पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। मतदान की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, सियासी हलचल भी तेज होती जा रही है। जहां बीजेपी चुनावी वादों, रैलियों और प्रचार मध्यमों के जरिए जनता का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रही है, वहीं ममता बनर्जी की टीएमसी और कांग्रेस-वाम दलों-आईएसफ का गठबंधन मतदाताओं और विरोधियों को डराकर जीत हासिल करना चाहते हैं। इसके लिए पूरी तैयारी की जा रही है। मतदान से ठीक पहले भारतीय सेक्युलर फ्रंट के कार्यकर्ता के घर से बंदूक, बम और बम बनाने वाले सामान बरामद किए गए हैं।
दक्षिण 24 परगना पुलिस ने खुफिया सूचना के आधार पर सोमवार रात सीतूरी में आईएसएफ के कार्यकर्ता ज़ियारुल मोल्ला के घर पर छापा मारा और तलाशी के दौरान बम, विस्फोटक सामग्री, पिस्तौल और कुछ गोलियां बरामद की। इस दौरान मुख्य आरोपी जलील फरार हो गया लेकिन पुलिस ने उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया है। बरुईपुर जिला के डीएसपी तमल सरकार के मुताबिक रात में गुप्त सूत्रों से सूचना मिलने के बाद ज़ियारुल मोल्ला के घर की तलाशी शुरू की गई।
West Bengal: One arrested after police recovered arms & bomb-making equipment from his residence in South 24 Parganas.
“We conducted a search at Indian Secular Front (ISF) worker Ziarul Mollah’s house. We recovered shotgun & bombs & bomb-making equipment,” says police pic.twitter.com/0Thnh3RZF8
— ANI (@ANI) March 2, 2021
फरार ज़ियारुल फुरफुरा शरीफ प्रमुख पीरजादा अब्बास सिद्दीकी का करीबी है। सिद्दीकी ने हाल ही में आईएसएफ को लॉन्च किया है। आईएसएफ ने ममता सरकार पर आरोप लगाया है कि वह पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करवा रही और उन्हें झूठे आरोपों में फंसाने का प्रयास कर रही है। उसने तृणमूल कांग्रेस पर अपने समर्थकों पर हमला करने का भी आरोप लगाया।
गौरतलब है कि बंगाल में वाम दलों के साथ चुनाव लड़ रही कांग्रेस ने भारतीय सेक्युलर फ्रंट के साथ गठबंधन किया है। आईएसएफ अब्बास सिद्दीकी की पार्टी है। हालांकि गठबंधन को लेकर कांग्रेस के नेताओं ने ही सवाल उठा दिए हैं। राज्यसभा में पार्टी के उपनेता आनंद शर्मा ने इसे कांग्रेस की मूल विचारधारा के खिलाफ बता दिया। उन्होंने पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन को शर्मनाक बताया था। वहीं, आनंद शर्मा को जवाब देते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह गठबंधन पार्टी नेतृत्व की मंजूरी से हुआ है।