प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिपुरा में ब्रू-रिआंग शरणार्थियों को स्थायी रूप से बसाये जाने के समझौते का स्वागत किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि इससे उन्हें मदद मिलेगी। उन्होंने कहा ब्रू-रिआंग शरणार्थियों को सरकार के अनेक विकास कार्यक्रमों का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह खास दिन है।
Committed to the development of the Northeast and it’s citizens!
Today’s agreement will greatly help the Bru-Reang refugees. They will also benefit from numerous development schemes.
A special day indeed. https://t.co/jzlExPyjfB
— Narendra Modi (@narendramodi) January 16, 2020
गुरुवार, 16 जनवरी को 22 वर्षों से जारी ब्रू-शरणार्थी संकट को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने त्रिपुरा, मिजोरम और ब्रू समुदाय के सदस्यों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांग और अन्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे। समझौते के अनुसार 30 हजार से अधिक ब्रू-शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा। यह ऐतिहासिक समझौता उत्तर पूर्व की प्रगति और क्षेत्र के लोगों के सशक्तीकरण के लिए प्रधान मंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है। कार्यभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कई नीतिगत कदम उठाए हैं, जिससे इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास, पर्यटन और सामाजिक विकास में सुधार हुआ है।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस समुदाय के लोगों के पुनर्वास के लिए छह सौ करोड़ रुपए का पैकेज मंजूर किया है। अमित शाह ने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने लंबे समय से हजारों की संख्या में प्रताड़ित व्यक्तियों को पुनः बसाने का स्थायी समाधान निकाल लिया है। इस समझौते के अंतर्गत ब्रू-रियांग को पुनरस्थापित करने का यह मुद्दा त्रिपुरा और मिज़ोरम राज्य सरकारों व ब्रू-रियांग प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श कर एक नई व्यवस्था बनाने का फैसला किया जिसके अंतर्गत वे सभी ब्रू-रियांग परिवार जो त्रिपुरा में ही बसना चाहते हैं और उनके लिए त्रिपुरा में ही व्यवस्था करने का फैसला किया है।
श्री शाह ने बताया की इस नई व्यवस्था के अंतर्गत विस्थापित परिवारों को 40×30 फुट का आवासीय प्लॉट दिया जाएगा और उनकी आर्थिक सहायता के लिए प्रत्येक परिवार को 4 लाख रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट में, दो साल तक 5 हजार रुपये प्रतिमाह नकद सहायता, दो साल तक फ्री राशन और मकान बनाने के लिए 1.5 लाख रुपये दिये जाएंगे। इस नई व्यवस्था के लिए त्रिपुरा सरकार भूमि की व्यवस्था करेगी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1997 में जातीय तनाव के कारण करीब 5,000 ब्रू-रियांग परिवारों ने, जिसमें करीब 30,000 व्यक्ति थे, मिजोरम से त्रिपुरा में शरण ली जिनको वहां कंचनपुर, उत्तरी त्रिपुरा में अस्थायी शिविरों में रखा गया। वर्ष 2010 से भारत सरकार लगातार प्रयास करती रही है कि इन ब्रू-रियांग परिवारों को स्थायी रूप से बसाया जाए। वर्ष 2014 तक विभिन्न बैचों में 1622 ब्रू-रियांग परिवार मिजोरम वापस गए। ब्रू-रियांग विस्थापित परिवारों की देखभाल और पुनर्स्थापन के लिए भारत सरकार त्रिपुरा व मिजोरम सरकारों की सहायता करती रही है।
3 जुलाई, 2018 को भारत सरकार, मिज़ोरम व त्रिपुरा सरकार व ब्रू-रियांग प्रतिनिधियों के बीच एक समझौता हुआ था जिसके उपरान्त ब्रू-रियांग परिवारों को दी जाने वाली सहायता में काफी बढ़ोतरी की गई। समझौते के उपरान्त वर्ष 2018-19 में 328 परिवार, जिसमें 1369 व्यक्ति थे, त्रिपुरा से मिजोरम इस नए समझौते के तहत वापस गए। अधिकांश ब्रू-रियांग परिवारों की यह मांग थी कि उन्हें सुरक्षा की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए त्रिपुरा में ही बसा दिया जाए।