भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़ा और आधुनिक मंदिर बनकर लभगभ तैयार हो चुका है। फिलहाल इस मंदिर को अंतिम रूप देने का काम तेजी से चल रहा है। इस दौरान प्रधान पुजारी नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार (30 मार्च) की शाम को अचानक लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर पहुंच कर सबको हैरान कर दिया। मंदिर के प्रधान पुजारी ने एक घंटे से अधिक समय तक अधिकारियों के साथ एक-एक चीज का बारीकी से जायजा लिया। प्रधान पुजारी यानी प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा और लोकसभा के दोनों भवनों के साथ ही सांसदोंं के बैठने के कक्ष, भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए लाउंज, पुस्तकालय, समिति कक्ष और पर्याप्त पार्किंग स्थान का निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने वहां मौजूद कामगारों से बातचीत भी की। प्रधानमंत्री मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे।
नये संसद भवन का अचानक अवलोकन करने पहुंचे पीएम मोदी pic.twitter.com/6ToOZw79aw
— Social Tamasha (@SocialTamasha) March 30, 2023
डिजिटल और टच स्क्रीन से सुसज्जित सीटों के बारे में ली जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा और राज्यसभा में सांसदोंं के बैठने के कक्ष का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने डिजिटल प्रणाली और टच स्क्रीन से सुसज्जित सीटों के बारे में जानकारी ली। सांसदोंं के बैठने के लिए लोकसभा कक्ष में 888 और राज्यसभा कक्ष में 384 सीटें लगाई गई हैं। संयुक्त सत्र के लिए सीटों की व्यवस्था की गई है। संयुक्त सत्र के समय लोकसभा कक्ष में 1,272 संसद सदस्य बैठ सकते हैं। हाईटेक और आधुनिक सुविधाओं से युक्त लोकसभा और राज्यसभा के कक्ष की भव्यता देखते बन रही है। लोकसभा कक्ष का डिजाइन राष्ट्रीय पक्षी मयूर और राज्यसभा कक्ष का डिजाइन राष्ट्रीय पुष्प कमल को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसके साथ ही इस कक्ष में मनमोहक भारतीय कलाकृतियों और स्थापत्य कला को भी शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने आज निर्माणाधीन नए संसद भवन का निरीक्षण किया और वहां काम कर रहे श्रमिकों से बातचीत भी की। pic.twitter.com/R2K2Q3mTRo
— Manoj Tiwari 🇮🇳 (@ManojTiwariMP) March 30, 2023
पीएम मोदी ने नए संसद भवन में लगी कलाकृतियों का किया अवलोकन
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन में लगी कलाकृतियों का भी अवलोकन किया। भारत की विभिन्न कल परंपरा और स्थान का प्रतिनिधित्व करने वाली मनमोहक कलाकृतियों को देखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी भी थोड़ी देर के लिए रूक गए। उन्होंने गौर से इन कलाकृतियों को देखा। गौरतलब है कि संसद भवन के नए भवन में भारतीय सभ्यता के 5000 वर्षों को दर्शाया गया है। सनातन परंपरा और वास्तु कला के लगभग 5,000 कलाकृतियों को लगाया गया है, जिसमें पेंटिंग, डेकोरेटिव पीस, दीवार पैनल, पत्थर की मूर्तियां और धातु की वस्तुएं शामिल है। नए संसद भवन की दीवारों को कलाकृतियों से सजाने के लिए एक हजार से अधिक कारीगरों और कलाकारों को लगाया गया था। इसमें देश भर के स्वदेशी और जमीनी कलाकारों को शामिल किया गया था।
नए संसद भवन के निर्माण में श्रमिकों के योगदान की तारीफ
प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन के निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों से भी मुलाकात की। अपने बीच प्रधानमंत्री को पाकर श्रमिकों की खुशी का ठिकान नहीं रहा। इस दौरान श्रमिक हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री मोदी का अभिवादन किया और हाथ जोड़े खड़े रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने भी हाथ जोड़कर उनको सम्मान दिया और उनका उत्साह बढ़ते हुए निर्माण कार्य में उनके योगदान की तारीफ की। प्रधानमंत्री मोदी और श्रमिकों के बीच का यह संवाद बताता है कि प्रधानमंत्री देश के विश्वकर्मा से किस तरह जुड़े हैं। इससे पहले भी प्रधानंत्री मोदी नए संसद भवन का दौरा कर निर्माण कार्य का जायजा ले चुके हैं। हर बार उन्होंने श्रमिक से मुलाकात कर उनकी परेशानियों और जरूरतों के बारे में जानकारी ली।
नए संसद भवन की भव्यता देखकर हर भारतवासी को गर्व
नए संसद भवन के भव्य और दिव्य रूप देखकर हर भारतवासी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। लोगों का कहना है कि यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बदल रहे भारत और ‘न्यू इंडिया’ का प्रमाण है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने नए संसद भवन की तारीफ करते हुए ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, “नये भारत की जन आकांक्षाओं का दर्पण नया आधुनिक और विश्वस्तरीय तकनीकी सुविधाओं से युक्त संसद भवन। अमृतकाल में नव निर्माणों के काल में श्री राम मंदिर और लोकतंत्र के मंदिर (संसद) का नव निर्माण भारत के उभरते नए स्वरूप और लोकतंत्र के नए व्याप का परिचायक है।” इसी तरह जैन मुनि आचार्य लोकश ने ट्वीट कर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने लिखा, ” संसद भवन की नई बिल्डिंग के भूमिपूजन पर जैन प्रार्थना नवकार मंत्र, महावीर वाणी को प्रस्तुत करने का सौभाग्य मिला था। आज उसका भव्य दिव्य रूप को देखकर हर भारतवासी के साथ मैं भी हूँ गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।
संसद भवन की नई बिल्डिंग के भूमिपूजन पर #जैन प्रार्थना नवकार मंत्र, महावीर वाणी को प्रस्तुत करने का सौभाग्य मिला था
आज उसका भव्य दिव्य रूप को देखकर हर भारतवासी के साथ मैं भी हूँ गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ- #जैन_आचार्य_लोकेश pic.twitter.com/1q294K3ekY— Acharya Lokesh Muni (@Munilokesh) March 31, 2023
अक्टूबर 2023 तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा नया संसद भवन
गौरतलब है कि नया संसद भवन अक्टूबर 2023 तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा और संसद के शीतकालीन सत्र में इसके उद्घटान की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। इस कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, कैबिनेट मंत्रियों और विभिन्न देशों के राजदूतों ने भाग लिया था। नई संसद का क्षेत्रफल 64,500 वर्ग मीटर है। नए संसद भवन का आकार त्रिकोणीय है। नए भवन को 150 से अधिक वर्षों के लाइफस्पैन के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये भवन पूर्ण रूप से भूकंपरोधी है, जिसका डिजाइन ‘HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड’ ने तैयार किया है। इसके आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं। इस भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कर रहा है। मोदी सरकार ने 2019 में सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना शुरू की थी, जिसमें नई दिल्ली में अन्य परियोजनाओं के साथ-साथ एक नए संसद भवन का निर्माण भी शामिल है।