2013 में कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी के शासन वाले 12 राज्य अपने यहां फल और सब्जियों को एपीएमसी एक्ट से बाहर करेंगे। अब कांग्रेस पार्टी ही एपीएमसी एक्ट में बदलाव का विरोध कर रही है। वहीं यूपीए सरकार में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण शरद पवार ने कहा था कि एपीएमसी (एग्री प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी) विधेयक में किसानों के हित में संशोधन किया जा सकता है। एनडीटीवी से खास बातचीत में शरद पवार ने कहा कि राज्यों को एपीएमसी में संशोधन के लिए प्रोत्सहित किया जा रहा है, ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए वैकल्पिक साधन सुलभ हो सके और निजी व सहकारी क्षेत्र की भूमिका बढ़ाई जा सके।
पवार ने कहा था कि किसान देश के किसी भी हिस्से में अपनी उपज बेच सकते हैं। वे मंडी में बेचने के लिए बाध्य नहीं होंगे। मंडी कराधान प्रणाली को भी हटा दिया जाएगा। कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र को भी प्रेवश दिया जाएगा, जिससे कृषि उत्पादों के विपणन में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि अधिक कृषि विकास पर एक बड़ी बाधा राज्यों का एपीएमसी अधिनियम है, जो मंडी प्रणाली के बाहर लेनदेन पर प्रतिबंध लगाता है। एपीएमसी एक्ट में संशोधन से कृषि में निजी क्षेत्र के आने से कोल्ड स्टोरेज और प्रसंस्करण यूनिटों को बढ़ावा मिल सकता है।