Home समाचार परिवारवादी पार्टियां नहीं कर सकतीं भाजपा का मुकाबला: प्रधानमंत्री मोदी

परिवारवादी पार्टियां नहीं कर सकतीं भाजपा का मुकाबला: प्रधानमंत्री मोदी

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यूपी सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव है, विपक्ष विकास, ध्रुवीकरण, रोजगार जैसे कई मुद्दों पर सवालों की बौछार करने में जुटा है। लेकिन मैदान में जब खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोर्चा संभाला है तो विपक्ष के हमलों की धार बेहद कुंद नजर आ रही है। प्रधानमंत्री मोदी के सटीक जवाबों से विपक्ष का चक्रव्यूह बिखरता दिखाई दे रहा है। पीएम मोदी राष्ट्रनिर्माण, परिवारवाद और 75 साल बनाम 7 साल की सफलता को तथ्यों से जोड़कर, जिस तरह से सामने रखते हैं। उसके आगे विपक्ष के सारे मुद्दे बेमानी नजर आ रहे हैं। सरकार के खिलाफ विपक्ष की मुहिम बेदम हो रही है।

परिवारवाद लोकतंत्र के लिए खतरा

दैनिक जागरण को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने परिवारवाद को खुली चुनौती देते हुए कहा है कि परिवारवादी पार्टियां कभी भी भाजपा का मुकाबला नहीं कर सकतीं। परिवारवादी पार्टियां लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा हैं। उन्होंने कहा, “परिवारवादी पार्टियां खुद के बारे में सोचती हैं। जबकि भाजपा पूरे समाज का और देश का सोचती है।” परिवारवादी पार्टियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर तीखा प्रहार किया, “अखिलेश को हर चुनाव में तिनके की जरूरत होती है, ताकि डूबें न। हर बार अलग तिनका ढूंढा, लेकिन बच नहीं पाए। अब पूरे देश में जनता विकास के साथ खड़ी है।“

ध्रुवीकरण के आरोपों पर विपक्ष को ही घेरा

मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष जिस मुद्दे को बार-बार हथियार के तौर पर इस्तेमाल करता है वो है ध्रुवीकरण। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने आंकड़े गिनाते हुए , विपक्ष के ध्रुवीकरण के आरोपों की भी हवा निकाल दी। भी। काशी विश्वनाथ कारिडोर को  ध्रुवीकरण से जोड़ने वालों को जवाब देते हुए पीएम मोदी कई उदाहरण सामने रखें। उन्होंने कहा, “ डा. एपीजे अब्दुल कलाम को समर्पित स्मारक रामेश्वरम में  बनाया गया, श्रीनगर के हजरतबल और तमिलनाडु के वेलंकनी चर्च में सुविधाओं में सुधार किया है, साथ ही गोवा के सेंट बाम जीसस चर्च के जीर्णोद्धार की योजना भी बनाई गई है।“ ध्यान देने वाली बात ये है कि ये सारी योजनाएं केवल हिंदुओं की आस्था से जुड़ी हुई नहीं हैं। ऐसे में अब विपक्ष को इस सवाल का जवाब देना है कि क्या मोदी सरकार इन सारी योजनाओं पर काम सिर्फ ध्रुवीकरण के लिए कर रही है या फिर इनके पीछे राष्ट्रनिर्माण की भावना है। 

रोजगार के मुद्दे पर पीएम ने रखी अपनी बात  

चुनावी माहौल में रोजगार का मुद्दे को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण इलाकों में रहने वाले में रहने वाले नौजवानों के रोजगार पर भी खुलकर अपनी बात सामने रखी है। पीएम मोदी ने कहा, गांवों में रोजगार के अवसर तभी बढ़ाए जा सकते हैं जब गांव में इसके लिए सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा सकें। गांव-गांव तक सड़कें पहुंच रही हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत 90 प्रतिशत से भी अधिक गांवों को कनेक्टिविटी मिली है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत दो करोड़ 17 लाख से भी अधिक आवास ग्रामीण क्षेत्र में बनाए गए हैं। जिससे लोगों के जीवन स्तर में काफी सुधार आया है। छह लाख से ज्यादा गांवों में ओएफसी केबल के अंतर्गत हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा पहुंचाने का लक्ष्य लेकर सरकार काम कर रही है।  

गांवों के विकास के लिए सरकार की कई योजनाएं

देश के ग्रामीण इलाके में विकास की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमने तीन लाख से अधिक कामन सर्विस सेंटर गांव-गांव में बनाए हैं। इनमें गांव के ही लाखों बेटे-बेटियों को रोजगार मिला है। आज गांव के लोग इन्हीं सेंटर पर आनलाइन सुविधाएं तेजी से प्राप्त कर पा रहे हैं। इसके साथ-साथ, आत्मनिर्भर रोजगार योजना, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन, आवास योजना, स्वच्छ भारत, गोबरधन, दीनदयाल अंत्योदय योजना जैसी अनेकों योजनाएं हैं जो आर्थिक अवसर पैदा करने में अति सहायक हैं। साथ ही कौशल विकास के प्रयासों पर भी लगातार बल दिया जा रहा है। इस प्रयास में ग्रामीण कौशल्य योजना बहुत सहायक है।“

यूपी के अलावा दूसरे राज्यों में भाजपा नेतृत्व पर बात

पीएम मोदी ने कहा कि जनता जनार्दन सरकार के विकास की कोशिशों को समझ रही है और इसकी सराहना भी कर रही है। राज्यों में भाजपा नेतृत्व के काम-काज की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भाजपा के सभी मुख्यमंत्री अच्छा काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री उत्तराखंड को लेकर भी आश्वस्त हैं और कहते हैं कि हमने राज्य में मुख्यमंत्रियों को बदला। लेकिन जनता के प्रति अपने कर्तव्यों को नहीं बदला और ना ही उनको पूरा करने में कोई कोर कसर छोड़ी। हमारे लिए लक्ष्य और जनमानस के प्रति हमारा कर्तव्य सर्वोपरि है। हम समय-समय पर जरूरी बदलाव करने से कभी नहीं हिचकते लेकिन किसी भी बदलाव का फर्क हमारी सरकार की डिलीवरी पर नहीं पड़ता।“  प्रधानमंत्री का मानना है कि भाजपा के सभी मुख्यमंत्री अच्छा काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री उत्तराखंड को लेकर भी आश्वस्त हैं, उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्रियों को बदला गया है , लेकिन जनता के प्रति कर्तव्यों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सरकार ने जनहित के कामों को पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। पीएम मोदी ने कहा, “राज्य में कोविड टीकाकरण की उपलब्धि को ही लीजिए। उत्तराखंड एक करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले राज्यों में शत-प्रतिशत टीकाकरण करने वाला पहला राज्य बना। इस टीकाकरण अभियान को त्रिवेंद्र रावत सरकार ने चालू किया, तीरथ सिंह रावत सरकार ने आगे बढ़ाया और पुष्कर धामी सरकार ने पूरा किया। भाजपा सरकार की ऐसी ही कार्यशैली हमने जल जीवन मिशन, आयुष्मान भारत योजना और गरीबों के लिए मुफ्त राशन की पीएम गरीब कल्याण जैसी योजनाओं में भी देखी गई”

 शहरीकरण की चुनौतियां और राज्यों की भूमिका 

शहरीकरण की चुनौतियों पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इसमें राज्यों की अहम भूमिका है। और शहरों के विकास के लिए राज्य बहुत कुछ कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “साबरमती रिवरफ्रंट हो या बीआरटीएस, गुजरात में शहरी विकास का कार्य तो मुख्यत: राज्य सरकार ने ही किया था न? इसी तरह, आप उत्तर प्रदेश के शहरों की बदलती तस्वीर को देखें। एक उदाहरण के तौर पर, 2017 से पहले यूपी के सिर्फ दो शहरों में मेट्रो सुविधा थी और आज पांच शहरों में यह सुविधा है। कानपुर ने सबसे अधिक तेजी से बनने वाली मेट्रो देखी है। पांच और शहरों में मेट्रो का काम बहुत ही तेजी से चल रहा है। आज यूपी देश का ऐसा राज्य बन रहा है जहां पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट होने वाले हैं। पूर्वाचल में कुशीनगर एयरपोर्ट तैयार हो चुका है और पश्चिमी यूपी में जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर काम चल रहा है। यानी पूरा यूपी इंटरनेशनल कनेक्टिविटी से जुड़ रहा है। इसी प्रकार यूपी में एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाया जा रहा है। पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे और मेरठ एक्सप्रेस-वे पूरे हो चुके हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जल्द ही पूरा होने वाला है। बाकी एक्सप्रेस-वे पर तेजी से काम चल रहा है। यह तभी हो पाया है, जब राज्य ने पहल की और केंद्र ने समर्थन किया।“

 स्मार्ट सिटी मिशन पर पीएम का प्लान

देश में तेजी से स्मार्ट सिटी के विकास के लक्ष्यों को जल्द से जल्द पूरा करने को लेकर पीएम मोदी ने कहा, “हमारा लक्ष्य शहरों में स्मार्ट सुविधाएं विकसित करना है। ये शहर पुराने हैं, लेकिन उनमें सुविधाएं स्मार्ट हों, इस समय दो लाख करोड़ से भी अधिक के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और कई तो पूरे भी होने वाले हैं। हमारी इस योजना के तहत, हमने तीन मुख्य बातों पर बल दिया। पहला – मौजूदा शहरी सुविधाओं में सुधार। दूसरा -इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करना। और तीसरा – ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट यानी नये प्रोजेक्ट का निर्माण। आप यह जानना चाहते थे कि शहरी विकास को लेकर हम कितने गंभीर हैं तो मैं आपको बता दूं कि हमारे लिए शहरी विकास का मतलब है कि गरीब और मिडिल क्लास का जीवन आसान कैसे हो, शहर में गरीबों को रोजी-रोटी के बेहतर अवसर कैसे मिलें।“

 विपक्ष में नेतृत्व के होड़ पर बोले पीएम

विपक्ष में नेतृत्व के होड़ पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब देश का नागरिक राजनीतिक दलों का मूल्यांकन उनकी कोरी बातों के आधार पर, उनके बड़बोलेपन पर या उनकी घोषणाओं पर नहीं करते। उन्होंने कहा, “मतदाता का मूल्यांकन ठोस हकीकतों पर होता है। दूसरा, आपने जितनी पार्टियों का नाम लिया उनके लिए लोकतंत्र की परिभाषा अलग है। लोकतंत्र की बात करते हुए हमेशा कहा जाता है- गवर्नमेंट आफ द पीपल, बाई दल पीपल, फार द पीपल यानी जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन, लेकिन परिवारवादी पार्टियां कहती हैं- परिवार का, परिवार के लिए, परिवार द्वारा शासन। और इसलिए भारत जो कि एक आकांक्षी समाज है, भारत का युवा जो सपनों को पूरा करने के लिए जी जान से जुटा हुआ है वह ऐसी किसी बात को स्वीकार नहीं करना चाहता है। आपको यह बात भी ध्यान में रखनी होगी कि ऐसे प्रयास 2019 में भी हुए थे और गाजे बाजे के साथ हुए थे। लेकिन देश की जनता ने इन लोगों को आइना दिखा दिया। ये लोग हर बार यही प्रयास करते हैं, इस बार भी कर लेने दीजिए।“

 भाजपा केवल एक पार्टी नहीं-प्रधानमंत्री मोदी

दैनिक जागरण को दिए गए अपने इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा के स्थापित मापदंड का हवाला देते हुए कह कि भाजपा एक राजनीतिक पार्टी मात्र नहीं है। यह एक ऐसा परिवार है, जहां हर सदस्य को अपनी जिम्मेदारी का पूरा अहसास है और उसके लिए हम सभी जी जान से काम करते हैं। हमारे लिए लक्ष्य और जनमानस के प्रति हमारा कर्तव्य सर्वोपरि है। इसी क्रम में हम समय-समय पर जरूरी बदलाव करने से कभी नहीं हिचकते लेकिन किसी भी बदलाव का फर्क हमारी सरकार की डिलीवरी पर नहीं पड़ता।

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