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प्रधानमंत्री मोदी के भोजन पर नहीं होता सरकारी खर्च, खुद उठाते हैं अपने खाने-पीने का खर्च

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपना जीवन बड़ी सादगी से जीते हैं। आम तौर पर प्रधानमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति का सारा खर्च केंद्र सरकार ही वहन करती है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इस मामले में अलग सोच रखते हैं। उनका मानना है कि सक्षम व्यक्ति न केवल अपना खर्च खुद वहन करें, बल्कि जरूरतमंदों की मदद के लिए भी आगे आएं। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी अपने भोजन और कपड़ा के लिए भारत सरकार के पैसे का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वो अपने भोजन का खर्च खुद उठाते हैं। 

अपने खाने-पीने का खर्च खुद उठाते हैं पीएम मोदी

दरअसल हाल ही में एक आरटीआई में प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर होने वाले भोजन के खर्च को लेकर सवाल पूछा गया था। इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय के केंद्रीय सूचना अधिकारी ने विस्तार से जवाब दिया है। आरटीआई के जवाब में अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी अपने खाने का खर्च खुद उठाते हैं। उनके खाने पर सरकार का कोई खर्च नहीं होता है। यहां तक कि देश या विदेश में यात्रा के दौरान भी विमान में घर का बना खाना पैक कराकर ले जाते हैं और खाते हैं। इसमें अधिकतर खिचड़ी होती है।

गुजराती खाना पसंद, कैंटीन में भोजन का खुद किया भुगतान

इससे पहले 2015 में एक आरटीआई के जवाब में सूचना अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी गुजराती खाना पसंद करते हैं। वह अपने कुक बद्री मीणा के हाथ से बना खाना खाते हैं। पीएम बाजरे की रोटी और खिचड़ी खाना पसंद करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो मार्च, 2015 को बजट सत्र के दौरान संसद भवन की कैंटीन में पहुंचकर सभी को चौंका दिया था। यह पहली बार था जब किसी प्रधानमंत्री ने कैंटीन में भोजन किया था। यह उनकी सादगी ही थी कि उन्होंने पानी भी आरओ का ही लिया। प्रधानमंत्री ने शाकाहारी भोजन की थाली का खुद ही 29 रुपये का भुगतान किया था।

CPWD पर पीएम आवास की देखरेख की जिम्मेदारी 

आरटीआई के जवाब में आगे बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास की देखरेख केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा की जाती है। वहीं प्रधानमंत्री की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी के पास है, ऐसे में उनकी सभी गाड़ियों की देखरेख एसपीजी ही करती है। इसके अलावा आरटीआई में पीएम की सैलरी को लेकर भी जानकारी मांगी गई थी, लेकिन पीएमओ ने नियमों का हवाला देते हुए इसको बताने से इनकार कर दिया। हालांकि उनकी ओर से सिर्फ वेतनवृद्धि नियमानुसार किए जाने की जानकारी दी गई है।

कपड़ों के खर्च का भुगतान स्वयं करते हैं पीएम मोदी

एक आरटीआई प्रधानमंत्री मोदी के कपड़ों पर होने वाले खर्च को लेकर भी लगाई गई थी, तब पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री अपने कपड़ों के खर्च का भुगतान स्वयं करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के निजी कपड़ों पर होनेवाला खर्च प्रधानमंत्री अपनी सैलरी से ही उठाते हैं। इसके लिए सरकारी कार्यालय की तरफ से कोई रकम खर्च नहीं की जाती है। सूचना के अधिकार के तहत इस जवाब के बाद आरटीआई कार्यकर्ता सब्बरवाल ने कहा था, ‘बहुत से लोगों को अब तक ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी के कपड़ों पर सरकारी खजाने से बड़ी रकम खर्च की गई है। आरटीआई से मिली जानकारी से लोगों का यह भ्रम दूर होगा।’

“ही इज ऑन ड्यूटी ऑल द टाइम”

एक आरटीआई के जरिए पीएम मोदी की छुट्टियों को लेकर जानकारी मांगी गई थी। पीएमओ ने इसका जवाब देते हुए बताया था कि नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद एक भी दिन छुट्टी नहीं ली है। एक आरटीआई आवेदन के जवाब में पीएमओ ने कहा था, “ही इज ऑन ड्यूटी ऑल द टाइम।” पूर्व प्रधानमंत्रियों की छुट्टियों के बारे में पीएमओ ने कहा कि इस बारे में कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। प्रधानमंत्री के लिए छुट्टियों का कोई नियम नहीं है। इसके लिए कभी लीव एप्लिकेशन भी नहीं भेजी जाती। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वे कभी छुट्टी नहीं ले सकते।

पीएम मोदी ने ऑफिस से नहीं लिया स्मार्टफोन

2015 में एक अन्य आरटीआई में तो पीएमओ से प्रधानमंत्री के फोन और इंटरनेट स्पीड के बीरे में जानकारी मांग ली गई थी। इसका भी जवाब दिया गया था। जवाब में कहा था पीएमओ का इंटरनेट स्पीड 34 Mbps है। प्रधानमंत्री मोदी ने ऑफिस से स्मार्टफोन नहीं लिया है। वे आईफोन यूज करते हैं। यह उनका पर्सनल फोन। सोशल मीडिया अकाउंट्स भी खुद हैंडल करते हैं।

 

 

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