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श्रीराम मंदिर के निर्माण ने “कांग्रेस- लिबरल” गैंग की साजिश का पर्दाफाश किया

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कई शताब्दियों के संघर्ष और धैर्य के बाद श्री राम जन्म भूमि मंदिर के निर्माण के कार्य का शुभारंभ अयोध्या में हुआ। शताब्दियों से जिन आसुरी शक्तियों ने निर्माण के कार्य में बाधा पहुंचाते रहे थे, आज भी उन्होंने अपनी क्षीण शक्ति से उसका विरोध किया। कांग्रेस-लिबरल गैंग का यह विरोध शुद्ध रुप से खिसकती हुई राजनीतिक जमीन को बचाने का प्रयास था।

साजिश का पहला कदम– कांग्रेस-लिबरल गैंग, जो कल तक कह रहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कारण मंदिर का ताला खुला और श्रीराम मंदिर के निर्माण में अपने योगदान का दम भर रहा था। आज, उसी कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने श्रीराम मंदिर के निर्माण कार्य को ही अन्याय कह दिया। उन्होंने लिखा-

साजिश का दूसरा कदम-लेकिन उनकी बहन प्रियंका वाड्रा, जो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का कार्य देखती है और पार्टी ने उन्हें महासचिव का पद दिया है, उन्होने श्रीराम मंदिर के निर्माण पर सभी देशवासियों को बधाई दी और इस अवसर को एकता और समररसता का अवसर बनाने की अपील की।
विरोधाभास की साजिश- भाई-बहन का यह विरोधाभास एक सोची समझी राजनीति का हिस्सा है। प्रियंका वाड्रा, जिन्हें उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीति चमकानी है, उन्होंने हिन्दूओं को रिझाने के लिए बधाई दे दी लेकिन पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जिन्हें पूरे भारत में मुसलमानों और लिबरल जमात का साथ चाहिए, उस वोट बैंक का ध्यान करते हुए उन्होंने श्रीराम मंदिर का विरोध कर दिया।

साजिश में शामिल हुआ गैंग-अब कांग्रेस-लिबरल गैंग इसी साजिश पर काम कर रहा है। एक तरफ मंदिर का पूजन हो रहा था तो दूसरी तरफ यह गैंग श्रीराम मंदिर निर्माण के विरोध को हवा देकर मुस्लिम वोट बैंक की भावनाओं को भड़का रहा था।
राणा अयूब ने 05 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी के शासन काल की अनैतिकता का प्रतीक बता दिया-

वहीं राजदीप सरदेसाई ने पूरे निर्माण कार्य को political marketing बता दिया
द वायर के संस्थापक सिद्धार्थ वरदारजन ने श्रीराम मंदिर के निर्माण को विनाश बता दियासंजुक्ता बासु ने लिखा कि आज के दिन अराजकता जीत गई। और आशा जताई कि भविष्य में कोई सरकार आएगी जो बाबरी मस्जिद के ध्वंस और मंदिर निर्माण के लिए माफी मांगेंगी।

सर्वोच्च न्यायलय तक को भला बुरा कहने के आरोप में मानहानि का केस भुगत रहे प्रशांत भूषण ने इस दिन इतिहासका काला दिन बताया।
पत्रकार रोहिणी सिंह ने भी प्रधानमंत्री मोदी की राम भक्ति पर सवाल उठाने का मौका नहीं छोड़ा।

अरफा खानम ने इस देश के पूर्वजों पर ही सवाल खड़ा कर दिया।
भानू प्रताप मेहता ने तो मंदिर निर्णाण को हिन्दू औपनिवेशिकवाद कह डाला।
इस तरह कांग्रेस लिबरल गैंग ने अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए सारे तथ्यहीन तर्क रच डाले और इस देश ताने बाने को एक बार फिर जयचंद की तरह बरबाद करने का काम किया।

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