उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के लिए हो रहे विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच आरटीआई से हुए खुलासे ने कांग्रेस और उसकी आलाकमान सोनिया गांधी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आरटीआई के मुताबिक सोनिया गांधी ने पिछले डेढ़ साल से अपने घर का किराया नहीं भरा है। यहां तक कि गांधी परिवार ने दिल्ली में सरकार द्वारा आवंटित अपने दो बंगलो का किराया पिछले दस सालों से नहीं दिया है। जबकि यही सोनिया गांधी लॉकडाउन के दौरान सस्ती लोकप्रियता और प्रवासी मजदूरों की सहानुभूति हासिल करने के लिए उनके ट्रेन टिकट का खर्च वहन करने की बड़ी-बड़ी बातें की थीं।
गुजरात के सुजीत पटेल के 7 फरवरी, 2022 को दिए गए आरटीआई के जवाब में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने बकाया किराए के बारे में हैरान करने वाली जानकारी दी। इसके मुताबिक 10 जनपथ, 26 अकबर रोड और चाणक्यपुरी स्थित बंगालो का किराया कई सालों से बकाया है। गौरतलब है कि 10 जनपथ सोनिया गांधी का घर है। वहीं 26 अकबर रोड और चाणक्यपुरी वाले बंगले में गांधी परिवार ने अपना ऑफिस बना रखा है।
बीजेपी आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप लगाते हुए आरटीआई की एक कॉपी शेयर की है। अमित मालवीय ने एक ट्वीट किया और दावा किया कि सोनिया गांधी ने पिछले डेढ़ साल से अपने घर का किराया नहीं भरा है। साथ ही मालवीय ने निशाना साधते हुए कहा, सोनिया गांधी ने प्रवासी मजदूरों से टिकट भुगतान को लेकर बड़े वायदे किए थे।
Sonia Gandhi made a big deal about paying for tickets of migrant workers.
Turns out she has not paid her own house rent for one and a half year! pic.twitter.com/w5iKoTy7TH
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 10, 2022
आरटीआई के अनुसार सोनिया गांधी के आधिकारिक निवास 10 जनपथ का सितंबर 2020 के बाद से किराया नहीं दिया गया है। सोनिया गांधी को आवंटित यह घर देश के अन्य नेताओं के मुकाबले सबसे बड़ा है। यहां तक कि प्रधानमंत्री निवास 7 रेस कोर्स से भी बड़ा है। सेंट्रल पब्लिक डिपार्टमेंट के अनुसार सोनिया गांधी का आवास प्रधानमंत्री निवास से काफी बड़ा है। जहां प्रधानमंत्री आवास 7आरसीआर 14,101 वर्ग मीटर में बना है, वहीं सोनिया गांधी का निवास 15,181 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला है।
राजधानी दिल्ली में कांग्रेस को सरकार द्वारा आवंटित दो बगलो का किराया दस साल से बाकी है। 26 अकबर रोड के बंगले का दिसंबर 2012 के बाद से 12,69,902 रुपये किराया नहीं दिया गया है। चाणक्यपुरी के बंगले का किराया अगस्त 2013 के बाद से बाकी है, जिसकी सरकारी राशि 5,07,911 रुपये है। इन बंगालों का किराया मार्केट रेट से काफी कम है। मोदी सरकार ने इन बंगलों को खाली कराने के लिए कई नोटिस भेजे। लेकिन गांधी परिवार ने अपना कब्जा नहीं हटाया।
सबसे हैरानी की बात यह है कि कांग्रेस को दिल्ली में अपना कार्यालय भवन बनाने के लिए 2010 में जमीन दी गई थी। जमीन आवंटन के तीन साल के भीतर कांग्रेस को भवन का निर्माण करवा लेना था और बंगलों को 2013 तक खाली कर देना था। आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी ने तीन साल का अतिरिक्त समय देने का निवेदन किया था। जिसके बाद 2017 में भी कांग्रेस को नोटिस भेजा गया था। लेकिन कांग्रेस यहां से कब्जा हटने के लिए तैयार नहीं है।
इस तरह गांधी परिवार सरकारी बंगलों पर अवैध कब्जा कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहा है। लेकिन सोनिया गांधी ने प्रवासी मजदूरों को झूठा आश्वासन देकर देश को गुमराह किया था। 2020 में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से मजदूर लंबे वक्त से फंसे हुए थे। इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी सभी जरूरतमंद मजदूरों के रेल टिकट का खर्च उठाएगी।
कांग्रेस अध्यक्षा, श्रीमती सोनिया गांधी का बयान
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी। pic.twitter.com/DWo3VZtns0
— Congress (@INCIndia) May 4, 2020
यह पहला मामला नहीं है, जब कांग्रेस ने सरकारी संपत्ति पर कब्जा किया। आइए देखते हैं कांग्रेस ने देश में कहां-कहां दूसरे लोगों के घरों पर कब्जा कर रखा है…
नेशनल हेराल्ड हाऊस पर अवैध कब्जा
गांधी परिवार पर अवैध रूप से नेशनल हेराल्ड की मूल कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्ति हड़पने का आरोप है। वर्ष 1938 में कांग्रेस ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई थी। यह कंपनी नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज नाम से तीन अखबार प्रकाशित करती थी। एक अप्रैल, 2008 को ये अखबार बंद हो गए। मार्च 2011 में सोनिया और राहुल गांधी ने ‘यंग इंडिया लिमिटेड’ नाम की कंपनी खोली और एजेएल को 90 करोड़ का ब्याज-मुक्त लोन दिया। एजेएल यंग इंडिया कंपनी को लोन नहीं चुका पाई। इस सौदे की वजह से सोनिया और राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडिया को एजेएल की संपत्ति का मालिकाना हक मिल गया। इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के 76 प्रतिशत शेयर हैं। गांधी परिवार पर अवैध रूप से इस संपत्ति का अधिग्रहण करने के लिए पार्टी फंड का इस्तेमाल करने का आरोप लगा।
किराया नहीं देने पर गोरखपुर के कांग्रेस कार्यालय में ताला
गोरखपुर जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में नवंबर 2021 में फिर से ताला लगा दिया गया। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के पहले पुरदिलपुर स्थित कांग्रेस के कार्यालय पर ताला लगा दिया गया था। अचानक कार्यालय पर ताला लटकने के बाद कांग्रेसियों ने ट्रांसपोर्ट नगर में किराए का कमरा लेकर कार्यालय खोला था। 31 अक्टूबर,2021 को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की चंपा देवी पार्क में हुई रैली के तत्काल बाद मकान मालिक ने ट्रांसपोर्ट नगर स्थित जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यालय पर ताला लगा दिया। इस मामले में पीड़ित मकान मालिक का कहना था कि किराया नहीं मिलने के कारण मैंने कांग्रेस कार्यालय में ताला लगा दिया। जब कांग्रेसियों को उन्होंने मकान कार्यालय खोलने के लिए दिया था तब प्रतिमाह 15000 रुपये किराया तय हुआ था। किराया के लिए वह लगातार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात करते रहे, हर बार उन्हें आश्वासन दिया गया लेकिन किराया नहीं मिला।