कोरोना महामारी संकट से निपटने के लिए मोदी सरकार के प्रयासों को डब्ल्यूएचओ और यूनेस्को समेत विश्व की कई बड़ी एजेंसियां प्रशंसा कर चुकी हैं। अब एक सर्वे में खुलासा हुआ है कि ग्रामीण भारत के 74 प्रतिशत लोग कोविड-19 के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उठाये गए कदमों से संतुष्ट हैं। गांव कनेक्शन के सर्वे में ग्रामीण भारत के 74 प्रतिशत लोग मोदी सरकार के कामकाज से संतुष्ट दिखे। इस सर्वे में देश के 3 केंद्र शासित प्रदेशों समेत 23 राज्यों के 179 जिलों में 25,300 लोगों को शामिल किया गया।
74 per cent of rural Indians are satisfied with steps taken by Modi government to fight the COVID-19 pandemic, according to survey by media platform Gaon Connection #thecovidruralreport
— Press Trust of India (@PTI_News) August 10, 2020
सर्वे में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान मोदी सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों का समर्थन करने वालों में से 37 प्रतिशत ने कहा कि वे सरकार के काम से बहुत संतुष्ट हैं, जबकि 37 प्रतिशत ने कहा कि वे केंद्र सरकार के कामों से कुछ हद तक संतुष्ट हैं। यानि कुल 74 फीसदी लोग मोदी सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं, वहीं 14 प्रतिशत से अधिक लोगों ने कहा कि वे मोदी सरकार से कुछ हद तक असंतुष्ट हैं, जबकि सिर्फ 7 प्रतिशत ने कहा कि वे सरकार के उपायों से बहुत ही अधिक असंतुष्ट हैं।
गांव कनेक्शन के संस्थापक नीलेश मिश्रा ने सर्वे जारी करते हुए कहा कि कोरोना संकट की इस घड़ी में ग्रामीण भारत, मेनस्ट्रीम राष्ट्रीय मीडिया के एजेंडे का हिस्सा नहीं रहा। यह सर्वे एक सशक्त दस्तावेज है जो बताता है कि ग्रामीण भारत अब तक इस संकट से कैटे निपटा और आगे उसकी क्या योजनाएं हैं। सीएसडीएस के प्रोफेसर संजय कुमार ने कहा कि सर्वे की विविधता, व्यापकता और इसके सैंपल साइज के आधार पर मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि यह अपनी तरह का पहला व्यापक सर्वे है, जो ग्रामीण भारत पर लॉकडाउन से पड़े प्रभाव पर फोकस करता है।
गांव कनेक्शन द्वारा कोरोना लॉकडाउन के बाद किए गए ग्राामीण भारत के पहले राष्ट्रव्यपाी सर्वे में ऐसी कई रोचक बातें निकल कर सामने आई हैं। 78 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह इस दौरान अपने राज्यों सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों से भी संतुष्ट हैं। सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि लॉकडाउन के दौरान लगभग 23 फीसदी ग्रामीणों को उधार लेना पड़ा, जबकि 8 फीसदी लोगों को अपने कीमती सामान जैसे घड़ी, मोबाइल आदि बेचने पड़े, जबकि 7 फीसदी लोगों को अपने गहने गिरवी रखने पड़े। 5 फीसदी लोग ऐसे भी थे, जिन्हें लॉकडाउन की दिक्कतों के कारण अपनी जमीन गिरवी रखनी पड़ी या उसे बचना पड़ा।
आपको बता दें कि कोरोना संकट को लेकर विरोधी दलों के लोगों ने मोदी सरकार को बदनाम करने की हरसंभव कोशिश की लेकिन इसके बावजूद लोग उनके झांसे में नहीं आए। अपने कार्यकाल के 6 साल पूरा करने के बाद भी नरेन्द्र मोदी भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री बने हुए हैं और यह बात कई सर्वे में आ चुकी हैं, लेकिन गांव के लोग प्रधानमंत्री मोदी के बारे में क्या राय रखते हैं,यह पहली बार किसी सर्वे में खुलासा हुआ है।