्रेस ने भी उमर अब्दुल्ला का समर्थन किया। केजरीवाल ने कांग्रेस से अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा जिससे टकराव देखने को मिला। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अरविंद केजीवाल के बीच कहासुनी शुरू हो गई। दोनों के बीच मामला बिगड़ता देख ममता बनर्जी को हस्तक्षेप करना पड़ा। ममता ने दोनों को शांत कराया। इस तरह अपनी उपेक्षा से आहत केजरीवाल बारात के फूफा जी की तरह रूठ गए और बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का बहिष्कार कर दिल्ली रवाना हो गए।
कांग्रेस से नाराज आम आदमी पार्टी
पटना में विपक्ष की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में शामिल नहीं हुए अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान
बयान जारी कर जताई नाराजगी
AAP ने कहा- जब तक कांग्रेस सार्वजनिक रूप से इस अध्यादेश का विरोध नहीं करेगी तब तक भविष्य में होने वाली किसी भी आज जैसी उस…
— Sharad Sharma (@sharadsharma1) June 23, 2023
केजरीवाल और कांग्रेस में तू-तू…मैं-मैं…
अरविंद केजरीवाल के दिल्ली पहुंचते ही आम आदमी पार्टी ने कहा कि जब तक कांग्रेस अध्यादेश के विषय पर अपना रुख स्पष्ट नहीं कर देती तब तक वह कांग्रेस की मौजूदगी वाली विपक्षी किसी बैठक में शामिल नहीं होगी। अब सवाल उठ रहे हैं कि कांग्रेस अब तक केजरीवाल की मांग का समर्थन क्यों नहीं कर रही है ? इस सवाल पर कांग्रेस के अंदर ही मतभेद है। दरअसल कांग्रेस का एक धड़ा केजरीवाल को साथ में रखने का समर्थक है, तो दिल्ली और पंजाब के कांग्रेस नेता केजरीवाल को समर्थन देने के पक्ष में नहीं है। दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन सीएम केजरीवाल पर हमला बोलते हुए 5 अगस्त, 2019 को केजरीवाल द्वारा किया गया ट्वीट शेयर किया। इसमें केजरीवाल ने केंद्र सरकार द्वारा संसद में विधेयक लाकर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के कदम का समर्थन किया था।
5 अगस्त 2019 को @ArvindKejriwal जी के इस संलग्न बयान को देखें, उसी दिन केजरीवाल जी के बयान पर मेरा जवाब भी देखें –
दोनों संलग्न हैं।कौन बीजेपी से मिला हुआ है, अब भी क्या कोई शक है?
AAP पार्टी, जिसका 542 में से केवल 1 लोक सभा सदस्य है, वो कांग्रेस से समर्थन भी चाहता था-
और… pic.twitter.com/N98LjQRxcK— Ajay Maken (@ajaymaken) June 23, 2023
केजरीवाल की ऐसी वकत और हैसियत नहीं कि कोई नोटिस ले- शिवानंद
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल पर बड़ा हमला करते हुए उनकी औकात तक याद दिला दी। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल का किसी ने नोटिस नहीं लिया। अरविंद केजरीवाल और नरेन्द्र मोदी में फ़र्क क्या रहा है? उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल भी उसी तरह से तानाशाही चला रहे हैं कि हमारा जो कहना है, उसे पहले लीजिए। शिवानंद तिवारी ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल की ऐसी वकत नहीं, हैसियत नहीं कि कोई नोटिस ले। उनका नरेन्द्र मोदी वाला अंदाज़ था इसीलिए सब लोगों ने उनका नोटिस नहीं लिया। अरविंद केजरीवाल ने जो कर दिया उसको गोली मारिए, उससे कोई नुक़सान नहीं होने वाला है।
अरविंद केजरीवाल को उसकी औकात बताते हुए RJD नेता “शिवानंद तिवारी जी”…..😭
दुर्भाग्यपूर्ण 💔🥺💔 pic.twitter.com/3eiJA0YJTq
— योगी भक्त 😎🚩🚩 (@DabangYogi) June 24, 2023